जींद: जींद-सोनीपत रेलवे लाइन पर लुदाना-मोरखी रेलवे अंडरपास में पानी भरने के विरोध में पिछले कई दिनों से ग्रामीणों का धरना प्रदर्शन जारी है. धरने में प्रतिदिन लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. धरने में आसपास के गांवों की महिलाओं की संख्या भी बढ़ती जा रही है.
धरने पर बैठी महिलाएं सारा दिन भजन -किर्तन करती हैं. इस दौरान महिलाएं ढोल और करताल बजाकर नृत्य भी करती हैं. दरअसल 3 साल पहले जींद-सोनीपत रेलवे लाइन पर ये अंडरपास बनाया गया था, लेकिन अंडरपास बनाते समय रेलवे के इंजीनियरों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया कि यहां जमीनी पानी का स्तर बहुत ही ऊंचा है और अंडरपास बनाने पर यहां भूमिगत पानी का रिसाव होगा.
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रेलवे के कर्मचारी अंडर पास बना कर चले गए, जिसके बाद धीरे-धीरे इस रास्ते में पानी भरने लगा. अब पिछले साल 6 महीने से यहां पानी का स्तर इतना बढ़ गया है कि यहां गाड़ियां और बस तक फंस जाती है. आसपास के गांव के लोगों के पास इस अंडरपास से गुजरने के अलावा कोई और रास्ता भी नहीं है. जिस वजह से यहां के लोगों को बड़ी परेशानी हो रही है.
कई गांवों को जोड़ता है अंडरपास
ये रास्ता लूदाना और मोरखी समेत कई गांव को एक दूसरे से जोड़ता है. इस धरने पर शनिवार को रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर सुरेंद्र गोयल, सहायक मंडल अभियंता प्रतीक यादव, सब इंस्पेक्टर राजकुमार पहुंचे. रेलवे अधिकारियों ने ग्रामीणों से इस मसले पर बातचीत की थी, फिलहाल रेलवे ने भी अंडरपास के पानी में वाहनों के घुसने से रोकने को लिए बोर्ड लगा दिया.
ग्रामीणों ने दी रेल रोकने की चेतावनी
वहीं ग्रामीणों का कहना है कि जब तक रेलवे विभाग इस अंडरपास की जगह फाटक नहीं बना देता, तब तक उनका धरना ऐसे ही जारी रहेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर 25 फ रवरी से पहली उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो 26 से वो रेल रोको आंदोलन शुरू करेंगे.