झज्जर: सहारा इंडिया क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी की एफडी स्कीम में बहादुरगढ़ के 100 करोड़ से ज्यादा रुपये अटक गए हैं. अकेले कसार गांव के ग्रामीणों के करीबन 25 करोड़ रुपये हैं जिन्हें पाने के लिए ग्रामीण लगातार सहारा इंडिया के ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि उनकी एफडी मैच्योर हुए कई साल बीत चुके हैं, लेकिन पैसे नहीं दिए जा रहे हैं. जब भी पैसे मांगने आते हैं तो डेढ़ से दो साल के लिए एफडी रिन्यू कर दी जाती है, लेकिन पैसे नहीं दिए जाते. वहीं सहारा इंडिया के स्थानीय अधिकारी का कहना है कि पैसों की कमी के कारण एफडी की मैच्योरिटी मनी नहीं दी जा रही है. हालांकि कम्पनी जमाकर्ता को देरी पर ब्याज देने के लिए प्रतिबद्ध है.
सहारा इंडिया के स्थानीय मैनेजर नीरज वत्स का कहना है कि कंपनी के पास फिलहाल पैसों की कमी है. सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध के कारण कंपनी को आर्थिक रूप से समस्या हो रही है, लेकिन कंपनी जमाकर्ताओं का देरी का ब्याज देने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि जैसे ही कंपनी की तरफ से फंड रिलीज किया जाएगा तुरंत प्रभाव से सबको मैच्योरिटी मनी का भुगतान कर दिया जाएगा.
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बार-बार मैच्योरिटी मनी को लेकर सहारा के दफ्तर के चक्कर काटकर थक चुके कसार गांव के हरिचन्द ने तो अपने वकील के मार्फत सहारा इंडिया को नोटिस भी दिया गया है, लेकिन तमाम विरोध और शिकायतों के बाद भी लोगों को उनकी मेहनत की कमाई वापस नहीं मिली है. जिस वजह से पीड़ित लोगों को अपनी जरूरते पूरी करने के लिय उधारी लेनी पड़ी रही है.