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एक ओर कोरोना दूसरी ओर मौसमी बीमारी, कैसी है जींद स्वास्थ्य विभाग की तैयारी?

मौसमी बीमारियों को लेकर जींद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से तमाम तरह के इंतजाम किए गए हैं. साथ ही लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है, जिससे की लोग अपना खुद बचाव कर सकें. कोरोना काल में जींद स्वास्थ्य विभाग के लिए इन बीमारियों से लड़ना भी किसी जंग से कम नहीं है.

worries of seasonal diseases in monsoon in jind
मौसमी बीमारियों के बढ़ते खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर
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Published : Aug 2, 2020, 8:22 PM IST

जींद: एक ओर स्वास्थ्य विभाग कोरोना वायरस की रोकथाम और मरीजों के इलाज में व्यस्त हैं, तो वहीं दूसरी तरफ अब मौसमी बीमारियां भी दस्तक देने लगी हैं. हर साल बरसात आते ही प्रदेश में डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियां पैर पसारना शुरू कर देती हैं. बरसात में जगह-जगह पानी इकट्ठा हो जाने से मच्छर पैदा होते हैं. जिनके काटने से डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियां होती हैं.

कोरोना के साथ-साथ प्रदेश में मौसमी बीमारियों के बढ़ते खतरे को देखते हुए जींद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. कोरोना काल में लोगों को मौसमी बीमारियों से बचाने के लिए जींद स्वास्थ्य विभाग ने दवाओं का स्टॉक भी कर लिया है. स्वास्थ्य विभाग की टीमें जगह-जगह जाकर फॉगिंग और लार्वा को पैदा होने से रोकने के लिए गंदे पानी में दवाएं डाल रही हैं. साथ ही कोरोना काल में लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाए जा रहे हैं.

एक कोरोना, दूसरी ओर मौसमी, बीमारी कैसे लड़ेगा जींद स्वास्थ्य विभाग?

वहीं मौसमी बीमारियों को लेकर आम लोगों का कहना है कि इस समय अगर किसी को भी बुखार हो जाता है, तो सब समझते हैं कि कोरोना है और इलाज करवाने से डरते हैं. वहीं बुखार जुखाम जैसे लक्षण होने पर भी लोग अस्पताल जाने से डरते हैं कि कहीं कोरोना ना हो जाए. लोगों की सुरक्षा और सेहत को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को हेल्पलाइन नंबर जारी करना चाहिए.

worries of seasonal diseases in monsoon in jind
मलेरिया का रिकॉर्ड

ऐसे करें मौसमी बीमारी से बचाव

  • गंदगी से दूर रहें और सफाई पर विशेष ध्यान दें
  • ताजा, हल्का भोजन करें
  • पानी उबालने के बाद ठंडा करके ही पीएं
  • खुले में बिक रही खाद्य सामग्री खाने से परहेज करें
  • वायरल फीवर से पीड़ित मरीज से दूर रहें
  • यदि खांसी, जुकाम और सांस लेने में तकलीफ हो तो डॉक्टर से संपर्क करें
  • एलर्जी से बचने के लिए पसीने से बचें, हो सके तो पाउडर का इस्तेमाल करें
  • घर में या आसपास कहीं भी गंदा पानी जमा न होने दें
    worries of seasonal diseases in monsoon in jind
    डेंगू का रिकॉर्ड

वहीं मौसमी बीमारियों को लेकर जींद स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सुप्रिडेंट डॉ. राजेश भोला का कहना है कि बारिश के मौसम में कई बीमारियां फैलने का अंदेशा रहता है, ऐसे में सावधानी से ही बचाव किया जा सकता है. उनका कहना है कि इस मौसम में डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसी मच्छर से बीमारियों ज्यादा फैलती हैं. सभी चिकित्सा संस्थानों पर आवश्यक दवाइयां जैसे पेरासिटामोल, क्लोरोक्वीन, एजिथ्रोमाइसिन, डॉक्सीसाइक्लिन, एसीटी किट, टेमीफ्लू, क्लोरीन की गोलियां, ओआरएस आईवी फ्लूड और अन्य आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता के आदेश दिए गए हैं.

worries of seasonal diseases in monsoon in jind
चिकनगुनिया का रिकॉर्ड

साथ ही जल जनित बीमारियों से बचाव के लिए के लिए पानी के नमूनों की जांच के लिए सभी चिकित्सा संस्थानों पर क्लोरोस्कोप दिए गए हैं. साथ ही उन्होंने नगर पालिका, नगर निगम पंचायत समिति, ग्राम पंचायत को जोखिम वाले क्षेत्रों में फॉगिंग के निर्देश भी दिए हैं.

worries of seasonal diseases in monsoon in jind
जापानी बुखार के आंकड़े

ये भी पढ़ें:-कैसी है प्रशासन की धान स्टॉक की तैयारी? स्पेशल रिपोर्ट में जानिए दावों की हकीकत

स्वास्थ्य विभाग तो तैयारियों में जुटा हुआ है, लेकिन लोगों को भी इन मौसमी बीमारियों से अपना खुद का खयाल रखना भी बहुत जरूरी है. जिससे कि कोरोना काल में अन्य बीमारी जी का जंजाल ना बन पाए.

