झज्जर: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने पीपली में किसानों पर हुए लाठीचार्ज को अनुचित ठहराया है. उन्होंने कहा कि किसानों पर लाठीचार्ज उचित नहीं था. प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को भी संयम बरतना चाहिए था, हालांकि किसानों को भी विवाद की बजाए संवाद से समस्या का समाधान करवाना चाहिए.
'तीन सांसदों की बनी है कमेटी'
अध्यादेशों पर किसानों के सुझाव लेने के लिये ओमप्रकाश धनखड़ ने तीन सांसदों की कमेटी भी बनाई है. भिवानी के सांसद धर्मबीर, कुरूक्षेत्र के सांसद नायब सैनी और हिसार के सांसद बृजेन्द्र सिंह को कमेटी में शामिल किया गया है. धनखड़ ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में भीड़ इकठ्ठा करना आयोजकों का सही निर्णय नहीं था, क्योंकि पद्रेश के मुख्यमंत्री से लेकर सांसद तक कोरोना संक्रमण से ग्रसित हो चुके हैं.
ओपी धनखड़ ने कहा कि कृषि विभाग के मुख्य सचिव ने भी किसान संगठनों को सुझाव के लिए बुलाया था, लेकिन हठधर्मिता की वजह से कुछ लोग आयोजन में जुट गए. धनखड़ ने पूर्व में रहे मार्किट कमेटी के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष समेत भाजपा किसान मोर्चा के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को भी किसानों के बीच जाकर अध्यादेशों पर बात करने को कहा है.
'मंडी बंद होने की बात निरर्थक भय'
धनखड़ ने कहा कि एमएसपी बंद होने और मंडी बंद होने की बात निरर्थक भय के सिवाए कुछ नही है. मंडी पहले भी थी, आज भी है और आगे भी रहेगी. उन्होंने कहा कि एमएसपी पर किसानों के दाने दाने की खरीद भी होगी. उन्होंने कहा कि अध्यादेशों पर किसान प्वाईंट वाईज अपने सुझाव दें क्योंकि अध्यादेश अभी महज अध्यादेश हैं . अध्यादेशों को कानून का रूप जब मिलेगा तो किसानों के सुझाव भी शामिल होंगे.
'किसान हमले मिलें और सुझाव दें'
धनखड़ ने सरकार को भी सुझाव दिया है कि कृषि विभाग के अधिकारियों को किसानों के बीच अध्यादेशों पर सुझाव लेने के लिए भेजें. उन्होंने कहा कि किसान आगे आए और विवाद की बजाए सुझाव दें. उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोग राजनीति चमकाने के लिए शंका का वातावरण बना रहे हैं . उन्होंने कहा कि अध्यादेशों से ना तो मंडी व्यवस्था पर असर पड़ने वाला है और ना ही एमएसपी पर असर पड़ना है. मंडी से बाहर की व्यवस्था एफपीओ और प्रगतिशील किसानों के लिए बनाई गई है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हमेशा किसानों के साथ खड़ी रही है.
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