जींद: हरियाणा के नूंह जिले का भूतलाका गांव के बाद अब जींद जिले के बीबीपुर गांव में भी घर के बाहर बेटी के नाम की नेमप्लेट लगने लगी हैं. अब इस गांव में भी हर घर की पहचान बेटी के नाम से होगी. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वामित्व योजना से प्रभावित होकर 'सेल्फी विद डाटर फाउंडेशन' ने घरों के बाहर बेटियों की नेमप्लेट लगाने का अभियान शुरू किया गया.
12 हजार घरों पर लग चुकी है ऐसी नेम प्लेट
बता दें कि जींद का बीबीपुर गांव सेल्फी विद डॉटर अभियान की शुरुआत यहीं से हुई थी. बीबीपुर गांव इस अभियान की शुरुआत करने वाले सुनील जागलान का पैतृक गांव है. सेल्फी विद डाटर फाउंडेशन ने यह नेमप्लेट गांव में वितरित की है, ताकि हर घर के बाहर बेटियों की नेमप्लेट लगे. सुनील जागलान की ओर से हालांकि यह अभियान 2015 से चल रहा है और अभी तक करीब 12 हजार लोगों के घर बेटियों के नाम की नेमप्लेट लगाई जा चुकी है, लेकिन प्रधानमंत्री की स्वामित्व योजना से प्रेरणा हासिल कर फाउंडेशन ने हर गांव को बेटियों को समर्पित करने का अभियान छेड़ा है.
'नेमप्लेट से बेटियों को मिलेगा सम्मान'
वहीं बीबीपुर गांव में लड़की के नाम की प्लेट घर के बाहर लगाने वाले बच्चे के पिता ने कहा कि यह बहुत ही गौरव का क्षण है. इससे समाज में यह मैसेज जाएगा कि आज के समय में लड़के और लड़की में कोई फर्क नहीं है. इस तरह के प्रयासों से समाज में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को भी सफलता मिलेगी. लड़कियों को उनकी जगह और उनका सम्मान मिलेगा.
'बेटियों को समर्पित गांवों की होगी लंबी फेहरिस्त'
पांच साल पहले वर्ष 2015 में सभी जगह यह अभियान शुरू हुआ था, जिसके बाद बाकी संस्थाओं के साथ महिला एवं बाल विकास विभाग हरियाणा ने भी इस मॉडल को अपनाया और बेटियों के नाम की नेमप्लेट लगाना शुरू किया, लेकिन सेल्फी विद डाटर फाउंडेशन अब बेटियों को समर्पित गांवों की एक फेहरिस्त तैयार करेगा. सुनील जागलान ने कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि अब गांव बेटियों को स्वामित्व की तरफ ले जा रहा है, अब कोशिश रहेगी कि इस मॉडल को भारत सरकार हमारे दूसरे अभियानों की तरह पॉयलट प्रोजेक्ट की तरह लागू करें.
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