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RTI का जवाब नहीं देने पर तहसीलदार पर राज्य सूचना आयोग ने लगाया 50 हजार का जुर्माना - rti

जींद के जुलाना में कार्यरत तहसीलदार को राज्य सूचना आयोग ने एक किसान द्वारा लगाई गई RTI का जवाब नहीं देने पर 50,000 का जुर्माना ठोका है.

imposed fine on tehsildar
तहसीलदार पर 50 हजार का जुर्माना.
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Published : Mar 4, 2020, 3:47 AM IST

जींद: जुलाना के किसान ने 2017 में बरसात के कारण बर्बाद हुई फसल के बाद मुआवजा वितरण का जवाब मांगा था लेकिन बार-बार अपील के बाद सूचना नहीं देने पर स्टेट इन्फॉर्मेशन कमिश्नर ने जुर्माना लगाया है. ये राशि 25000 हजार रुपए अप्रैल और 25000 मई महीने की सैलरी से काटने के आदेश दिए हैं.

देखें रिपोर्ट

मामले पर जब तहसीलदार शिव कुमार से बात की गई तो उन्होंने जवाब दिया कि किसान को खुद की जानकारी दे दी गई थी, लेकिन वो पूरे गांव की जानकारी मांग रहे है इसलिए बिना किसानों की सहमति के वो इस जानकारी को साझा नहीं कर सकते.

उन्होंने कहा कि मुआवजा वितरण का कार्य 2017 से लेकर अभी तक जारी है. हालांकि मैं इस जुर्माने के खिलाफ अपील करुंगा.

किसान सूरजमल का कहना है कि मैंने किसी की व्यक्तिगत जानकारी नही मांगी. मुआवजा वितरण एक पब्लिक जानकारी है, जिसको उजागर करने से किसी का कोई नुकसान नहीं है. मुआवजा वितरण में करोड़ो का घोटाला हुआ है. इसलिए जानकारी छुपाई जा रही है.

सूरजमल ने कहा कि जिस किसान को नुकसान नहीं था. उसको तो मुवावजा दे दिया गया लेकिन जिसको जिसको असल मे नुकसान हुआ था. उसको वंचित रखा गया. मामला अगर उजागर होता है तो भ्रष्टाचार का खुलासा होगा.

जींद: जुलाना के किसान ने 2017 में बरसात के कारण बर्बाद हुई फसल के बाद मुआवजा वितरण का जवाब मांगा था लेकिन बार-बार अपील के बाद सूचना नहीं देने पर स्टेट इन्फॉर्मेशन कमिश्नर ने जुर्माना लगाया है. ये राशि 25000 हजार रुपए अप्रैल और 25000 मई महीने की सैलरी से काटने के आदेश दिए हैं.

देखें रिपोर्ट

मामले पर जब तहसीलदार शिव कुमार से बात की गई तो उन्होंने जवाब दिया कि किसान को खुद की जानकारी दे दी गई थी, लेकिन वो पूरे गांव की जानकारी मांग रहे है इसलिए बिना किसानों की सहमति के वो इस जानकारी को साझा नहीं कर सकते.

उन्होंने कहा कि मुआवजा वितरण का कार्य 2017 से लेकर अभी तक जारी है. हालांकि मैं इस जुर्माने के खिलाफ अपील करुंगा.

किसान सूरजमल का कहना है कि मैंने किसी की व्यक्तिगत जानकारी नही मांगी. मुआवजा वितरण एक पब्लिक जानकारी है, जिसको उजागर करने से किसी का कोई नुकसान नहीं है. मुआवजा वितरण में करोड़ो का घोटाला हुआ है. इसलिए जानकारी छुपाई जा रही है.

सूरजमल ने कहा कि जिस किसान को नुकसान नहीं था. उसको तो मुवावजा दे दिया गया लेकिन जिसको जिसको असल मे नुकसान हुआ था. उसको वंचित रखा गया. मामला अगर उजागर होता है तो भ्रष्टाचार का खुलासा होगा.

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