कैथल: हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने किसानों का आह्वान किया कि वे जहर युक्त रासायनिक खेती को छोड़कर शून्य लागत प्राकृतिक खेती को अपनाएं. ऐसा करने से खेती पर होने वाला खर्च समाप्त होगा तथा उत्पादन भी बढ़ेगा. प्राकृतिक खेती करने से पर्यावरण संरक्षित रहेगा.
भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ेगी तथा युवा भी सेहतमंद होंगे. किसानों की आमदनी दोगुणी होगी. इसके अलावा गऊ माता को भी आदर मान मिलेगा. सरकार द्वारा हर वर्ष यूरिया खाद पर 80 हजार करोड़ का अनुदान दिया जा रहा है. इस राशि से किसानों का कल्याण हो सकता है यदि वे प्राकृतिक खेती को अपनाते हैं.
महामहिम राज्यपाल पूंडरी स्थित अनाज मंडी में जन कल्याण समिति के जगदीप ढुल द्वारा स्वर्गीय श्री बुद्घ राम ढुल की स्मृति में आयोजित जीरो बजट खेती प्राकृतिक कृषि सम्मेलन में किसानों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने गत दिनों जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आत्मघाती हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों को भावपूर्ण श्रद्घांजली देते हुए इस हमले की भर्त्सना की.