झज्जर: नए बस स्टैंड मार्ग पर स्थित राधास्वामी कॉलोनी में सेक्टर 10 के लिए अधिग्रहित की गई वक्फ बोर्ड की जमीन को शहर के ही एक बिल्डर ने रातों-रात सस्ते दामों पर बेच दिया. सस्ते दामों पर बेची गई इस जमीन पर कब्जाधारियों ने रातों-रात मकान भी बना लिए, लेकिन इसी जमीन पर बने मकानों पर अब धराशाई होने की तलवार लटक गई है.
HUDA ने चस्पा किए नोटिस
हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी ने अब इन कब्जाधारियों को बकायदा नोटिस जारी करके एक सप्ताह में अपनी मलकियत का प्रमाण देने की बात कही है. साथ ही ये भी कहा गया है कि यदि कब्जाधारियों की मलकियत का कोई सबूत नहीं मिल पाया तो फिर उनके इन निर्माण को जेसीबी मशीन द्वारा पूरी तरह से धराशाई कर दिया जाएगा.
हूडा के इस फरमान के बाद अब इन कब्जाधारियों में हड़कंप मच गया है. आशियाने धराशाई होने की लटकी तलवार के बाद कब्जाधारियों की जान सांसत में है. कब्जाधारियों ने इसे अपने ऊपर एक तरह से जुल्म की इंतहा बताया है और सम्बंधित विभाग को चेतावनी तक दे डाली है कि यदि उनके आशियाने धराशाई किए गए तो वह आत्महत्या कर मौत को गले लगाने के लिए मजबूर होंगे.
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क्या है मामला?
तत्कालीन हरियाणा की भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार में झज्जर के राधा स्वामी सत्संग भवन के पास वाली जमीन और गांव जौंधी की कुछ जमीन को सेक्टर-10 बसाने के लिए अधिग्रहित किया गया था. जुलाई 2014 में अधिग्रहित की गई इस जमीन का कुछ रकबा वक्फ बोर्ड की जमीन का भी था जो कि अधिग्रहित होने के बाद हूडा में चला गया, लेकिन इसी वक्फ बोर्ड की जमीन पर शहर के ही रमेश नामक बिल्डर ने वक्फ बोर्ड की जमीन की लीज अपने नाम पर होने का हवाला देकर जमीन को सस्ते दाम पर लोगों को बेच दिया.
लोगों ने बना लिए घर
इस जमीन पर बिल्डर द्वारा मौखिक रूप से कब्जा भी लोगों को दे दिया गया. बाद में जमीन पर मौखिक रूप से ही सही कब्जा मिलने के बाद काफी संख्या में लोगों ने यहां अपने आशियानें बना लिए. कई लोगों ने मकान बनाने के लिए अपनी बुनियाद भी खड़ी कर ली. अभी वो यहां पर मकान बनाने का सपना देख ही रहे थे कि हूडा विभाग की तरफ से इन सभी को मलकियत साबित करने के लिए नोटिस थमा दिए गए हैं.
जिस बिल्डर ने वक्फ बोर्ड की जमीन की लीज अपने नाम पर बताकर सस्ते दामों पर लोगों को प्लाट दिए गए है वो गैरकानूनी है. कारण कि ये जमीन साल 2014 में हूडा विभाग को रिलीज की जा चुकी है. ऐसे में इस जमीन को अभी भी वक्फ बोर्ड की जमीन बताना लोगों को एक तरह से बरगलाने के समान है.
सप्ताहभर में देना होगा मलकियत का सबूत
फिलहाल मामला संज्ञान में आने के बाद विभाग द्वारा कब्जाधारियों को मलकियत साबित करने के लिए नोटिस दिए गए हैं. जिन लोगों ने नोटिस नहीं लिए हैं उनके मकान पर नोटिस चस्पा किए गए हैं. बिल्डर को भी इस बारे में नोटिस दिया गया है. सप्ताहभर बाद यदि विभाग लोगों के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ तो उसके बाद भी आगामी कार्रवाई विभाग द्वारा अमल में लाई जाएगी.