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सरकार की योजना के तहत नहीं मिला प्लॉट, गुस्साए ग्रामीणों ने DC को सौंपा ज्ञापन

मंगलवार को कैथल के पाई गांव के गुस्साए ग्रामीणों ने डीसी को ज्ञापन सौंपा. ग्रामीण सरकारी योजना के तहत फ्री में प्लॉट न मिलने से नाराज हैं. इसी के चलते गुस्साए ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम डीसी को ज्ञापन सौंपा.

गुस्साए ग्रामीणों ने DC को सौंपा ज्ञापन
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Published : Jul 2, 2019, 11:58 AM IST

कैथल: सरकार की योजना के अनुसार पाई गांवों के लोगों को 11 साल बीत जाने के बाद भी 100-100 वर्ग गज के प्लॉट नहीं मिल पाए हैं. अपनी इसी बात को लेकर ग्रामीण लघु सचिवालय पहुंचे. इस दौरान ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

डीसी को सौंपा ज्ञापन
इसके बाद उन्होंने अपनी मांगों का एक ज्ञापन डीसी प्रियंका सोनी को सौंपा. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने उनके गांव में गरीब लोगों के साथ भेदभाव किया है. ग्रामीणों का आरोप है कि आसपास के गांव के लोगों को सरकार की योजना के अनुसार प्लॉट मिल चुके हैं, लेकिन उनके गांव में पात्र लोगों को अब तक प्लाट नहीं मिले हैं.

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सरकार की योजना का नहीं मिला लाभ
ग्रामीणों का कहना है कि सरकार की योजना के तहत पाई गांव में करीब एक हजार गरीब लोगों को प्लॉट मिलने थे, लेकिन उन्हें नहीं मिले. सरकार की योजना के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने साल 2008 में प्रदेशभर के सभी गांव में गरीब परिवारों को 100-100 वर्ग गज के प्लॉट पंचायती जमीन से काटकर रहने के लिए फ्री दिए थे.

'रजिस्ट्री और इंतकाल भी नहीं हुआ'
उसी समय प्रदेश के सभी गांव में प्लाटों की रजिस्ट्री और इंतकाल करवाकर गरीब परिवारों को कब्जा दे दिया गया था, लेकिन उनके गांव पाई में गरीब परिवारों का कब्जा तो दूर की बात रजिस्ट्री और इंतकाल तक नहीं हो पाया है.

'आश्वासनों के सिवाए नहीं मिला कुछ'
ग्रामीणों का आरोप है कि वे अपनी समस्याओं को लेकर गांव के सरपंच, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी पूंडरी, एडीसी तक को मिल चुके हैं, लेकिन उन्हें आश्वासनों के सिवाए आज तक कुछ नहीं मिला है.

कैथल: सरकार की योजना के अनुसार पाई गांवों के लोगों को 11 साल बीत जाने के बाद भी 100-100 वर्ग गज के प्लॉट नहीं मिल पाए हैं. अपनी इसी बात को लेकर ग्रामीण लघु सचिवालय पहुंचे. इस दौरान ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

डीसी को सौंपा ज्ञापन
इसके बाद उन्होंने अपनी मांगों का एक ज्ञापन डीसी प्रियंका सोनी को सौंपा. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने उनके गांव में गरीब लोगों के साथ भेदभाव किया है. ग्रामीणों का आरोप है कि आसपास के गांव के लोगों को सरकार की योजना के अनुसार प्लॉट मिल चुके हैं, लेकिन उनके गांव में पात्र लोगों को अब तक प्लाट नहीं मिले हैं.

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सरकार की योजना का नहीं मिला लाभ
ग्रामीणों का कहना है कि सरकार की योजना के तहत पाई गांव में करीब एक हजार गरीब लोगों को प्लॉट मिलने थे, लेकिन उन्हें नहीं मिले. सरकार की योजना के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने साल 2008 में प्रदेशभर के सभी गांव में गरीब परिवारों को 100-100 वर्ग गज के प्लॉट पंचायती जमीन से काटकर रहने के लिए फ्री दिए थे.

