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नाबालिग का गर्भपात करने के आरोप में निजी अस्पताल सील, बिना डिग्री के चला रहा था हॉस्पिटल

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Published : Oct 29, 2019, 11:38 PM IST

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जींद में एक निजी अस्पताल में छापेमारी की. इस अस्पताल से गर्भपात करने वाली कई दवाएं और सामान बरामद किए. इसके बाद टीम ने इस जींद में प्राइवेट अस्पताल सील को सील कर दिया.

hospital seal in jind

जींद: शहर के गोहाना रोड पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अनमोल जीवन अस्पताल पर छापेमारी की. इस अस्पताल से स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भारी मात्रा में गर्भपात में प्रयोग होने वाली दवाईयां बरामद की. अस्पताल को चलाने वाले गांव मनोहरपुर निवासी नरेश भारद्वाज बारहवीं पास है और दूसरे डाक्टरों के नाम लिखकर अस्पताल चला रहा था.

स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी
आरोपी नरेश भारद्वाज गर्भपात करवाने में संलिप्त था और 21 अक्टूबर दोपहर को भी दुष्कर्म पीड़ित किशोरी का 15 हजार रुपये लेकर गर्भपात करवाया था. इस मामले को लेकर जब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापेमारी की तो उस दिन आरोपी अस्पताल को बंद करके मौके से फरार हो गया.

नाबालिग का गर्भपात करने के आरोप में निजी अस्पताल सील

नशीला पदार्थ देकर किशोरी से दुष्कर्म
इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गर्भपात करवाने वाली किशोरी को तलाश शुरू की, जिसके बाद सामने आया कि राजेंद्र नगर निवासी राकेश ने 17 वर्षीय किशोरी को नशीला पदार्थ देकर उसके साथ दुष्कर्म किया और इस दौरान वह गर्भवती हो गई. इसके बाद आरोपी युवक राकेश ने किशोरी का गर्भपात करवाने के लिए पटियाला चौक के एक अस्पताल से संपर्क किया, जहां के डाक्टर ने गर्भपात करने से मना कर दिया.

जींद में गर्भपात कराने का सौदा

इसी दौरान आरोपी नरेश भारद्वाज का गुर्गा वहां पर खड़ा था और उसने युवक से गर्भपात करवाने के लिए बातचीत की. इसके बाद युवक राकेश की आरोपी नरेश भारद्वाज से बातचीत हुई और गर्भपात करवाने के लिए 15 हजार रुपये में सौदा हो गया.

17 साल की युवती का गर्भपात
19 अक्टूबर को दुष्कर्म का आरोपी युवक राकेश किशोरी को अपने साथ लेकर गोहाना रोड पर स्थित अनमोल जीवन अस्पताल में ले आया और नरेश भारद्वाज ने गर्भपात करवाने के लिए कुछ दवाईयां दी, लेकिन उससे गर्भपात नहीं हो पाया. इसके बाद 20 अक्टूबर को फिर से किशोरी को बुलाया, लेकिन उस दिन भी गर्भपात नहीं हो पाया. इसके बाद 21 अक्टूबर को आरोपी ने किशोरी को अस्पताल दाखिल कर लिया और वहां पर गर्भपात करवा दिया.

अस्पताल से बरामद गर्भपात का सामान
गर्भपात करवाने के दिन ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने डॉ. प्रभू दयाल के नेतृत्व में छापेमारी की, लेकिन उस दिन छापेमारी सफल नहीं हो पाई. अब टीम फिर से टीम मौके पर पहुंची और करीब तीन घंटे तक अस्पताल में सर्च अभियान चलाया. जहां से काफी संख्या में गर्भपात करवाने की दवाइयां बरामद की.

ये भी पढ़ें:-भारत और बांग्लादेश खेलेंगे अपना पहला Day-Night टेस्ट मैच

जींद प्राइवेट अस्पताल सील
छापेमारी को लेकर जब सिविल सर्जन शशि प्रभा अग्रवाल से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा की गई छापेमारी में पाया गया कि एक व्यक्ति पटियाला चौक क्षेत्र में बिना किसी डिग्री के बिना लाइसेंस के अस्पताल चला रहा है और वहां पर मौके से गर्भपात की कई प्रतिबंधित दवाइयां और अन्य कई समान मिले हैं, अस्पताल को सील कर दिया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है.

जींद: शहर के गोहाना रोड पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अनमोल जीवन अस्पताल पर छापेमारी की. इस अस्पताल से स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भारी मात्रा में गर्भपात में प्रयोग होने वाली दवाईयां बरामद की. अस्पताल को चलाने वाले गांव मनोहरपुर निवासी नरेश भारद्वाज बारहवीं पास है और दूसरे डाक्टरों के नाम लिखकर अस्पताल चला रहा था.

स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी
आरोपी नरेश भारद्वाज गर्भपात करवाने में संलिप्त था और 21 अक्टूबर दोपहर को भी दुष्कर्म पीड़ित किशोरी का 15 हजार रुपये लेकर गर्भपात करवाया था. इस मामले को लेकर जब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापेमारी की तो उस दिन आरोपी अस्पताल को बंद करके मौके से फरार हो गया.

नाबालिग का गर्भपात करने के आरोप में निजी अस्पताल सील

नशीला पदार्थ देकर किशोरी से दुष्कर्म
इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गर्भपात करवाने वाली किशोरी को तलाश शुरू की, जिसके बाद सामने आया कि राजेंद्र नगर निवासी राकेश ने 17 वर्षीय किशोरी को नशीला पदार्थ देकर उसके साथ दुष्कर्म किया और इस दौरान वह गर्भवती हो गई. इसके बाद आरोपी युवक राकेश ने किशोरी का गर्भपात करवाने के लिए पटियाला चौक के एक अस्पताल से संपर्क किया, जहां के डाक्टर ने गर्भपात करने से मना कर दिया.

