जींद: एनएचएम कर्मियों की 18 दिन से हड़ताल होने के चलते मरीजों को रोहतक रेफर कर दिया गया, लेकिन उन्हें ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं थी क्योंकि एंबुलेंस कर्मचारी भी हड़ताल पर थे. काम चलाने के लिए रोडवेज से ड्राइवरों को बुलाया गया लेकिन उनकी संख्या काफी नहीं थी. आपको बता दें कई मरीजों को दो-दो घंटे एंबुलेंस के लिए इंतजार करना पड़ा और एक मरीज की कैपेसिटी वाली एंबुलेंस में भी दो-दो मरीजों को भेजा गया.
क्या है मामला ?
सिविल अस्पताल में शार्प ग्लोबल ग्रुप के पास आउटसोर्सिंग का ठेका है, जिसके तहत 185 कर्मचारी अलग-अलग काम पर लगाए गए हैं. गुरुवार को शार्प ग्लोबल ग्रुप की ओर से गायनी में वार्ड हेल्पर के रूप में कार्यरत सोनिया तथा राजवंती को हटाए जाने का नोटिस दिया गया. इसमें कंपनी की ओर से बताया गया कि दोनों कर्मचारियों ने गायनी में वार्ड हेल्पर के रूप में काम करते हुए स्वास्थ्य मंत्री के आदेशों की अवहेलना करते हुए मरीजों से जबरन बधाई ली, जिसकी शिकायत खुद मरीज तथा ड्यूटी पर तैनात स्टाफ ने की है. वहीं कर्मचारियों का कहना है कि पीएफ के पैसे जमा नहीं कराने के विरोध में आवाज उठाने पर ऐसी कार्रवाई की गई है. इसके चलते दोनों को सेवा मुक्त किया गया.
स्वास्थ्य विभाग में ठेके पर कार्यरत कर्मचारी यूनियन के प्रधान विकास ने आरोप गाया कि ठेकेदार सीएमओ की मिलीभगत से उनका पीएफ का पैसा खा रहा है. 15 कर्मचारियों का आज तक पीएफ खाता तक नहीं खुला है. विकास ने बताया कि कई कर्मचारियों का अब जाकर पीएफ में पैसा आना शुरू हुआ है. पिछले तीन माह से किसी कर्मचारी को वेतन तक नहीं मिलता है, जबकि कुछ कर्मचारियों को छह व नौ माह से वेतन नहीं मिला है.