जींद: इन दिनों दिल्ली एनसीआर समेत हरियाणा में भी दम घोंटू हवा खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. प्रदूषण की वजह से दिल्ली में स्वास्थ्य आपातकाल (हेल्थ इमरजेंसी) तक घोषित करनी पड़ी है. पराली के धुएं व धूल के महीन कणों से दिल्ली-एनसीआर की हवा जहरीली हो गई है. पराली जलाने को रोकने के लिए सरकार प्रशासन हर तरह के कदम उठा रहा है.
21 किसानों पर एफआईआर दर्ज
जगह-जगह पराली जलाने को लेकर किसानों पर एफआईआर की खबरे भी आ रही है. लेकिन किसान मजबूरी के कारण पराली को जला रहे है. जींद के जुलाना में किसान पराली को सरेआम जला रहे है. जिले में अब तक 21 किसानों के खिलाफ पराली जलाने पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है.
ये भी जाने- गैस चेंबर में तब्दील हुआ अंबाला, लोगों को सांस लेने में हो रही परेशानी
ऐसे नजर रख रहा है प्रशासन
कृषि विभाग का कहना है कि सेटलाइट के माध्यम से नजर रखी जाती है कि कहां पराली जलाई गई है और फिर इसकी लोकेशन को प्राप्त किया जाता है. इसके बाद कर्मचारी मौके पर जाकर छानबीन करते हैं कि पराली जलाई गई है या नही. इस दौरान पराली जलाने के मिले अवशेष के बाद खेत मालिक की पहचान की जाती है और ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करवाई जाती है.
कृषि विभाग कर रहा है किसानों को जागरुक
इस साल में अब तक पराली जलाने के 199 मामले सामने आ चुके है, इनमें से कुछ पर करवाई भी हुई है. वहीं पिछले साल पराली जलाने के कुल 1000 मामले सामने आए थे. सुरेन्द्र मलिक ने बताया कि गांव-गांव जाकर किसानो को पराली न जलाने बारे जागरूक किया जा रहा है. उसके बाद भी जो किसान पराली जला रहे है, उन पर जुर्माना लगाया जा रहा है.