कैथलः शहर में कमेटी चौक स्थित बाल उपवन आश्रम में पल रही अंजली को बेल्जियम दम्पत्ति ने गोद लिया है. ये गोद लेने की प्रक्रिया भारत सरकार और बेल्जियम सरकार के संयुक्त प्रयासों से पूरी हो पाई है. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी तरणजीत कौर, संस्था के प्रधान रवि भूषण गर्ग और अन्य सदस्यों के बीच अंजली को दम्पत्ति निजकृश और स्कुब मार्टिन को सौंपा गया.
ऐसे मिली थी अंजली
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी तरणजीत कौर ने जानकारी देते हुए कहा कि बाल उपवन आश्रम एक स्पेशलाइज एडॉप्शन एजेंसी है. इस एजेंसी द्वारा जनवरी 2017 में सीडब्ल्युसी कुरुक्षेत्र द्वारा अंजली को भेजा गया था. इस आश्रम में पूरी कानूनी प्रक्रिया के बाद इसे यहां पर रखा गया और सभी सुविधाएं मुहैया करवाते हुए पालन पोषण किया गया. इसके बाद आश्रम द्वारा सारा पोर्टल यानि सेंट्रल अडोप्शन अथोरिटी पर अंजली की डिटेल डाली गई. चार साल के बाद बेल्जियम के दम्पत्ति निजकृश और स्कुब मार्टिन ने पोर्टल के माध्यम से गोद लेने की प्रक्रिया स्वीकृत की.
'अंजली को पाकर हम खुश हैं'
निजकृश और स्कुब मार्टिन दम्पत्ति बेल्जियम में बिजनेस मैन के रूप में कार्यरत हैं. अंजलि की मदर निजकृश ने बताया कि हम अंजली को पाकर बहुत खुश हैं क्योकि अब इसके साथ हम पूरा परिवार हो गए हैं. अब इसके साथ हम घर जाएंगे. लोगों ने यहां इसका अच्छे से ख्याल रखा है और यहां हमारा स्वागत बहुत अच्छे से हुआ है. उन्होंने बताया कि अंजलि को पाकर हम बहुत खुश हैं. हम बेल्जियम में बच्चा गोद लेने वाली एक एजेंसी के साथ काम करते हैं.
दो लड़कों के बावजूद थी इच्छा
अंजली की मदर निजकृश ने बताया कि हम हमेशा से ही दो लड़के होने के बावजूद भी बच्चा गोद लेना चाहते थे तो इसके लिए हमने भारत को चुना तो इस प्रकार ये हमें मिली. घर में अंजली के ख्याल को लेकर निजकृश ने कहा की मैं बेल्जियम में एक समाजिक कार्यकर्ता हूं और कुछ ही महीनों में मेरी जॉब खत्म हो जायेगी, तो इसके बाद मेरे पास इसके साथ रहकर देखभाल का टाइम होगा. इसके बाद जब ये स्कूल जाने लगेगी तो फिर से मेरे पास जॉब पर जाने का समय होगा.