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घर जाने को पैदल निकला मजदूर, चलने से पैरों में पड़ गए छाले - जींद पैदल चलते मजदूर

1 दिन पहले कुलदीप हिसार से शामली के लिए निकला था, लेकिन 24 घंटे बाद भी वो सिर्फ जींद ही पहुंच पाया. इस दौरान पैदल चलने से उसके पैरों में छाले तक पड़ गए.

labour walking from hisar to shamli
शामलि के लिए पैदल निकला मजदूर
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Published : Mar 30, 2020, 7:02 PM IST

जींद: लॉकडाउन के बाद से ही हजारों प्रवासी मजदूर अपने घरों की ओर पैदल ही चल पड़े हैं. हरियाणा होते हुए कई प्रवासी मजदूर राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश वापस जा रहे हैं. ऐसा ही एक प्रवासी मजदूर है कुलदीप जो 1 दिन पहले हिसार से उत्तर प्रदेश के शामली के लिए निकला था और 1 दिन बाद सिर्फ जींद ही पहुंच पाया.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट

उतर प्रदेश के शामली के रहने वाला कुलदीप एक दिन पहले 2 बैग लेकर हिसार से पैदल चला था. आज 24 घंटे में जींद तक ही पहुंचा है. एक दिन पैदल चलने की वजह से कुलदीप के पैरों में छाले पड़ गए हैं, जबकि अभी भी उसे 130 किलोमीटर और पैदल चलना है.

कुलदीप ने बताया कि वो हिसार में एक फैक्ट्री में काम करता था. लॉकडाउन के बाद उसे काम मिलना बंद हो गया और वो हिसार से कल दोपहर अकेले ही 200 किलोमीटर दूर अपने घर शामली के लिए रवाना हो गया. वो पैदल चलते-चलते 24 घंटे के सफर के बाद आज जींद पहुंचा. इस दौरान रात को कहीं सोने की भी जगह नहीं मिली तो उसने ओवरब्रिज के पास एक बेंच पर लेटकर रात बिताई.

ये भी पढ़िए: लॉकडाउनः चंडीगढ़ में गरीबों और मजदूरों को नहीं मिल पा रही सरकारी मदद

पैदल चलते चलते उसके पैरों पर छाले पड़ गए हैं और उसे अभी तक 130 किलोमीटर आगे चलकर शामली पहुंचना है. उसकी आंखों में आंसू थे और चेहरे पर बेबसी. वो बस किसी भी तरह अपने घर पहुंचना चाहता है.

जींद: लॉकडाउन के बाद से ही हजारों प्रवासी मजदूर अपने घरों की ओर पैदल ही चल पड़े हैं. हरियाणा होते हुए कई प्रवासी मजदूर राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश वापस जा रहे हैं. ऐसा ही एक प्रवासी मजदूर है कुलदीप जो 1 दिन पहले हिसार से उत्तर प्रदेश के शामली के लिए निकला था और 1 दिन बाद सिर्फ जींद ही पहुंच पाया.

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उतर प्रदेश के शामली के रहने वाला कुलदीप एक दिन पहले 2 बैग लेकर हिसार से पैदल चला था. आज 24 घंटे में जींद तक ही पहुंचा है. एक दिन पैदल चलने की वजह से कुलदीप के पैरों में छाले पड़ गए हैं, जबकि अभी भी उसे 130 किलोमीटर और पैदल चलना है.

कुलदीप ने बताया कि वो हिसार में एक फैक्ट्री में काम करता था. लॉकडाउन के बाद उसे काम मिलना बंद हो गया और वो हिसार से कल दोपहर अकेले ही 200 किलोमीटर दूर अपने घर शामली के लिए रवाना हो गया. वो पैदल चलते-चलते 24 घंटे के सफर के बाद आज जींद पहुंचा. इस दौरान रात को कहीं सोने की भी जगह नहीं मिली तो उसने ओवरब्रिज के पास एक बेंच पर लेटकर रात बिताई.

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पैदल चलते चलते उसके पैरों पर छाले पड़ गए हैं और उसे अभी तक 130 किलोमीटर आगे चलकर शामली पहुंचना है. उसकी आंखों में आंसू थे और चेहरे पर बेबसी. वो बस किसी भी तरह अपने घर पहुंचना चाहता है.

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