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झज्जर में गेहूं की बंपर पैदावार, फसल खरीदने में प्रशासन ढीला! - मंडी में लगे गेहूं के अंबार

आढ़ती चांद बताते हैं कि गेहूं की फसल मंडी में आने से पहले सरसों गोदामों में चली जानी चाहिए थी, मगर ऐसा नहीं हुआ. अब आलम यह है कि मंडी में फसलों के बड़े-बड़े ढेर लगे हैं और किसान की फसल रखवाने के लिए जगह का भी टोटा है

मंडी में लगे गेहूं के अंबार
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Published : Apr 25, 2019, 11:45 AM IST

झज्जर: अनाज मंडी में समस्यााओं के अंबार लगे हैं. किसानों की सरसों की फसल की खरीद का अभी समाधान भी नहीं हुआ है कि दूसरी ओर गेहूं की बंपर पैदावार मंडी में पहुंच चुकी है. गेहूं की फसल काफी अच्छी हुई है, मगर शासन-प्रशासन की लेट-लतीफी के चलते फसल की खरीद व उठान में देरी हो रही है.

इससे अलहदा आढ़ती सरकार से पेमेंट न होने का रोना अलग से रो रहे हैं. उनका कहना है कि वे फसल की खरीद कर सरकार को दे चुके हैं, मगर सरकार उनकी पेमेंट नहीं कर रही है जबकि किसान उनसे पेमेंट के लिए आए दिन बहसबाजी कर रहे हैं. कुल मिलाकर अनाज मंडी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है.

मंडी में लगे गेहूं के अंबार

मंडी के आढ़ती चांद बताते हैं कि गेहूं की फसल मंडी में आने से पहले सरसों गोदामों में चली जानी चाहिए थी, मगर ऐसा नहीं हुआ. अब आलम यह है कि मंडी में फसलों के बड़े-बड़े ढेर लगे हैं और किसान की फसल रखवाने के लिए जगह का भी टोटा है. उन्होंने कहा कि आढ़ती पहले ही बरसात में फसल भीग जाने से नुक्सान उठा चुके हैं और हालत अब भी ठीक नहीं हो पा रहे हैं.

इस बारे में डीसी संजय जून से बात की गई तो उन्होंनें कहा कि फसल के उठान का एक सिस्टम है. उठान करने वाले ठेकेदार को समय लगता है, मगर किसान चार-पांच दिन में इतनी फसल ले आते हैं कि उनको जगह की समस्या आती है.

झज्जर: अनाज मंडी में समस्यााओं के अंबार लगे हैं. किसानों की सरसों की फसल की खरीद का अभी समाधान भी नहीं हुआ है कि दूसरी ओर गेहूं की बंपर पैदावार मंडी में पहुंच चुकी है. गेहूं की फसल काफी अच्छी हुई है, मगर शासन-प्रशासन की लेट-लतीफी के चलते फसल की खरीद व उठान में देरी हो रही है.

इससे अलहदा आढ़ती सरकार से पेमेंट न होने का रोना अलग से रो रहे हैं. उनका कहना है कि वे फसल की खरीद कर सरकार को दे चुके हैं, मगर सरकार उनकी पेमेंट नहीं कर रही है जबकि किसान उनसे पेमेंट के लिए आए दिन बहसबाजी कर रहे हैं. कुल मिलाकर अनाज मंडी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है.

मंडी में लगे गेहूं के अंबार

मंडी के आढ़ती चांद बताते हैं कि गेहूं की फसल मंडी में आने से पहले सरसों गोदामों में चली जानी चाहिए थी, मगर ऐसा नहीं हुआ. अब आलम यह है कि मंडी में फसलों के बड़े-बड़े ढेर लगे हैं और किसान की फसल रखवाने के लिए जगह का भी टोटा है. उन्होंने कहा कि आढ़ती पहले ही बरसात में फसल भीग जाने से नुक्सान उठा चुके हैं और हालत अब भी ठीक नहीं हो पा रहे हैं.

इस बारे में डीसी संजय जून से बात की गई तो उन्होंनें कहा कि फसल के उठान का एक सिस्टम है. उठान करने वाले ठेकेदार को समय लगता है, मगर किसान चार-पांच दिन में इतनी फसल ले आते हैं कि उनको जगह की समस्या आती है.

मंडी में गेहूं के लगे अंबार मुश्किल में किसान
बची सरसों की खरीद भी नहीं हो पा रही
सरकार से पेमेंट न मिलने से आढ़ती परेशान 
झज्जर
एंकर
झज्जर की अनाज मंडी में समस्यााओं के अंबार लगे हैं। किसानों की सरसों की फसल की खरीद का अभी समाधान भी नहीं हुआ है की दूसरी ओर गेहूं की बंपर पैदावार मंडी में पहुंच चुकी है। गेहूं की फसल काफी अच्छी हुई है मगर शासन-प्रशासन की लेट-लतीफी के चलते फसल की खरीद व उठान में देरी हो रही है। इससे अलहदा आढ़ती सरकार से पेमेंट न होने का रोना अलग से रो रहे हैं। उनका कहना है की वे फसल की खरीद कर सरकार को दे चुके हैं मगर सरकार उनकी पेमेंट नहीं कर रही है जबकि किसान उनसे पेमेंट के लिए आए दिन बहसबाजी कर रहे हैं। कुल मिलाकर अनाज मंडी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
मंडी के आढ़ती चांद बताते हैं की गेहूं की फसल मंडी में आने से पहले सरसों गोदामों में चली जानी चाहिए थी मगर ऐसा नहीं हुआ। अब आलम यह है की मंडी में फसलों के बड़े बड़े ढेर लगे हैं और किसान की फसल रखवाने के लिए जगह का भी टोटा है। उन्होंने कहा की आढ़ती पहले ही बरसात में फसल भीग जाने से नुक्सान उठा चुके हैं और हालत अब भी ठीक नहीं हो पा रहे हैं। 
आढ़ती हरेंद्र सिलाना बताते हैं कि गेहूं के उठान व सरसों की खरीद की समस्या है। परचेज एजेंसी कहती है की उनका कोटा पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा की वे 2 करोड़ की कीमत की गेहूं की फसल सरकार को खरीदकर दे चुके हैं मगर अभी तक उनको एक पैसा भी पेमेंट नहीं हो पाई है। जबकि किसान रोज पैसाें के लिए तकाजा कर रहे हैं। 
इस बारे में डीसी संजय जून से बात की गई तो उन्होंनें कहा कि फसल के उठान का एक सिस्टम है। उठान करने वाले ठेकेदार को समय लगता है मगर किसान चार-पांच दिन में इतनी फसल ले आते हैं की उनको जगह की समस्या आती है। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों की दिक्कत फसल के समय उठान में होती ही है। डीसी कहते हैं की प्रदेश में किसान खेतों से सीधे गेहूं को मंडी में एक साथ ले आते हैं। इस बार झज्जर जिले में 2 लाख मिटिृक टन गेहूं आने की सभावना है। पेमेंट न होने के बारे में उन्होंने बताया की सरसों की पेमेंट की जा चुकी है। 
बाइट-चांद आढ़ती
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झज्जर।

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