जींद: बच्चों की मासूमियत को देखकर जहां हर किसी का दिल पसीज जाता है. वहीं पिता की मौत के बाद एक निर्दयी मां अपने दो मासूमों को छोड़कर कहीं चली गई. करीब एक साल से मासूम भाई-बहन गांव की गली-गली फिरते रहे और कोई खाना देता तो खा लेते. रात को गली में खड़ी बुग्गी पर सो जाते. काफी दिनों तक ग्रामीणों को समझ में नहीं आ रहा था कि ये बच्चे ऐसा क्यों कर रहे हैं.
बाद में पता चला कि दोनों बच्चे अनाथ हो गए हैं और इसकी सूचना बाल कल्याण समिति (jind child welfare committee) को दी गई. समिति पदाधिकारियों ने दोनों मासूमों को जींद में नवनिर्मित कलाम बाल आश्रम में भिजवाया. गुरुवार को दोनों बच्चों का मेडिकल चेकअप कराया, जिसमें दोनों स्वस्थ पाए गए हैं. बच्चों की कोरोना जांच भी नेगेटिव आई है.
एक साल पहले छोड़ गई थी मां
ग्रामीणों से जानकारी जुटाने के बाद बाल कल्याण परिषद व समिति पदाधिकारियों ने बच्चों को काउंसलिंग कराई. इस दौरान सामने आया कि बच्चों के पिता की पहले ही मौत हो चुकी है और करीब एक साल पहले उनकी मां भी उन्हें बेसहारा छोड़कर कहीं चली गई.
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बताया गया है कि जो मकान था उसे भी महिला ने गिरवी रखा हुआ है. परिवार के चाचा ताऊ आदि ने भी बच्चों को नहीं संभाला. बच्चों ने बताया कि वो कभी किसी के घर खाना खाते तो कभी भूखे पेट ही सो जाते. कोई कपड़े देता तो वो पहन लेते. बच्चों को दर-दर की ठोकरें खाते देख एक ग्रामीण ने 23 मई को बाल कल्याण समिति को फोन कर सूचना दी. इस पर टीम गांव में पहुंची और बच्चों को जींद कलाम आश्रम लेकर आई.
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अधिकारियों द्वारा दोनों बच्चों को कपड़े दिलए गए. खाने की व्यवस्था की गई और पढ़ाई की व्यवस्था की गई और उनका टेस्ट भी करवाया गया. अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच करेंगे और मासूम बच्चों की मां कहां रहती है उसकी विभागीय जांच करेंगे.