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''बेशक सिर फोड़ देना या फुड़वा लेना, लेकिन किसी को भी सड़क पर आने मत देना'' जानिए कैथल पुलिस ने क्यों कहा ऐसा?

कैथल में किसानों ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ का विरोध किया था और इस दौरान मौके पर मौजूद एक पुलिस इंस्पेक्टर का वीडियो वायरल हो रहा है जिसे लेकर अब बवाल खड़ा हो गया है. हालांकि अभी इस मामले में जांच की जा रही है.

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Published : Apr 13, 2021, 12:55 PM IST

controversial video of Kaithal police is trending on social media
''बेशक सिर फोड़ देना या फुड़वा लेना, लेकिन किसी को भी सड़क पर आने मत देना'' जानिए कैथल पुलिस ने क्यों कहा ऐसा?

कैथल: सोशल मीडिया पर कैथल पुलिस के अधिकारियों का एक वीडियो वायरल काफी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिस वाले कह रहे हैं कि ''बेशक सिर फुड़वा लेना या फोड़ देना लेकिन किसी को भी सड़क पर आने मत देना''. ये वीडियो वायरल होते ही पुलिस अधिकारियों में और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया.

आपको बता दें कि कैथल में किसानों ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ का विरोध किया था, इस दौरान एक पुलिस इंस्पेक्टर पुलिसकर्मियों को कह रहा है कि बेशक सिर फोड़ देना या फुड़वा लेना लेकिन कोई सड़क पर नहीं आना चाहिए.

''बेशक सिर फोड़ देना या फुड़वा लेना, लेकिन किसी को भी सड़क पर आने मत देना'' जानिए कैथल पुलिस ने क्यों कहा ऐसा?

ये भी पढ़ें: हरियाणा में लगा नाइट कर्फ्यू, कैथल मेले में पुलिस ने श्रद्धालुओं पर बरसाए डंडे

वायरल वीडियो पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाकियू युवा प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट विक्रम कसाना ने कहा कि इस पुलिस इंस्पेक्टर ने अपनी वर्दी पर नेम प्लेट भी नहीं लगा रखी थी. विक्रम कसाना ने कहा कि उन्होंने सुबह से ही उक्त पुलिस अधिकारी को लेकर सिटी थाना प्रभारी शिवकुमार सैनी से बात की थी और उनकी नेम प्लेट न होने की बात कही थी जिस पर एसएचओ ने भीड़-भाड़ में नेम प्लेट कहीं गिर जाने की बात कही थी.

ये भी पढ़ें: हरियाणा के इस जिले में भिड़े वकील और पुलिस, सीसीटीवी ने खोली पोल

वहीं विक्रम कसाना ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के रूल के मुताबिक कहीं पर भीड़ उग्र रूप ले लेती है तो उस दौरान किसी भी पुलिस अधिकारी को सिर में डंडा मारने की इजाजत नहीं होती, इसके अलावा विक्रम कसाना ने कहा कि यदि कोई भी धरना, प्रदर्शन या इस प्रकार की भीड़ पर लाठी चार्ज करने की नौबत आती है तो उसके लिए जिला प्रशासन द्वारा किसी एचसीएस स्तर के अधिकारी को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया जाता है, ऐसे पुलिस अधिकारियों को तो वैसे भी लाठीचार्ज और सिर में डंडा मारने की इजाजत नहीं होते.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में फिर से पलायन का दौर शुरू! अनाज मंडियों में हो रही है मजदूरों की कमी

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ये पुलिसवाले सरेआम सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की भी धज्जियां उड़ा रहे हैं. विक्रम कसाना ने कहा कि उक्त वीडियो की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और वीडियो में बोलने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.

