झज्जर: अनाज मंडी में समस्यााओं के अंबार लगे हैं. किसानों की सरसों की फसल की खरीद का अभी समाधान भी नहीं हुआ है कि दूसरी ओर गेहूं की बंपर पैदावार मंडी में पहुंच चुकी है. गेहूं की फसल काफी अच्छी हुई है, मगर शासन-प्रशासन की लेट-लतीफी के चलते फसल की खरीद व उठान में देरी हो रही है.
इससे अलहदा आढ़ती सरकार से पेमेंट न होने का रोना अलग से रो रहे हैं. उनका कहना है कि वे फसल की खरीद कर सरकार को दे चुके हैं, मगर सरकार उनकी पेमेंट नहीं कर रही है जबकि किसान उनसे पेमेंट के लिए आए दिन बहसबाजी कर रहे हैं. कुल मिलाकर अनाज मंडी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है.
मंडी के आढ़ती चांद बताते हैं कि गेहूं की फसल मंडी में आने से पहले सरसों गोदामों में चली जानी चाहिए थी, मगर ऐसा नहीं हुआ. अब आलम यह है कि मंडी में फसलों के बड़े-बड़े ढेर लगे हैं और किसान की फसल रखवाने के लिए जगह का भी टोटा है. उन्होंने कहा कि आढ़ती पहले ही बरसात में फसल भीग जाने से नुक्सान उठा चुके हैं और हालत अब भी ठीक नहीं हो पा रहे हैं.
इस बारे में डीसी संजय जून से बात की गई तो उन्होंनें कहा कि फसल के उठान का एक सिस्टम है. उठान करने वाले ठेकेदार को समय लगता है, मगर किसान चार-पांच दिन में इतनी फसल ले आते हैं कि उनको जगह की समस्या आती है.