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आचार्य देवव्रत ने किसानों कहा-रासायनिक खेती को छोड़कर प्राकृतिक खेती को अपनाएं

आचार्य देवव्रत ने किसानों से आह्वान किया कि वे जहर युक्त रासायनिक खेती को छोड़कर शून्य लागत प्राकृतिक खेती को अपनाएं.

आचार्य देवव्रत,राज्यपाल
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Published : Feb 17, 2019, 5:24 PM IST

कैथल: हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने किसानों का आह्वान किया कि वे जहर युक्त रासायनिक खेती को छोड़कर शून्य लागत प्राकृतिक खेती को अपनाएं. ऐसा करने से खेती पर होने वाला खर्च समाप्त होगा तथा उत्पादन भी बढ़ेगा. प्राकृतिक खेती करने से पर्यावरण संरक्षित रहेगा.

भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ेगी तथा युवा भी सेहतमंद होंगे. किसानों की आमदनी दोगुणी होगी. इसके अलावा गऊ माता को भी आदर मान मिलेगा. सरकार द्वारा हर वर्ष यूरिया खाद पर 80 हजार करोड़ का अनुदान दिया जा रहा है. इस राशि से किसानों का कल्याण हो सकता है यदि वे प्राकृतिक खेती को अपनाते हैं.

रासायनिक खेती को छोड़कर प्राकृतिक खेती को अपनाएं
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महामहिम राज्यपाल पूंडरी स्थित अनाज मंडी में जन कल्याण समिति के जगदीप ढुल द्वारा स्वर्गीय श्री बुद्घ राम ढुल की स्मृति में आयोजित जीरो बजट खेती प्राकृतिक कृषि सम्मेलन में किसानों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने गत दिनों जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आत्मघाती हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों को भावपूर्ण श्रद्घांजली देते हुए इस हमले की भर्त्सना की.

कैथल: हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने किसानों का आह्वान किया कि वे जहर युक्त रासायनिक खेती को छोड़कर शून्य लागत प्राकृतिक खेती को अपनाएं. ऐसा करने से खेती पर होने वाला खर्च समाप्त होगा तथा उत्पादन भी बढ़ेगा. प्राकृतिक खेती करने से पर्यावरण संरक्षित रहेगा.

भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ेगी तथा युवा भी सेहतमंद होंगे. किसानों की आमदनी दोगुणी होगी. इसके अलावा गऊ माता को भी आदर मान मिलेगा. सरकार द्वारा हर वर्ष यूरिया खाद पर 80 हजार करोड़ का अनुदान दिया जा रहा है. इस राशि से किसानों का कल्याण हो सकता है यदि वे प्राकृतिक खेती को अपनाते हैं.

रासायनिक खेती को छोड़कर प्राकृतिक खेती को अपनाएं
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महामहिम राज्यपाल पूंडरी स्थित अनाज मंडी में जन कल्याण समिति के जगदीप ढुल द्वारा स्वर्गीय श्री बुद्घ राम ढुल की स्मृति में आयोजित जीरो बजट खेती प्राकृतिक कृषि सम्मेलन में किसानों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने गत दिनों जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आत्मघाती हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों को भावपूर्ण श्रद्घांजली देते हुए इस हमले की भर्त्सना की.

मुनीश कुमार कैथल

स्लग -  हिमाचल प्रदेश के महामहिम राज्यपाल 
आचार्य देवव्रत ने किसानों का आह्वान किया कि वे जहर युक्त रासायनिक खेती को छोड़कर शून्य लागत प्राकृतिक खेती को अपनाएं। ऐसा करने से खेती पर होने वाला खर्च समाप्त होगा तथा उत्पादन भी बढ़ेगा। प्राकृतिक खेती करने से पर्यावरण संरक्षित रहेगा,

एंकर -  भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ेगी तथा युवा भी सेहतमंद होंगे। किसानों की आमदनी दोगुणी होगी। इसके अलावा गऊ माता को भी आदर मान मिलेगा। सरकार द्वारा हर वर्ष यूरिया खाद पर 80 हजार करोड़ का अनुदान दिया जा रहा है। इस राशि से किसानों का कल्याण हो सकता है यदि वे प्राकृतिक खेती को अपनाते हैं।

          महामहिम राज्यपाल पूंडरी स्थित अनाज मंडी में जन कल्याण समिति के जगदीप ढुल द्वारा स्वर्गीय श्री बुद्घ राम ढुल की स्मृति में आयोजित जीरो बजट खेती प्राकृतिक कृषि सम्मेलन में किसानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने गत दिनों जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आत्मघाती हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों को भावपूर्ण श्रद्घांजली देते हुए इस हमले की भर्त्सना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश के आक्रोश को देखते हुए देश वासियों को आश्वस्त किया है कि इन जवानों की कुर्बानी व्यर्थ नहीं जाएगी और केंद्र सरकार द्वारा सेना को कार्रवाई के लिए पूर्ण छूट प्रदान की है। इस अवसर पर सभी ने दो मिनट मौन धारण कर शहीद जवानों को श्रद्घांजली अर्पित की।

          उन्होंने किसानों से प्राकृतिक खेती के अभियान को जन अभियान बनाकर सफल बनाने को कहा ताकि हमारा देश वासियों का स्वास्थ्य अच्छा हो तथा किसानों की आमदनी भी दोगुनी हो सके। महामहिम राज्यपाल ने कहा कि गत 30वर्षों के दौरान रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति कमजोर हुई है तथा भूमि बंजर होने के कगार पर है। इनके प्रयोग से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां भी फैली हैं तथा चारों ओर अस्पताल मरीजों से भरे हुए हैं। प्राचीन समय में हर घर में गाय पाली जाती थी तथा आज हमनें गांव के महत्व को भुला दिया है। समाज में बेटियों व गाय का अनाधर हो रहा हैजो सबसे भारी भूल है। आकाश से विभिन्न पक्षी आज लुप्त हो गए हैं तथा भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने वाला केंचुआ भी आज नजर नही आ रहा। उन्होंने कहा कि किसान जहर मुक्त कृषि उत्पाद तैयार करके शहर वासियों के लिए फैमिली किसान बनकर लोगों को विश्वास जीतें। फसल चक्र अपनाकर किसान खरपतवारों पर आसानी से काबू पा सकते है। इसके अलावा किसानों को आच्छादन विधि भी अपनानी चाहिए ताकि उनके खेत में नमी बनी रही और उन्हें फसल अवशेषों व घासफूस से खाद भी प्राप्त हो सके। उपस्थित किसानों ने हाथ उठाकर महामहिम राज्यपाल को प्राकृतिक खेती शुरू करने का आश्वासन दिया।


 




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