कैथल: सरकार की योजना के अनुसार पाई गांवों के लोगों को 11 साल बीत जाने के बाद भी 100-100 वर्ग गज के प्लॉट नहीं मिल पाए हैं. अपनी इसी बात को लेकर ग्रामीण लघु सचिवालय पहुंचे. इस दौरान ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
डीसी को सौंपा ज्ञापन
इसके बाद उन्होंने अपनी मांगों का एक ज्ञापन डीसी प्रियंका सोनी को सौंपा. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने उनके गांव में गरीब लोगों के साथ भेदभाव किया है. ग्रामीणों का आरोप है कि आसपास के गांव के लोगों को सरकार की योजना के अनुसार प्लॉट मिल चुके हैं, लेकिन उनके गांव में पात्र लोगों को अब तक प्लाट नहीं मिले हैं.
सरकार की योजना का नहीं मिला लाभ
ग्रामीणों का कहना है कि सरकार की योजना के तहत पाई गांव में करीब एक हजार गरीब लोगों को प्लॉट मिलने थे, लेकिन उन्हें नहीं मिले. सरकार की योजना के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने साल 2008 में प्रदेशभर के सभी गांव में गरीब परिवारों को 100-100 वर्ग गज के प्लॉट पंचायती जमीन से काटकर रहने के लिए फ्री दिए थे.
'रजिस्ट्री और इंतकाल भी नहीं हुआ'
उसी समय प्रदेश के सभी गांव में प्लाटों की रजिस्ट्री और इंतकाल करवाकर गरीब परिवारों को कब्जा दे दिया गया था, लेकिन उनके गांव पाई में गरीब परिवारों का कब्जा तो दूर की बात रजिस्ट्री और इंतकाल तक नहीं हो पाया है.
'आश्वासनों के सिवाए नहीं मिला कुछ'
ग्रामीणों का आरोप है कि वे अपनी समस्याओं को लेकर गांव के सरपंच, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी पूंडरी, एडीसी तक को मिल चुके हैं, लेकिन उन्हें आश्वासनों के सिवाए आज तक कुछ नहीं मिला है.