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ढांसा बॉर्डर पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने फिर दोहराई गोला-लाठी की बात

किसान नेता राकेश टिकैत मंगलवार को झज्जर के ढांसा बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शिरकत करने के लिए किसानों के बीच पहुंचे. यहां टिकैत ने कहा कि आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है. ये तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार इन कृषि कानूनों को रद्द नहीं कर देती.

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Published : Dec 16, 2020, 8:43 AM IST

dhansa border rakesh tikait protest
ढांसा बॉर्डर पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत

झज्जरः कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. इसी कड़ी में मंगलवार को ढांसा बॉर्डर पर किसान आंदोलन के समर्थन में चल रहे धरने पर किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत पहुंचे. राकेश टिकैत ने संबोधन में कहा कि हमारा ये आंदोलन केवल तीन किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ ही नहीं है, बल्कि आज किसान अपना हिसाब मांगने आया है. बता दें ढांसा बॉर्डर पर झज्जर के किसानों ने दिल्ली जाने वाले रास्ते को कई दिनों से रोक रखा है.

फिर दोहराई गोला-लाठी की बात

इस दौरान राकेश टिकैत ने जो दो दिनों पहले सोशल मीडिया पर गोला लाठी देने का तरीका समझाया था. उसी विषय पर फिर जोर दिया. उन्होंने कहा कि किसानों ने दिल्ली के रास्ते बंद कर दिल्ली में बैठी केन्द्र सरकार को गोला-लाठी देने का काम कर रखा है. राकेश टिकैत ने कहा कि बीजेपी सरकार किसानों के बीच लड़ाई 1 दिन होनी निश्चित थी. क्योंकि केवल कृषि कानून ही नहीं बीजेपी सरकार ने किसानों के लिए दमनकारी नीतियों को हमेशा जन्म दिया है.

ढांसा बॉर्डर पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत, आंदोलन के बीच फिर दोहराई गोला-लाठी की बात

अपना हिसाब लेने आए किसान- टिकैत

राकेश टिकैत ने कहा कि हमारी फसलों के दाम जिस रफ्तार से बढ़े है उससे किसान आज कर्जें में फंस गया है. कृषि पैदावार की लागत लगातार बढ़ रही है. हमें इसका हिसाब आज लेना हैय उन्होंने कहा कि मौके पर जमे रहो. कृषि कानूनों को वापिस कराने के बाद ही दम लेना है.

ये भी पढ़ेंः हरियाणा में सियासी हलचल, किसान आंदोलन पर सीएम से मिले 4 निर्दलीय विधायक

भाजपा नहीं होगी कामयाब- टिकैत

साथ ही उन्होंने कहा कि दर्शाया जा रहा है कि किसान संगठनों में फूट पड़ चुकी है. जबकि, ऐसा नहीं है. भाजपा अपने मनसूबों में कामयाब नहीं हो पाएगी. पूरा किसान आंदोलन अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के नेतृत्व में एकजुट है. उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि यह आंदोलन तभी कामयाब होगा. जब सभी अपनी जिम्मेवारी समझेंगे.

दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान

बता दें कि लगातार 21 दिनों से किसान दिल्ली हरियाणा की अलग-अलग सीमाओं पर धरने पर बैठे हैं. किसान नेता राकेश टिकैत लगातार किसानों का उत्साह वर्धन करने के लिए हर एक धरना स्थल पर जा रहे हैं. लगातार किसान नेता सरकार से कृषि कानून रद्द कराने की मांग कर रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ दिन से सरकार और किसानों में बातचीत नहीं हुई है इसकी भी एक झलक किसान नेता राकेश टिकैत में देखने को मिली.

झज्जरः कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. इसी कड़ी में मंगलवार को ढांसा बॉर्डर पर किसान आंदोलन के समर्थन में चल रहे धरने पर किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत पहुंचे. राकेश टिकैत ने संबोधन में कहा कि हमारा ये आंदोलन केवल तीन किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ ही नहीं है, बल्कि आज किसान अपना हिसाब मांगने आया है. बता दें ढांसा बॉर्डर पर झज्जर के किसानों ने दिल्ली जाने वाले रास्ते को कई दिनों से रोक रखा है.

फिर दोहराई गोला-लाठी की बात

इस दौरान राकेश टिकैत ने जो दो दिनों पहले सोशल मीडिया पर गोला लाठी देने का तरीका समझाया था. उसी विषय पर फिर जोर दिया. उन्होंने कहा कि किसानों ने दिल्ली के रास्ते बंद कर दिल्ली में बैठी केन्द्र सरकार को गोला-लाठी देने का काम कर रखा है. राकेश टिकैत ने कहा कि बीजेपी सरकार किसानों के बीच लड़ाई 1 दिन होनी निश्चित थी. क्योंकि केवल कृषि कानून ही नहीं बीजेपी सरकार ने किसानों के लिए दमनकारी नीतियों को हमेशा जन्म दिया है.

ढांसा बॉर्डर पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत, आंदोलन के बीच फिर दोहराई गोला-लाठी की बात

अपना हिसाब लेने आए किसान- टिकैत

राकेश टिकैत ने कहा कि हमारी फसलों के दाम जिस रफ्तार से बढ़े है उससे किसान आज कर्जें में फंस गया है. कृषि पैदावार की लागत लगातार बढ़ रही है. हमें इसका हिसाब आज लेना हैय उन्होंने कहा कि मौके पर जमे रहो. कृषि कानूनों को वापिस कराने के बाद ही दम लेना है.

ये भी पढ़ेंः हरियाणा में सियासी हलचल, किसान आंदोलन पर सीएम से मिले 4 निर्दलीय विधायक

भाजपा नहीं होगी कामयाब- टिकैत

साथ ही उन्होंने कहा कि दर्शाया जा रहा है कि किसान संगठनों में फूट पड़ चुकी है. जबकि, ऐसा नहीं है. भाजपा अपने मनसूबों में कामयाब नहीं हो पाएगी. पूरा किसान आंदोलन अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के नेतृत्व में एकजुट है. उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि यह आंदोलन तभी कामयाब होगा. जब सभी अपनी जिम्मेवारी समझेंगे.

दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान

बता दें कि लगातार 21 दिनों से किसान दिल्ली हरियाणा की अलग-अलग सीमाओं पर धरने पर बैठे हैं. किसान नेता राकेश टिकैत लगातार किसानों का उत्साह वर्धन करने के लिए हर एक धरना स्थल पर जा रहे हैं. लगातार किसान नेता सरकार से कृषि कानून रद्द कराने की मांग कर रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ दिन से सरकार और किसानों में बातचीत नहीं हुई है इसकी भी एक झलक किसान नेता राकेश टिकैत में देखने को मिली.

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