झज्जरः बहादुरगढ़ में बरसाती नाले का पानी नहर में डालने का मामला अब पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है. हाईकोर्ट ने नगर परिषद बहादुरगढ़, नहरी विभाग और प्रदूषण नियंत्रण विभाग समेत 9 विभागों के अधिकारियों को नोटिस जारी किया है. साथ ही अधिकारियों को 9 अप्रैल को कोर्ट में हाजिर होने के आदेश भी जारी किए हैं.
ये है मामला
बहादुरगढ़ के सेक्टर-7 में बरसात के दिनों में जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए नगर परिषद के अधिकारियों ने नाला बना कर उसका पानी बहादुरगढ़ की प्यास बुझाने वाली इकलौती बहादुरगढ़ माइनर में डालने का प्लान तैयार किया था और नाले का निर्माण अब आखरी चरण में है.
यहां के स्थानीय लोग इस नाले को बनाने का लगातार विरोध कर रहा है. लोगों का कहना है कि बरसात के दौरान जल भराव के कारण पानी में सीवरेज के साथ साथ है अन्य बहुत सा कूड़ा करकट मिक्स हो जाएगा और जब यह पानी नाले से होकर नहर में जाएगा तो यह लोगों के घरों में पीने के पानी के जरिए वापस पहुंच जाएगा. जिससे लोगों के बीमार होने का खतरा बनेगा.
लोगों ने जब विरोध किया तो जन स्वास्थ्य विभाग ने भी बहादुरगढ़ नगर परिषद को नोटिस जारी कर काम रोकने के आदेश दिए, लेकिन नगर परिषद बहादुरगढ़ के अधिकारियों ने किसी की नहीं सुनी. फिर बहादुरगढ़ के स्थानीय लोगों को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जिसके बाद हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए बहादुरगढ़ नगर परिषद के साथ-साथ 9 विभागों को नोटिस जारी किया है.
इन विभागों को भेजा गया है नोटिस
- नगर परिषद
- मुख्य सचिव सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग
- चीफ इंजीनियर सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग
- हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन
- शहरी स्थानीय निकाय निदेशक
- जन स्वास्थ्य विभाग के निदेशक
- एक्सईएन जन स्वास्थ्य विभाग
- एक्सईएन वाटर सर्विस डिविजन बहादुरगढ़
- प्रदूषण नियंत्रण विभाग के आरओ
इन सभी विभाग के अधिकारियों को 9 अप्रैल को कोर्ट में हाजिर होने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही सुनवाई की तारीख से तीन दिन पहले तक सभी को लिखित में जवाब दाखिल करने की हिदायत भी दी है.