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एनएचएम कर्मियों की 18 दिन से चल रही हड़ताल जारी, अब आउटसोर्सिंग कर्मचारी भी हड़ताल पर बैठे - आउटसोर्सिंग कर्मचारी

एनएचएम कर्मियों की 18 दिन से चल रही हड़ताल के बाद आज ठेके पर कार्यरत कर्मचारी भी हड़ताल पर बैठ गए, जिससे अस्पताल के अंदर पूरा कामकाज ठप रहा और मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा.

आउटसोर्सिंग कर्मचारी भी हड़ताल पर बैठे
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Published : Feb 22, 2019, 9:53 PM IST

जींद: एनएचएम कर्मियों की 18 दिन से हड़ताल होने के चलते मरीजों को रोहतक रेफर कर दिया गया, लेकिन उन्हें ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं थी क्योंकि एंबुलेंस कर्मचारी भी हड़ताल पर थे. काम चलाने के लिए रोडवेज से ड्राइवरों को बुलाया गया लेकिन उनकी संख्या काफी नहीं थी. आपको बता दें कई मरीजों को दो-दो घंटे एंबुलेंस के लिए इंतजार करना पड़ा और एक मरीज की कैपेसिटी वाली एंबुलेंस में भी दो-दो मरीजों को भेजा गया.

outsourcing workers on protest
आउटसोर्सिंग कर्मचारी भी हड़ताल पर बैठे

क्या है मामला ?
सिविल अस्पताल में शार्प ग्लोबल ग्रुप के पास आउटसोर्सिंग का ठेका है, जिसके तहत 185 कर्मचारी अलग-अलग काम पर लगाए गए हैं. गुरुवार को शार्प ग्लोबल ग्रुप की ओर से गायनी में वार्ड हेल्पर के रूप में कार्यरत सोनिया तथा राजवंती को हटाए जाने का नोटिस दिया गया. इसमें कंपनी की ओर से बताया गया कि दोनों कर्मचारियों ने गायनी में वार्ड हेल्पर के रूप में काम करते हुए स्वास्थ्य मंत्री के आदेशों की अवहेलना करते हुए मरीजों से जबरन बधाई ली, जिसकी शिकायत खुद मरीज तथा ड्यूटी पर तैनात स्टाफ ने की है. वहीं कर्मचारियों का कहना है कि पीएफ के पैसे जमा नहीं कराने के विरोध में आवाज उठाने पर ऐसी कार्रवाई की गई है. इसके चलते दोनों को सेवा मुक्त किया गया.

आउटसोर्सिंग कर्मचारी भी हड़ताल पर बैठे

स्वास्थ्य विभाग में ठेके पर कार्यरत कर्मचारी यूनियन के प्रधान विकास ने आरोप गाया कि ठेकेदार सीएमओ की मिलीभगत से उनका पीएफ का पैसा खा रहा है. 15 कर्मचारियों का आज तक पीएफ खाता तक नहीं खुला है. विकास ने बताया कि कई कर्मचारियों का अब जाकर पीएफ में पैसा आना शुरू हुआ है. पिछले तीन माह से किसी कर्मचारी को वेतन तक नहीं मिलता है, जबकि कुछ कर्मचारियों को छह व नौ माह से वेतन नहीं मिला है.

जींद: एनएचएम कर्मियों की 18 दिन से हड़ताल होने के चलते मरीजों को रोहतक रेफर कर दिया गया, लेकिन उन्हें ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं थी क्योंकि एंबुलेंस कर्मचारी भी हड़ताल पर थे. काम चलाने के लिए रोडवेज से ड्राइवरों को बुलाया गया लेकिन उनकी संख्या काफी नहीं थी. आपको बता दें कई मरीजों को दो-दो घंटे एंबुलेंस के लिए इंतजार करना पड़ा और एक मरीज की कैपेसिटी वाली एंबुलेंस में भी दो-दो मरीजों को भेजा गया.

outsourcing workers on protest
आउटसोर्सिंग कर्मचारी भी हड़ताल पर बैठे

क्या है मामला ?
सिविल अस्पताल में शार्प ग्लोबल ग्रुप के पास आउटसोर्सिंग का ठेका है, जिसके तहत 185 कर्मचारी अलग-अलग काम पर लगाए गए हैं. गुरुवार को शार्प ग्लोबल ग्रुप की ओर से गायनी में वार्ड हेल्पर के रूप में कार्यरत सोनिया तथा राजवंती को हटाए जाने का नोटिस दिया गया. इसमें कंपनी की ओर से बताया गया कि दोनों कर्मचारियों ने गायनी में वार्ड हेल्पर के रूप में काम करते हुए स्वास्थ्य मंत्री के आदेशों की अवहेलना करते हुए मरीजों से जबरन बधाई ली, जिसकी शिकायत खुद मरीज तथा ड्यूटी पर तैनात स्टाफ ने की है. वहीं कर्मचारियों का कहना है कि पीएफ के पैसे जमा नहीं कराने के विरोध में आवाज उठाने पर ऐसी कार्रवाई की गई है. इसके चलते दोनों को सेवा मुक्त किया गया.

आउटसोर्सिंग कर्मचारी भी हड़ताल पर बैठे

स्वास्थ्य विभाग में ठेके पर कार्यरत कर्मचारी यूनियन के प्रधान विकास ने आरोप गाया कि ठेकेदार सीएमओ की मिलीभगत से उनका पीएफ का पैसा खा रहा है. 15 कर्मचारियों का आज तक पीएफ खाता तक नहीं खुला है. विकास ने बताया कि कई कर्मचारियों का अब जाकर पीएफ में पैसा आना शुरू हुआ है. पिछले तीन माह से किसी कर्मचारी को वेतन तक नहीं मिलता है, जबकि कुछ कर्मचारियों को छह व नौ माह से वेतन नहीं मिला है.

Intro:एनएचएम कर्मियों की 18 दिन से चल रही हड़ताल के बाद आज ठेके पर कार्यरत कर्मचारी भी हड़ताल पर बैठ गए जिससे अस्पताल के अंदर पूरा कामकाज ठप रहा और मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा,




Body:कर्मचारियों के ना होने के चलते मरीजों को रोहतक रेफर कर दिया गया लेकिन उन्हें ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं थी क्योंकि एंबुलेंस कर्मचारी भी हड़ताल पर थे काम चलाने के लिए रोडवेज से ड्राइवरों को बुलाया गया लेकिन उनकी संख्या ना काफी थी , सीरियस मरीजों को भी दो-दो घंटे एंबुलेंस के लिए इंतजार करना पड़ा और एक की ही कैपेसिटी वाली एंबुलेंस में भी दो दो मरीजों को भेजा गया,


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