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बजट मिलने के बाद जींद के सिविल अस्पताल की नहीं हो पाई मरम्मत, खतरे में मरीजों की जान - जींद सिविल अस्पताल हालत खबर

जींद के नागरिक अस्पताल में पुराने भवन निर्माण की मरम्मत का काम डेढ़ साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है. हैरान करने वाली बात ये है कि इस मरम्मत के लिए लगभग डेढ़ करोड़ का बजट पास हुआ था.

building of jind Hospital in bad condition
सिविल अस्पताल
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Published : Dec 26, 2019, 7:52 AM IST

Updated : Dec 26, 2019, 8:12 AM IST

जींद: शहर के नागरिक अस्पताल में पुराने भवन निर्माण की मरम्मत का काम डेढ़ साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है. ये अस्पताल पुरानी बिल्डिंग पर टिका हुआ है. जिसका मलबा भी गिरता रहता है. अस्पताल की जर्जर स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने डेढ़ साल पहले एक करोड़ उनतालीस लाख का बजट लोक निर्माण विभाग को मरम्मत के लिए दिया था.

बजट मिलने के बाद भी अस्पताल की बिल्डिंग की हालत खराब

बजट मिलने के बाद लोक निर्माण विभाग ने इस काम के लिए ठेका भी दे दिया था, लेकिन बार-बार काम रुक जाने के कारण अब तक पूरा नहीं हो पाया है. स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर कई बार लोक निर्माण विभाग को पत्र लिख चुका है, लेकिन अस्पताल की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है.

जींद के सिविल अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग की खराब हालत, देखें वीडियो

ये भी जाने- चंडीगढ़: 8 जनवरी को हरियाणा रोडवेज का चक्का जाम

इस बारे में जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी शशि प्रभा अग्रवाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम लोक निर्माण विभाग को लगातार पत्र लिख रहे हैं. हाल ही में भी निर्माण विभाग के एक्सईएन से इस बारे में मीटिंग हुई थी. उन्होंने आश्वासन दिया है कि और मिस्त्री बढ़ाकर जल्द ही काम पूरा करवा दिया जाएगा.

एक हादसे में बाल-बाल बचा था कर्मचारी

आपको बता दें कि कुछ समय पहले इस बिल्डिंग का एक हिस्सा गिर गया था, जिसके नीचे सफाई कर रहे कर्मचारी की जान बाल-बाल बची थी. उस हादसे के बाद पुरानी बिल्डिंग के हिस्से के चारों तरफ रसिया बांधी गई ताकि कोई मरीज उसके नीचे ना जा सके लेकिन अब डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी मरम्मत का काम ना हो पाना लोक निर्माण विभाग की कार्य प्रणाली पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है.

जींद: शहर के नागरिक अस्पताल में पुराने भवन निर्माण की मरम्मत का काम डेढ़ साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है. ये अस्पताल पुरानी बिल्डिंग पर टिका हुआ है. जिसका मलबा भी गिरता रहता है. अस्पताल की जर्जर स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने डेढ़ साल पहले एक करोड़ उनतालीस लाख का बजट लोक निर्माण विभाग को मरम्मत के लिए दिया था.

बजट मिलने के बाद भी अस्पताल की बिल्डिंग की हालत खराब

बजट मिलने के बाद लोक निर्माण विभाग ने इस काम के लिए ठेका भी दे दिया था, लेकिन बार-बार काम रुक जाने के कारण अब तक पूरा नहीं हो पाया है. स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर कई बार लोक निर्माण विभाग को पत्र लिख चुका है, लेकिन अस्पताल की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है.

जींद के सिविल अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग की खराब हालत, देखें वीडियो

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इस बारे में जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी शशि प्रभा अग्रवाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम लोक निर्माण विभाग को लगातार पत्र लिख रहे हैं. हाल ही में भी निर्माण विभाग के एक्सईएन से इस बारे में मीटिंग हुई थी. उन्होंने आश्वासन दिया है कि और मिस्त्री बढ़ाकर जल्द ही काम पूरा करवा दिया जाएगा.

एक हादसे में बाल-बाल बचा था कर्मचारी

आपको बता दें कि कुछ समय पहले इस बिल्डिंग का एक हिस्सा गिर गया था, जिसके नीचे सफाई कर रहे कर्मचारी की जान बाल-बाल बची थी. उस हादसे के बाद पुरानी बिल्डिंग के हिस्से के चारों तरफ रसिया बांधी गई ताकि कोई मरीज उसके नीचे ना जा सके लेकिन अब डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी मरम्मत का काम ना हो पाना लोक निर्माण विभाग की कार्य प्रणाली पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है.

Intro:जींद के नागरिक अस्पताल के पुराने भवन की मरम्मत का कार्य डेढ़ साल बाद भी नहीं पूरा हो पाया , अस्पताल की है पुरानी बिल्डिंग भरभरा कर गिरने लगी है जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग नहीं डेढ़ साल पहले एक करोड उनतालीस लाख का बजट लोक निर्माण विभाग को मरम्मत के लिए दिया था जिसके बाद लोक निर्माण विभाग ने इस काम के लिए ठेका भी दे दिया लेकिन बार-बार काम रुक जाने के कारण अब तक पूरा नहीं हुआ है स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर कई बार लोक निर्माण विभाग को पत्र लिख चुका है लेकिन काम की गति ज्यों की त्यों है


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इस बारे में जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी शशि प्रभा अग्रवाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम लोक निर्माण विभाग को लगातार पत्र लिख रहे हैं हाल ही में भी निर्माण विभाग के एक्सईन से इस बारे में मीटिंग हुई थी उन्होंने आश्वासन दिया है कि और मिस्त्री बढ़ाकर जल्द ही काम पूरा करवा दिया जाएगा

बाइट - शशिप्रभा अग्रवाल , मुख्यचिकित्सा अधिकारी






Conclusion:कुछ समय पहले इस बिल्डिंग का एक हिस्सा गिर गया था जिसके नीचे सफाई कर रहे कर्मचारी की जान बाल बाल बची थी उस हादसे के बाद पुरानी बिल्डिंग के हिस्से के चारों तरफ रसिया बांधी गई ताकि कोई मरीज उसके नीचे ना जा सके लेकिन अब डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी मरम्मत का कार्य ना हो पाना लोक निर्माण विभाग की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है
Last Updated : Dec 26, 2019, 8:12 AM IST
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