जींद में गर्भपात कराने का सौदा

इसी दौरान आरोपी नरेश भारद्वाज का गुर्गा वहां पर खड़ा था और उसने युवक से गर्भपात करवाने के लिए बातचीत की. इसके बाद युवक राकेश की आरोपी नरेश भारद्वाज से बातचीत हुई और गर्भपात करवाने के लिए 15 हजार रुपये में सौदा हो गया.

17 साल की युवती का गर्भपात
19 अक्टूबर को दुष्कर्म का आरोपी युवक राकेश किशोरी को अपने साथ लेकर गोहाना रोड पर स्थित अनमोल जीवन अस्पताल में ले आया और नरेश भारद्वाज ने गर्भपात करवाने के लिए कुछ दवाईयां दी, लेकिन उससे गर्भपात नहीं हो पाया. इसके बाद 20 अक्टूबर को फिर से किशोरी को बुलाया, लेकिन उस दिन भी गर्भपात नहीं हो पाया. इसके बाद 21 अक्टूबर को आरोपी ने किशोरी को अस्पताल दाखिल कर लिया और वहां पर गर्भपात करवा दिया.

अस्पताल से बरामद गर्भपात का सामान
गर्भपात करवाने के दिन ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने डॉ. प्रभू दयाल के नेतृत्व में छापेमारी की, लेकिन उस दिन छापेमारी सफल नहीं हो पाई. अब टीम फिर से टीम मौके पर पहुंची और करीब तीन घंटे तक अस्पताल में सर्च अभियान चलाया. जहां से काफी संख्या में गर्भपात करवाने की दवाइयां बरामद की.

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जींद प्राइवेट अस्पताल सील
छापेमारी को लेकर जब सिविल सर्जन शशि प्रभा अग्रवाल से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा की गई छापेमारी में पाया गया कि एक व्यक्ति पटियाला चौक क्षेत्र में बिना किसी डिग्री के बिना लाइसेंस के अस्पताल चला रहा है और वहां पर मौके से गर्भपात की कई प्रतिबंधित दवाइयां और अन्य कई समान मिले हैं, अस्पताल को सील कर दिया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है.

Intro:Body:जींद शहर के गोहाना रोड पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अनमोल जीवन अस्पताल पर छापेमारी करके एक अस्पताल से भारी मात्रा में गर्भपात में प्रयोग होने वाली दवाईयां बरामद की। अस्पताल को चलाने वाले गांव मनोहरपुर निवासी नरेश भारद्वाज बारहवीं पास है और दूसरे डाक्टरों के नाम लिखकर अस्पताल चला रहा था। आरोपित नरेश भारद्वाज गर्भपात करवाने में संलिप्त था और 21 अक्टूबर दोपहर को भी दुराचार पीड़ित किशोरी का 15 हजार रुपये लेकर गर्भपात करवाया था।



इस मामले को लेकर जब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापेमारी की तो उस दिन आरोपित अस्पताल को बंद करके मौके से फरार हो गया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गर्भपात करवाने वाली किशोरी को तलाश शुरू की। जिसके बाद सामने आया कि राजेंद्र नगर निवासी राकेश ने 17 वर्षीय किशोरी को नशीला पदार्थ देकर उसके साथ दुराचार किया और इस दौरान वह गर्भवती हो गई। इसके बाद आरोपित युवक राकेश ने किशोरी का गर्भपात करवाने के लिए पटियाला चौक के एक अस्पताल से संपर्क किया, जहां के डाक्टर ने गर्भपात करने से मना कर दिया। इसी दौरान आरोपित नरेश भारद्वाज का गुर्गा वहां पर खड़ा था और उसने युवक से गर्भपात करवाने के लिए बातचीत की। इसके बाद युवक राकेश की आरोपित नरेश भारद्वाज से बातचीत हुई और गर्भपात करवाने के लिए 15 हजार रुपये में सौदा हो गया। 19 अक्टूबर को दुराचार का आरोपित युवक राकेश किशोरी को अपने साथ लेकर गोहाना रोड पर स्थित अनमोल जीवन अस्पताल में ले आया और नरेश भारद्वाज ने गर्भपात करवाने के लिए कुछ दवाईयां दी, लेकिन उससे गर्भपात नहीं हो पाया। इसके बाद 20 अक्टूबर को फिर से किशोरी को बुलाया, लेकिन उस दिन भी गर्भपात नहीं हो पाया। इसके बाद 21 अक्टूबर को आरोपित ने किशोरी को अस्पताल दाखिल कर लिया और वहां पर गर्भपात करवा दिया। गर्भपात करवाने के दिन ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने डॉ. प्रभू दयाल के नेतृत्व में छापेमारी की, लेकिन उस दिन रेड सफल नहीं हो पाई। अब टीम फिर से टीम मौके पर पहुंची और करीब तीन घंटे तक अस्पताल में सर्च अभियान चलाया। जहां से काफी संख्या में गर्भपात करवाने की दवाइयां बरामद की।



रेड को लेकर जब सिविल सर्जन शशि प्रभा अग्रवाल से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा की गई रेड में पाया गया कि एक व्यक्ति पटियाला चौक क्षेत्र में बिना किसी डिग्री के बिना लाइसेंस के अस्पताल चला रहा है और वहां पर मौके से गर्भपात की कई प्रतिबंधित दवाइयां व अन्य कई समान मिले हैं अस्पताल को सील कर दिया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है

बाइट - शशिप्रभा अग्रवाल , सिविल सर्जन

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