'रजिस्ट्री और इंतकाल भी नहीं हुआ'
उसी समय प्रदेश के सभी गांव में प्लाटों की रजिस्ट्री और इंतकाल करवाकर गरीब परिवारों को कब्जा दे दिया गया था, लेकिन उनके गांव पाई में गरीब परिवारों का कब्जा तो दूर की बात रजिस्ट्री और इंतकाल तक नहीं हो पाया है.

'आश्वासनों के सिवाए नहीं मिला कुछ'
ग्रामीणों का आरोप है कि वे अपनी समस्याओं को लेकर गांव के सरपंच, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी पूंडरी, एडीसी तक को मिल चुके हैं, लेकिन उन्हें आश्वासनों के सिवाए आज तक कुछ नहीं मिला है.

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पाई में सरकारी योजना के तहत प्लाट न मिलने से नाराज ग्रामीण पहुंचे डीसी के दरबार

बोले: 11 वर्ष बाद भी नहीं मिला पात्रों को सुविधा का लाभ

आरोप: गांव में प्लाटों पर कब्जा मिलना तो दूर, रजिस्ट्री तक नहीं करवाई पात्रों के नामBody:कैथल - सरकार की योजना के अनुसार पाई गांवों के लोगों को 11 वर्ष बीत जाने के बाद भी 100-100 वर्ग गज के प्लाट नहीं मिल पाए हैं। अपनी इसी बात को लेकर पात्र महिला एवं पुरुष लघु सचिवालय पहुंचे। यहां पहुंचे पाई गांव के ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद उन्होंने अपनी मांगों का एक ज्ञापन डीसी प्रियंका सोनी को सौंपा। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा उनके गांव में गरीब लोगों द्वारा भेदभाव किया जा रहा है। ग्रामीण संजीव, सुरेन्द्र, मामू राम, शांति, मंगत राम, राजबीर, सुभाष, जगदीश, ईशमा, काला आदि का आरोप था कि आसपास के गांव के लोगों को सरकार की योजना के अनुसार प्लाट मिल चुके हैं लेकिन उनके गांव में पात्र लोगों को अब तक प्लाट नहीं मिले हैं। लोगों का कहना था कि गरीब परिवारों को पाई गांव में करीब एक हजार से अधिक लेागों को प्लाट मिलने थे लेकिन उन्हें नहीं मिले। सरकार की योजना के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2008 में प्रदेशभर के सभी गांव में गरीब परिवारों को 100-100 वर्ग गज के प्लाट पंचायती जमीन से काटकर रहने के लिए फ्री दिए गए थे। उसी समय प्रदेश के सभी गांव में प्लाटों की रजिस्ट्री व इंतकाल करवाकर गरीब परिवारों को कब्जा दे दिया गया था, परन्तु उनके गांव पाई में गरीब परिवारों को कब्जा तो दूर की बात रजिस्ट्री व इंतकाल तक नहीं हो पाया था। इस कारण से आज भी ये परिवार इन प्लाटों से वंचित हैं। वर्ष 2008 में गांव के सरपंच कर्ण सिंह थे। उन्होंने लगभग 330 प्लाटों की रजिस्ट्री करवा दी थी। किसी कारण वंश लगभग सात सौ से अधिक प्लाटों की रजिस्ट्री होना बाकी रह गई थी जो आज तक नहीं हो पाई है। ग्रामीणों का आरोप था कि वे अपनी समस्याओं को लेकर गांव के सरपंच, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी पूंडरी, एडीसी तक को मिल चुके हैं लेकिन उन्हें आश्वासनों के सिवाए आज तक कुछ नहीं मिला है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें आश्वासन नहीं, प्लाट चाहिए। उधर दलित संघर्ष समिति के उपप्रधान शिव कुमार ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही गांव के पात्र लोगों को प्लाट नहीं दिए गए तो हम लोग धरने
पर बैठ जाएंगे।Conclusion:अब देखना यह होगा इनको इनके प्लॉट कब मिल पाते हैं
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