जींद: एक ओर स्वास्थ्य विभाग कोरोना वायरस की रोकथाम और मरीजों के इलाज में व्यस्त हैं, तो वहीं दूसरी तरफ अब मौसमी बीमारियां भी दस्तक देने लगी हैं. हर साल बरसात आते ही प्रदेश में डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियां पैर पसारना शुरू कर देती हैं. बरसात में जगह-जगह पानी इकट्ठा हो जाने से मच्छर पैदा होते हैं. जिनके काटने से डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियां होती हैं.

कोरोना के साथ-साथ प्रदेश में मौसमी बीमारियों के बढ़ते खतरे को देखते हुए जींद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. कोरोना काल में लोगों को मौसमी बीमारियों से बचाने के लिए जींद स्वास्थ्य विभाग ने दवाओं का स्टॉक भी कर लिया है. स्वास्थ्य विभाग की टीमें जगह-जगह जाकर फॉगिंग और लार्वा को पैदा होने से रोकने के लिए गंदे पानी में दवाएं डाल रही हैं. साथ ही कोरोना काल में लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाए जा रहे हैं.

एक कोरोना, दूसरी ओर मौसमी, बीमारी कैसे लड़ेगा जींद स्वास्थ्य विभाग?

वहीं मौसमी बीमारियों को लेकर आम लोगों का कहना है कि इस समय अगर किसी को भी बुखार हो जाता है, तो सब समझते हैं कि कोरोना है और इलाज करवाने से डरते हैं. वहीं बुखार जुखाम जैसे लक्षण होने पर भी लोग अस्पताल जाने से डरते हैं कि कहीं कोरोना ना हो जाए. लोगों की सुरक्षा और सेहत को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को हेल्पलाइन नंबर जारी करना चाहिए.

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मलेरिया का रिकॉर्ड

ऐसे करें मौसमी बीमारी से बचाव

  • गंदगी से दूर रहें और सफाई पर विशेष ध्यान दें
  • ताजा, हल्का भोजन करें
  • पानी उबालने के बाद ठंडा करके ही पीएं
  • खुले में बिक रही खाद्य सामग्री खाने से परहेज करें
  • वायरल फीवर से पीड़ित मरीज से दूर रहें
  • यदि खांसी, जुकाम और सांस लेने में तकलीफ हो तो डॉक्टर से संपर्क करें
  • एलर्जी से बचने के लिए पसीने से बचें, हो सके तो पाउडर का इस्तेमाल करें
  • घर में या आसपास कहीं भी गंदा पानी जमा न होने दें
    worries of seasonal diseases in monsoon in jind
    डेंगू का रिकॉर्ड

वहीं मौसमी बीमारियों को लेकर जींद स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सुप्रिडेंट डॉ. राजेश भोला का कहना है कि बारिश के मौसम में कई बीमारियां फैलने का अंदेशा रहता है, ऐसे में सावधानी से ही बचाव किया जा सकता है. उनका कहना है कि इस मौसम में डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसी मच्छर से बीमारियों ज्यादा फैलती हैं. सभी चिकित्सा संस्थानों पर आवश्यक दवाइयां जैसे पेरासिटामोल, क्लोरोक्वीन, एजिथ्रोमाइसिन, डॉक्सीसाइक्लिन, एसीटी किट, टेमीफ्लू, क्लोरीन की गोलियां, ओआरएस आईवी फ्लूड और अन्य आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता के आदेश दिए गए हैं.

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चिकनगुनिया का रिकॉर्ड

साथ ही जल जनित बीमारियों से बचाव के लिए के लिए पानी के नमूनों की जांच के लिए सभी चिकित्सा संस्थानों पर क्लोरोस्कोप दिए गए हैं. साथ ही उन्होंने नगर पालिका, नगर निगम पंचायत समिति, ग्राम पंचायत को जोखिम वाले क्षेत्रों में फॉगिंग के निर्देश भी दिए हैं.

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स्वास्थ्य विभाग तो तैयारियों में जुटा हुआ है, लेकिन लोगों को भी इन मौसमी बीमारियों से अपना खुद का खयाल रखना भी बहुत जरूरी है. जिससे कि कोरोना काल में अन्य बीमारी जी का जंजाल ना बन पाए.

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