कैथल: हरियाणा सरकार में महिला और बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार निरंतर महिलाओं के उत्थान हेतु काम कर रही है. इसी दिशा में एक और अहम कदम उठाते हुए सरकार ने प्रदेश में गठित की जा रही ग्रामीण जल एवं सीवरेज समितियों में महिलाओं की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत सुनिश्चित की है.
राज्यमंत्री ने कहा कि इससे महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ेगा. सरकार का ये फैसला उन्हें आत्म निर्भर बनाने में निर्णायक भूमिका अदा करेगा. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल संबंधित विकास कार्यों के मामले में ग्राम जल एवं सीवरेज कमेटी विकास की धुरी बनेगी. राज्यमंत्री ने कहा कि इस दिशा में जल्द ही अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी और उन्हें इस दिशा में गंभीरता के साथ काम करने के सख्त निर्देश दिए जाएंगे.
'लापरवाह अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई'
राज्यमंत्री कमलेश ढांडा से साफ किया कि किसी भी प्रकार की कोताही बरतने वाले अधिकारियों पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा. राज्यमंत्री ने कहा कि डार्क जोन में आने वाले क्षेत्र में पानी की समस्याओं पर संजीदगी के साथ काम किया जा रहा है. ऐसे क्षेत्रों को डार्क जोन से बाहर लाने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण जल एवं सीवरेज कमेटी गठन के लिए महिलाओं की भागीदारी 50 प्रतिशत से अधिक होनी चाहिए, क्योंकि महिलाओं की जितनी अधिक भागीदारी होगी, उतना ही इन समस्याओं पर गंभीरता से काम होने की संभावना बढ़ जाएगी.
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पानी की समस्या से सीधे तौर पर महिलाओं को जूझना पड़ता है, इसलिए भी महिलाओं की सक्रिय भागीदारी जरूरी है. उन्होंने बताया कि पेयजल आपूर्ति से संबंधित सभी परियोजनाओं का खाका तैयार करने, कार्यान्वन, पर्यवेक्षण, निगरानी, संचालन, रखरखाव, अनुबंध, निर्माण, अधिग्रहण, पुनर्वास, योजना का कायाकल्प, गांवों के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे के साथ पेयजल आपूर्ति व सीवरेज व्यवस्था प्रदान करना इस कमेटी की सिफारिश पर ही अमल में लाया जाएगा. इनका संचालन कमेटी स्वतंत्र रूप से पेयजल परियोजना और सीवरेज व्यवस्था के लिए कर सकेगी.