कैथल: हरियाणा का जिला कैथल में लगातार पिछले 10 सालों से आवारा पशुओं की समस्या लोगों के लिए जी का जंजाल बनी हुई है. बता दें कि कैथल में आए दिन एक दुर्घटना होती रही है, लेकिन अब तक ना तो प्रशासन ने इसकी ओर कोई कदम उठाया और ना ही किसी सरकारों ने इस ओर ध्यान दिया, जिसे लेकर कैथल की कई संस्थाओं ने धरने प्रदर्शन भी किए, लेकिन धरातल पर आज भी यह समस्या लोगों के लिए ज्यों की त्यों बनी हुई है.
आंकड़ों की अगर बात की जाए कैथल में कुल एक हजार से बारह सौ आवारा पशु हैं. वहीं गांवों में भी आवारा पशुओं की समस्या बनी हुई है. इन पशुओं से आमजन की मौतों के आकड़ों की बात करें तो पिछले 10 सालों में लगभग 24 लोग आवारा पशुओं की वजह से अपनी जान गवां चुके हैं. वहीं दुर्घटना की अगर बात की जाए तो आवारा पशु से रोजाना एक दुर्घटना सामने आती है. वहीं हर दूसरे दिन एक आवारा पशु की मौत भी हो जाती है. ये आंकड़ें पिछले कुछ समय से लगातार बढ़ते जा रहे हैं.
लोगों की मांग है कि इन बेसहारा जानवरों को सरकारी नंदी शाला में भेजा जाए, क्योंकि नदीशाला के पास काफी जमीन है. जो गांव में बेसहारा जानवर घूम रहे हैं उनकी पंचायतों द्वारा गोचरण भूमि पर गौशाला बनाकर प्रबंध किया जाए, ताकि पशुओं और लोगों की रक्षा हो सके. वरना लगातार हादसे बढ़ते रहेंगे.
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क्या कहना है विधायक का: वहीं शहर की समस्या बारे जब कैथल के विधायक लीलाराम से बातचीत की गई, तो उनका कहना है कि आवारा पशुओं का होना शहर की मुख्य समस्या है. उन्होंने जानकारी दी कि इस समस्या का समाधान निकालने के लिए नंदी गौशाला को उन्होंने 31 लाख रुपए दिए है. जिसमें बहुत जल्दी एक शेड बनकर तैयार हो जाएगा. शहर के जितने भी आवारा पशु हैं उनको उसी शेड छोड़ा जाएगा. जिससे शहरवासियों को आवारा पशुओं से जल्द ही निजात मिल जाएगी.
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