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झज्जर: अनाज मंडी के गेट बाहर सब्जी बेच रहे मांसाखोरों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज - Vegetable sellers protest jhajjar

झज्जर अनाज मंडी के गेट के बाहर सब्जी बेच रहे मांसाखोरों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर हटा दिया. जिसके विरोध में मांसाखोरों ने लघु सचिवालय के बाहर धरना दिया.

Vegetable sellers protest in jhajjar
Vegetable sellers protest in jhajjar
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Published : Jun 23, 2020, 8:19 PM IST

झज्जर: जिले की सब्जी मंडी के गेट के बाहर सड़क पर सब्जियां बेचने वाले मांसाखोरों पर मंगलवार को पुलिस ने लाठियां भांजी. मंगलवार सुबह पुलिस की पीसीआर सब्जी मंडी पहुंची और उसमें मौजूद पुलिस कर्मियों ने मांसाखोरों पर लाठियां भांजनी शुरू कर दी. इस दौरान जहां अनेक मांसाखोरों की सब्जियां सड़क पर बिखर गईं. बाद में इन सब्जियों पर पशु विचरण करते हुए नजर आए.

आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने मांसाखोरों पर लाठियां भांजी उस समय मार्किट कमेटी सचिव विजय कुमार भी वहां पर मौजूद थे. मांसाखोरों का आरोप है कि उन्हीं के इशारे पर पुलिस ने उन पर लाठियां बरसाई हैं.

बता दें कि कोरोना वायरस को देखते हुए मार्किट कमेटी ने शहर के वार्ड व अन्य स्थानों पर सब्जियां बेचने के लिए पास भी जारी कर रखे हैं. लेकिन इन सबके बावजूद भी कुछ मांसाखोर यहां सब्जी मंडी के बाहर सड़क पर सब्जियां बेच रहे हैं. जिस की वजह से यहां सड़क पर जाम की स्थिति बन जाती है.

पिछले तीन रोज से मांसाखोरों को सड़क पर सब्जियां न बेचने के लिए हिदायत दी जा रही थी लेकिन जब उन्होंने इन हिदायत को नजर अंदाज करना शुरू कर दिया तो मजबूरन पुलिस को थोड़ी सख्ती दिखानी पड़ी.

लाठीचार्ज के विरोध में सभी मांसाखोर आक्रोश जताने के लिए लघु सचिवालय भी पहुंचे. यहां उन्होंने नारोबाजी करते हुए सोशल डिसटेंसिंग के साथ धरना भी दिया. बता दें कि झज्जर की सब्जी मंडी में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद से ही प्रशासन सख्ती दिखा रहा है.

कौन होते हैं मांसाखोर?

मासाखोर सब्जी मंडी में बैठने वाले वो व्यापारी होते हैं. जो फुटकर तौर पर सब्जी बेचते हैं. इनके पास थोड़ी-थोड़ी मात्रा में सभी सब्जियां होती हैं. जहां से लोग फुटकर खरीदारी करते हैं. मासाखोर शब्द पुराने जमाने के मासा-तोला शब्द से बना है. जिसका अर्थ होता है रत्ती भर. अर्थात जो सब्जी विक्रेता थोड़ी मात्रा में सब्जी बेचते हैं. उन्हें मासाखोर कहते हैं.

ये भी पढ़ें- फरीदाबाद के कोरोना सेंटर्स में लगेंगे स्पेशल कार्डबोर्ड बेड, जानिए खासियत

झज्जर: जिले की सब्जी मंडी के गेट के बाहर सड़क पर सब्जियां बेचने वाले मांसाखोरों पर मंगलवार को पुलिस ने लाठियां भांजी. मंगलवार सुबह पुलिस की पीसीआर सब्जी मंडी पहुंची और उसमें मौजूद पुलिस कर्मियों ने मांसाखोरों पर लाठियां भांजनी शुरू कर दी. इस दौरान जहां अनेक मांसाखोरों की सब्जियां सड़क पर बिखर गईं. बाद में इन सब्जियों पर पशु विचरण करते हुए नजर आए.

आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने मांसाखोरों पर लाठियां भांजी उस समय मार्किट कमेटी सचिव विजय कुमार भी वहां पर मौजूद थे. मांसाखोरों का आरोप है कि उन्हीं के इशारे पर पुलिस ने उन पर लाठियां बरसाई हैं.

बता दें कि कोरोना वायरस को देखते हुए मार्किट कमेटी ने शहर के वार्ड व अन्य स्थानों पर सब्जियां बेचने के लिए पास भी जारी कर रखे हैं. लेकिन इन सबके बावजूद भी कुछ मांसाखोर यहां सब्जी मंडी के बाहर सड़क पर सब्जियां बेच रहे हैं. जिस की वजह से यहां सड़क पर जाम की स्थिति बन जाती है.

पिछले तीन रोज से मांसाखोरों को सड़क पर सब्जियां न बेचने के लिए हिदायत दी जा रही थी लेकिन जब उन्होंने इन हिदायत को नजर अंदाज करना शुरू कर दिया तो मजबूरन पुलिस को थोड़ी सख्ती दिखानी पड़ी.

लाठीचार्ज के विरोध में सभी मांसाखोर आक्रोश जताने के लिए लघु सचिवालय भी पहुंचे. यहां उन्होंने नारोबाजी करते हुए सोशल डिसटेंसिंग के साथ धरना भी दिया. बता दें कि झज्जर की सब्जी मंडी में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद से ही प्रशासन सख्ती दिखा रहा है.

कौन होते हैं मांसाखोर?

मासाखोर सब्जी मंडी में बैठने वाले वो व्यापारी होते हैं. जो फुटकर तौर पर सब्जी बेचते हैं. इनके पास थोड़ी-थोड़ी मात्रा में सभी सब्जियां होती हैं. जहां से लोग फुटकर खरीदारी करते हैं. मासाखोर शब्द पुराने जमाने के मासा-तोला शब्द से बना है. जिसका अर्थ होता है रत्ती भर. अर्थात जो सब्जी विक्रेता थोड़ी मात्रा में सब्जी बेचते हैं. उन्हें मासाखोर कहते हैं.

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