झज्जर: हरियाणा में किसान आंदोलन धरना स्थल से उठकर बुधवार को रेलवे ट्रैक पर चला जाएगा. किसानों की अलग-अलग मांगों को लेकर प्रदेश भर में एकजुट हुए किसान हरियाणा स्वाभिमान आंदोलन के बैनर तले 14 अगस्त को प्रदेश भर में 3 जगहों पर रेल रोकेंगे.
स्वतंत्रता दिवस से पहले किसानों और सरकार में टकराव!
किसान बहादुरगढ़, दादरी और जुलाना से होकर पंजाब को जाने वाली सभी रेलों को रोकने का काम करेंगे. ये फैसला मांडोठी गांव में आयोजित हरियाणा स्वाभिमान आंदोलन द्वारा बुलाई गई किसान महापंचायत में लिया गया है. किसान इन 3 जगहों पर अलग-अलग टीमें बनाकर रेल रोकने का काम करेंगे. ऐसे में स्वतंत्रता दिवस से 1 दिन पहले सरकार और किसानों के बीच टकराव तय माना जा रहा है.
'सरकार और किसानों की बात हुई फेल'
किसान नेता रमेश दलाल का कहना है कि सरकार के प्रतिनिधियों और किसानों के बीच हुई वार्ता फेल हो गई है. जिस कारण किसानों ने अब रेल रोकने का फैसला लिया है. रमेश दलाल ने बताया कि सरकार के प्रतिनिधियों से सिर्फ अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा बढ़ाने को लेकर बातचीत हुई है. बाकी सरकार के प्रतिनिधियों ने अन्य मांगों पर गौर करने से मना कर दिया है.
'15 अगस्त से होगा सत्याग्रह'
ऐसे में किसानों में बेहद रोष है, इसलिए किसान 14 अगस्त को रेल रोकेंगे और 15 अगस्त से दादरी धरने पर काल का ग्रास बने किसान धर्मपाल का चित्र लेकर प्रदेशभर में सत्याग्रह यात्रा की शुरुआत करेंगे. उनका कहना है कि रेल रोको आंदोलन हर हाल में होकर रहेगा.
क्या है किसानों की मांग?
किसान नेता रमेश दलाल पिछले लंबे समय से किसानों की मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं. उनकी मांग है कि भूमि अधिग्रहण कानून के तहत प्रदेश भर के किसानों को पूरा मुआवजा दिया जाए, बहादुरगढ़ क्षेत्र को आर जोन घोषित किया जाए और जल्द से जल्द एसवाईएल का पानी हरियाणा में लाया जाए.
इसके साथ ही झज्जर-बहादुरगढ़ सड़क पर कुंडली-मानेसर-पलवल यानी केएमपी एक्सप्रेस-वे का कट खोला जाए, फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग भी उनकी ओर से की जा रही है. कुल मिलाकर करीब 25 मांगें किसानों ने सरकार के समक्ष रखी है, ताकि किसानों का कल्याण हो सके. लेकिन प्रदेश सरकार के प्रतिनिधियों और किसानों के बीच वार्ता फेल होने के बाद किसानों ने अब रेल रोको आंदोलन शुरू करने की बात कही है.