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लॉकडाउन के बाद ठेके खुलने पर पहले दिन जींद के लोग पी गए 18 लाख की शराब

जींद जिले के लोग देशी शराब पीने के शौकीन हैं. पहले दिन देशी शराब की 266 पेटी बिकीं, वहीं अंग्रेजी शराब की 64 और बीयर की मात्र 50 पेटी बिकीं. इसके साथ ही प्रशासन की ओर से सोशल डिस्टेंस को लेकर भी उचित व्यवस्था की गई है.

people of Jind native liquo
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Published : May 9, 2020, 11:14 AM IST

जींद: जिले में सुरक्षा इंतजामों के बीच शराब के 40 ठेकों में शराब की बिक्री हो रही है. शराब खरीदने के लिए लोग सुबह ही शराब ठेकों के बाहर पहुंच जाते हैं. सुरक्षा के लिहाज से ठेकों पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. फिजिकल डिस्टेंश बाने के लिए शराब ठेकेदार और उनके ठेके पर काम करने वाले लोग लगे हुए हैं. सरकार की ओर से आदेश है कि जो लोग शराब खरीदने आ रहे हैं उनका रजिस्टर मेंटेन किया जाए.

जिले के लोग एक ही दिन में 18 लाख रुपये की शराब पी गए. पहले दिन शराब की 4560 बोतल बिकीं, जिनसे ठेकेदारों को 18 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी हुई. जींद जिले के लोग अंग्रेजी से ज्यादा देशी शराब पीने के शौकीन हैं. शराब ठेके खुलने के पहले ही दिन जिले के 40 जोन में बने शराब ठेकों पर करीब 380 पेटी शराब बिकीं. जिनमें से अंग्रेजी शराब की 64 पेटी, देशी शराब की 266 पेटी और बीयर की 50 पेटी शामिल हैं.

महंगी शराब मिलने के सवाल पर डीईटीसी रणधीर सिंह ने बताया कि शराब ठेकेदारों को न्यूनतम निर्धारित मूल्य से कम में बेचे जाने पर उसका चालान किया जा सकता है. अधिकतम पर वो चालान नहीं कर सकते. शराब ठेकों पर व्यवस्था को लेकर कहीं से भी कोई शिकायत नहीं आई. सब कुछ नियंत्रण में चल रहा है.

ये भी पढ़ें:- पड़ताल: लॉकडाउन में चारे की कमी ने तोड़ी डेयरी उद्योग की कमर, आधा दूध दे रहे पशु

शराब खरीदकर ले जाने वाले लोगों का कहना है कि देशी शराब की बोतल जो पहले 100 में मिलती थी, अब 200 रुपये में और बीयर जो 150 में मिलती थी वो अब 250 रुपये में बेची जा रही है. अंग्रेजी शराब भी पहले के मुकाबले 100 से 200 रुपये तक रेट बढ़ाकर बेची जा रही है. महंगी जरूर मिल रही है लेकिन लोग इस बात से खुश जरूर दिखाई दे रहे हैं कि ठेके खुल गए हैं और उन्हें शराब खरीदने में कोई दिक्कत नहीं हो रही है.

जींद: जिले में सुरक्षा इंतजामों के बीच शराब के 40 ठेकों में शराब की बिक्री हो रही है. शराब खरीदने के लिए लोग सुबह ही शराब ठेकों के बाहर पहुंच जाते हैं. सुरक्षा के लिहाज से ठेकों पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. फिजिकल डिस्टेंश बाने के लिए शराब ठेकेदार और उनके ठेके पर काम करने वाले लोग लगे हुए हैं. सरकार की ओर से आदेश है कि जो लोग शराब खरीदने आ रहे हैं उनका रजिस्टर मेंटेन किया जाए.

जिले के लोग एक ही दिन में 18 लाख रुपये की शराब पी गए. पहले दिन शराब की 4560 बोतल बिकीं, जिनसे ठेकेदारों को 18 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी हुई. जींद जिले के लोग अंग्रेजी से ज्यादा देशी शराब पीने के शौकीन हैं. शराब ठेके खुलने के पहले ही दिन जिले के 40 जोन में बने शराब ठेकों पर करीब 380 पेटी शराब बिकीं. जिनमें से अंग्रेजी शराब की 64 पेटी, देशी शराब की 266 पेटी और बीयर की 50 पेटी शामिल हैं.

महंगी शराब मिलने के सवाल पर डीईटीसी रणधीर सिंह ने बताया कि शराब ठेकेदारों को न्यूनतम निर्धारित मूल्य से कम में बेचे जाने पर उसका चालान किया जा सकता है. अधिकतम पर वो चालान नहीं कर सकते. शराब ठेकों पर व्यवस्था को लेकर कहीं से भी कोई शिकायत नहीं आई. सब कुछ नियंत्रण में चल रहा है.

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शराब खरीदकर ले जाने वाले लोगों का कहना है कि देशी शराब की बोतल जो पहले 100 में मिलती थी, अब 200 रुपये में और बीयर जो 150 में मिलती थी वो अब 250 रुपये में बेची जा रही है. अंग्रेजी शराब भी पहले के मुकाबले 100 से 200 रुपये तक रेट बढ़ाकर बेची जा रही है. महंगी जरूर मिल रही है लेकिन लोग इस बात से खुश जरूर दिखाई दे रहे हैं कि ठेके खुल गए हैं और उन्हें शराब खरीदने में कोई दिक्कत नहीं हो रही है.

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