ETV Bharat / state

कैथल में सरकार से खफा आढ़तियों ने की हड़ताल

20 तारीख से गेहूं की खरीद शुरु होने जा रही है लेकिन कैथल के आढ़ती हड़ताल पर हैं. आढ़ती लगातार सरकार का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार पुरानी नीति से गेहूं की खरीद करे. पढ़ें पूरी खबर...

angry traders strike in kaithal
angry traders strike in kaithal
author img

By

Published : Apr 17, 2020, 6:49 PM IST

कैथल: पिछले काफी समय से आढ़ती सरकार की ओर से बनाई गई नीतियों से काफी खफा चल रहे हैं, जिसके चलते आढ़ती हड़ताल पर चले गए हैं. हड़ताल कर रहे आढ़तियों का कहना है कि सरकार ने गेहूं खरीद के लिए जो नीतियां बनाई है. उसका यो सभी लोग विरोध कर रहे हैं. सरकार की नीति की वजह से उनको काफी नुकसान हो रहा है.

आढ़तियों का कहना है कि अगर सरकार हमारी बात नहीं मानती तो हम लगातार हड़ताल पर ही बने रहेंगे. इतने दिन हड़ताल पर हो गए लेकिन अभी तक सरकार या प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा उनके पास नहीं आया है. जो नई प्रणाली सरकार ने गेहूं खरीद के लिए बनाई है. उस प्रणाली के बारे में भी हम लोगों को कुछ भी पता नहीं है. ऐसे कभी नहीं हो सकता कि बिना आढ़ती के किसान अपनी फसल बेच दे. मीडिया से बात करते हुए आढ़ती सुभाष चंद ने कहा कि

कैथल में सरकार से खफा आढ़तियों ने की हड़ताल, देखें वीडियो

सरकार ने गेहूं खरीद के लिए जो खरीद केंद्र बनाए हैं. उस पर सरकार का कहना है कि जिस क्षेत्र का किसान होगा, उस क्षेत्र में जो आढ़ती रजिस्टर है. वही वहां से गेहूं खरीद सकेगा. इससे उनका मानना है कि जो किसानों को पैसे दे रखे हैं, उसका भुगतान हम कैसे करेंगे? किसानों के सामने भी एक बड़ी समस्या ये है कि किसान भी किसी अनजान आढ़ती पर कैसे विश्वास करेगा? जो अपने लाखों की फसल किसी अनजान व्यक्ति को कैसे बेच सकता है?

ये भी पढ़ें:- पड़ताल: लॉकडाउन में चारे की कमी ने तोड़ी डेयरी उद्योग की कमर, आधा दूध दे रहे पशु

किसान फसल बेचने आढ़ती के पास जाता है तो सरकार की ओर से किसान का जे फार्म भरा जाता है. इससे पैसा सीधा किसान के खाते में जाता है. अगर ऐसे हुआ तो जो पैसे किसानों ने आढ़ती से लिए थे, उनका भुगतान कैसे हो पाएगा? जिसका हम लोग विरोध कर रहे हैं. हम सरकार से अपील करते हैं कि जो यs नीति बनाई है. इसको खत्म करें और पुराने तरीके से ही गेहूं की खरीद की जाए.

कैथल: पिछले काफी समय से आढ़ती सरकार की ओर से बनाई गई नीतियों से काफी खफा चल रहे हैं, जिसके चलते आढ़ती हड़ताल पर चले गए हैं. हड़ताल कर रहे आढ़तियों का कहना है कि सरकार ने गेहूं खरीद के लिए जो नीतियां बनाई है. उसका यो सभी लोग विरोध कर रहे हैं. सरकार की नीति की वजह से उनको काफी नुकसान हो रहा है.

आढ़तियों का कहना है कि अगर सरकार हमारी बात नहीं मानती तो हम लगातार हड़ताल पर ही बने रहेंगे. इतने दिन हड़ताल पर हो गए लेकिन अभी तक सरकार या प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा उनके पास नहीं आया है. जो नई प्रणाली सरकार ने गेहूं खरीद के लिए बनाई है. उस प्रणाली के बारे में भी हम लोगों को कुछ भी पता नहीं है. ऐसे कभी नहीं हो सकता कि बिना आढ़ती के किसान अपनी फसल बेच दे. मीडिया से बात करते हुए आढ़ती सुभाष चंद ने कहा कि

कैथल में सरकार से खफा आढ़तियों ने की हड़ताल, देखें वीडियो

सरकार ने गेहूं खरीद के लिए जो खरीद केंद्र बनाए हैं. उस पर सरकार का कहना है कि जिस क्षेत्र का किसान होगा, उस क्षेत्र में जो आढ़ती रजिस्टर है. वही वहां से गेहूं खरीद सकेगा. इससे उनका मानना है कि जो किसानों को पैसे दे रखे हैं, उसका भुगतान हम कैसे करेंगे? किसानों के सामने भी एक बड़ी समस्या ये है कि किसान भी किसी अनजान आढ़ती पर कैसे विश्वास करेगा? जो अपने लाखों की फसल किसी अनजान व्यक्ति को कैसे बेच सकता है?

ये भी पढ़ें:- पड़ताल: लॉकडाउन में चारे की कमी ने तोड़ी डेयरी उद्योग की कमर, आधा दूध दे रहे पशु

किसान फसल बेचने आढ़ती के पास जाता है तो सरकार की ओर से किसान का जे फार्म भरा जाता है. इससे पैसा सीधा किसान के खाते में जाता है. अगर ऐसे हुआ तो जो पैसे किसानों ने आढ़ती से लिए थे, उनका भुगतान कैसे हो पाएगा? जिसका हम लोग विरोध कर रहे हैं. हम सरकार से अपील करते हैं कि जो यs नीति बनाई है. इसको खत्म करें और पुराने तरीके से ही गेहूं की खरीद की जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.