झज्जर: आसौदा केएमपी को टोल फ्री करने को लेकर पुलिस ने जिले के 300 किसानों के खिलाफ मुकद्दमे दर्ज किए हैं. पुलिस ने रोड जाम करने और टोल फ्री कराने के मामले में ये कार्रवाई की है.
गौरतलब है कि 14 अप्रैल को भी झज्जर पुलिस ने दलाल खाप के प्रधान भूप सिंह दलाल सहित 18 किसान नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया था, लेकिन अब 22 अप्रैल को टोल फ्री कराने व तोड़फोड़,हंगामा करने के मामले में 300 लोगों के खिलाफ और केस दर्ज किया है.
पुलिस ने सभी की पहचान भी कर ली है. विभिन्न धाराओं के तहत ये मामला दर्ज किया है. एसडीओ देवेंद्र सिंह द्वारा टोल पर हंगामा करने व तोड़फोड़ के अलावा जबरन टोल फ्री कराने की शिकायत पर ये मामला दर्ज हुआ है.
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किसानों द्वारा केएमपी को टोल फ्री कराने को लेकर पुलिस कर रही कार्रवाई
एसडीओ देवेंद्र सिंह ने अपनी शिकायत में बताया कि वो उपमंडल अधिकारी कार्यालय में जल सेवा मंडल में तैनात हैं. 22 अप्रैल को जिला उपायुक्त के आदेश अनुसार उन्हें ड्यूटी मजिस्ट्रेट केएमपी आसौदा पर नियुक्त किया गया था. किसानों की तरफ से केएमपी टोल फ्री कराने की घोषणा की गई थी. जिसके बाद प्रशासन ने धारा 144 की लगाई थी.
300 किसानों ने की जबरन टोल फ्री
कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उन्हें डयूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था. दोपहर को करीब 300 से ज्यादा किसान अलग-अलग साधनों में टोल पर पहुंचे. जहां उन्होंने टोल फ्री कराने का प्रयास किया. जब उन्हें समझाने की कोशिश की गई. तो उपद्रवियों ने टोल पर हंगामा व तोड़फोड़ करनी शुरू कर दी. जिसके बाद अन्य अधिकारी भी मौके पहुंचे, लेकिन किसान जबरन टोल फ्री कराने में कामयाब हुए.
राकेश टिकैत भी पहुंचे थे आसौदा टोल प्लाजा
देवेंद्र सिंह ने बताया कि कुछ ही देर बाद वहां पर किसान नेता राकेश टिकैत भी पहुंच गए. जहां उन्होंने किसानों के इस कदम को सही ठहराया. वहां उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि टोल फ्री कराना किसानों का अच्छा कदम है और जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती. वो टोल चालू नहीं होने देंगे.
कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर किसान नहीं हुए सहमत
इस दौरान जिला प्रशासन ने किसान नेताओं से कोरोना महामारी से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाने सहित कई मुद्दों पर बात की थी. स्वयं डीसी जितेंद्र कुमार व पुलिस कप्तान राजेश दुग्गल किसानों से बातचीत करने पहुंचे थे, लेकिन किसानों ने कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर टिकरी बॉर्डर के किसानों सहमत नजर नहीं आए. टिकरी बॉर्डर धरने से वैक्सीनेशन कराने या कोरोना टेस्ट कराने को लेकर अभी तक कोई घोषणा नहीं हुई है.
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बता दें कि, कोरोना महामारी के हर रोज नए मामले सामने आ रहे हैं. यहां तक की मौत के आंकड़े भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में किसान संगठनों को भी इस महामारी से बचने के लिए कोरोना वैक्सीन का प्रयोग जरूर करना चाहिए. साथ ही कोरोना प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते अपने आंदोलन को आगे बढ़ाना चाहिए. ताकि उनका स्वास्थ्य ठीक रहे और दिल्ली के बॉर्डर पर ये महामारी अपने पैर न पसारे.