वहीं दूसरी तरफ इस बारे में बातचीत के दौरान सिटी थाना प्रभारी शिव कुमार ने बताया कि वीडियो में केवल पुलिस कर्मचारियों को सही तरीके से ड्यूटी करने के लिए कहा जा रहा है. नेम प्लेट न लगाने के सवाल पर थाना प्रभारी शिव कुमार ने कहा कि भीड़ और धक्का-मुक्की में नेम प्लेट कहीं गिर गई होगी जिसको भविष्य में लगा कर रखा जाएगा.

विडियो को लेकर कैथल एसपी का बयान

कैथल पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह से जब इस मामले पर बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि वीडियो देख कर ही कुछ कहा जा सकेगा, अभी वीडियो की जांच की जा रही है, उसके बाद ही इस मामले में कार्रवाई की जाएगी.

कैथल: सोशल मीडिया पर कैथल पुलिस के अधिकारियों का एक वीडियो वायरल काफी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिस वाले कह रहे हैं कि ''बेशक सिर फुड़वा लेना या फोड़ देना लेकिन किसी को भी सड़क पर आने मत देना''. ये वीडियो वायरल होते ही पुलिस अधिकारियों में और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया.

आपको बता दें कि कैथल में किसानों ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ का विरोध किया था, इस दौरान एक पुलिस इंस्पेक्टर पुलिसकर्मियों को कह रहा है कि बेशक सिर फोड़ देना या फुड़वा लेना लेकिन कोई सड़क पर नहीं आना चाहिए.

''बेशक सिर फोड़ देना या फुड़वा लेना, लेकिन किसी को भी सड़क पर आने मत देना'' जानिए कैथल पुलिस ने क्यों कहा ऐसा?

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वायरल वीडियो पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाकियू युवा प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट विक्रम कसाना ने कहा कि इस पुलिस इंस्पेक्टर ने अपनी वर्दी पर नेम प्लेट भी नहीं लगा रखी थी. विक्रम कसाना ने कहा कि उन्होंने सुबह से ही उक्त पुलिस अधिकारी को लेकर सिटी थाना प्रभारी शिवकुमार सैनी से बात की थी और उनकी नेम प्लेट न होने की बात कही थी जिस पर एसएचओ ने भीड़-भाड़ में नेम प्लेट कहीं गिर जाने की बात कही थी.

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वहीं विक्रम कसाना ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के रूल के मुताबिक कहीं पर भीड़ उग्र रूप ले लेती है तो उस दौरान किसी भी पुलिस अधिकारी को सिर में डंडा मारने की इजाजत नहीं होती, इसके अलावा विक्रम कसाना ने कहा कि यदि कोई भी धरना, प्रदर्शन या इस प्रकार की भीड़ पर लाठी चार्ज करने की नौबत आती है तो उसके लिए जिला प्रशासन द्वारा किसी एचसीएस स्तर के अधिकारी को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया जाता है, ऐसे पुलिस अधिकारियों को तो वैसे भी लाठीचार्ज और सिर में डंडा मारने की इजाजत नहीं होते.

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उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ये पुलिसवाले सरेआम सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की भी धज्जियां उड़ा रहे हैं. विक्रम कसाना ने कहा कि उक्त वीडियो की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और वीडियो में बोलने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.

वहीं दूसरी तरफ इस बारे में बातचीत के दौरान सिटी थाना प्रभारी शिव कुमार ने बताया कि वीडियो में केवल पुलिस कर्मचारियों को सही तरीके से ड्यूटी करने के लिए कहा जा रहा है. नेम प्लेट न लगाने के सवाल पर थाना प्रभारी शिव कुमार ने कहा कि भीड़ और धक्का-मुक्की में नेम प्लेट कहीं गिर गई होगी जिसको भविष्य में लगा कर रखा जाएगा.

विडियो को लेकर कैथल एसपी का बयान

कैथल पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह से जब इस मामले पर बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि वीडियो देख कर ही कुछ कहा जा सकेगा, अभी वीडियो की जांच की जा रही है, उसके बाद ही इस मामले में कार्रवाई की जाएगी.

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