जींद: बिजली कर्मचारी नेताओं को निलंबित करने और कई कर्मचारियों पर एफआइआर दर्ज करने के विरोध में एचएसईबी वर्कर्स यूनियन के कर्मचारियों ने सिटी जींद, सब अर्बन वन जींद, जुलाना और उचाना सब डिविजन एसडीओ की गाड़ी का घेराव करते हुए उन्हें डेढ़ घंटे तक रोके रखा. शाम छह बजे सदर थाना पुलिस ने उनकी गाड़ी को पिछले गेट से निकलवाया.
इस दौरान बिजली कर्मचारी उनकी गाड़ी के आगे खड़े होकर उन्हें रोकने का प्रयास करते रहे, लेकिन पुलिस ने उन्हें हटाते हुए गाड़ी को बाहर निकलवाया. इस दौरान तनाव की स्थिति बनी रही. प्रधान राजेश शर्मा ने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, तब तक एचएससईबी वर्कर्स यूनियन वर्क सस्पेंड रखेगी. यूनियन के करीब 800 कर्मचारी काम पर नहीं जाएंगे.
कहा कि एक तरफ तो कोरोना काल में बिजली कर्मचारी दिन-रात अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ उन्हें निगम अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है. एसडीओ सिटी ने दो साल तक भी कर्मचारी की एसीआर नहीं लिखी. उल्टा कर्मचारियों पर ही मारपीट का झूठा आरोप लगा कर कर्मचारियों को दबाया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि एसडीओ शाम को पांच बजे के बाद भी ठेकेदारों को कार्यालय बुलाकर भ्रष्टाचार करता है.
यूनियन उनके कार्यालय की तीन महीनों की सीसीटीवी फुटेज की जांच की मांग करती है. जिससे पूरा मामला उजागर हो जाएगा. वहीं एक्सईएन और एसई पर भी कर्मचारी नेताओं ने गंभीर आरोप लगाए. जब तक पूरे मामले की जांच नहीं होती और कर्मचारियों की मांगें पूरी नहीं होती, धरना जारी रहेगा. अगर उन्हें दबाने का प्रयास किया गया, तो आंदोलन को तेज करते हुए ब्लैकआउट भी करने से पीछे नहीं हटेंगे.
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गौरतलब है कि पिछले सप्ताह बिजली कर्मचारियों ने सिटी एसडीओ का घेराव किया था. उस दौरान कार्यालयों में दूसरे सब डिविजनों के एसडीओ भी मौजूद थे. कर्मचारी मांगों को लेकर एसडीओ से आमने-सामने अकेले में बातचीत करने पर अड़े रहे, जबकि सिटी एसडीओ बाकी एसडीओ के मध्य ही बात करना चाहते थे. इसके चलते कर्मचारियों ने उनके कार्यालय की बिजली भी काट दी और देर शाम तक उन्हें कार्यालय से बाहर नहीं निकलने दिया.