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केंद्र सरकार ने जय जवान जय किसान के नारे को पलट दिया है: दीपेन्द्र हुड्डा

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Published : Feb 7, 2021, 9:10 PM IST

राज्यसभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा है कि इस सरकार 'जय जवान जय किसान' के नारे को पलट दिया है. इस सरकार का नारा है ना जवान ना किसान, जय धनवान. दीपेन्द्र ने कहा कि किसानों का अपमान ये देश कभी बर्दाश्त नहीं करेगा.

deependra hooda
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झज्जर: राज्यसभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा रविवार को झज्जर में कई सामजिक कार्यक्रमों में शामिल हुए. उन्होंने गांव मुंदसा में कश्मीर के तंगधार सेक्टर में शहीद हुए सिपाही अमित की मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनकी प्रतिमा का आवरण किया.

'अब ना जवान ना किसान, जय धनवान है'

इस दौरान बातचीत में उन्होंने कहा कि हर भारतीय को शहीदों का सम्मान करना चाहिए. जो राष्ट्र अपने शहीदों का सम्मान नहीं करता वो कभी आगे नहीं बढ़ता. स्व. लाल बहादुर शास्त्री ने 'जय जवान-जय किसान' का नारा दिया था, जिसे इस सरकार ने पलट दिया, अब ना जवान ना किसान, जय धनवान है.

ये भी पढे़ं- कृषि कानून वापस नहीं हुए तो अनाज तिजौरियों में रखने का बन जाएगा सामान- टिकैत

दीपेन्द्र हुड्डा ने बताया कि राज्यसभा में राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान जब कृषि मंत्री ने पूछा कि 3 कृषि कानूनों में काला क्या है, तो उन्होंने इसका जवाब दिया कि पूरा कानून ही काला है. कृषि मंत्री इन कानूनों को धनवानों के हित के नजरिये से पढ़ रहे हैं और हम इन्हें किसानों के हित के नजरिये से पढ़ रहे हैं. नजरिये का फर्क है.

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि धरनों पर बैठे किसानों को अपमानजनक शब्द कहना भाजपा सरकार के मानसिक दिवालियेपन को दर्शाता है. देश अपने अन्नदाता के इस अपमान को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा. जिसका बेटा सीमाओं पर शहादत देकर तिरंगे में लिपटकर वापस आता है, उसी किसान को तिरंगे पर उपदेश दिए जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- 'पंजाब के किसानों को कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ करना चाहिए प्रदर्शन'

झज्जर: राज्यसभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा रविवार को झज्जर में कई सामजिक कार्यक्रमों में शामिल हुए. उन्होंने गांव मुंदसा में कश्मीर के तंगधार सेक्टर में शहीद हुए सिपाही अमित की मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनकी प्रतिमा का आवरण किया.

'अब ना जवान ना किसान, जय धनवान है'

इस दौरान बातचीत में उन्होंने कहा कि हर भारतीय को शहीदों का सम्मान करना चाहिए. जो राष्ट्र अपने शहीदों का सम्मान नहीं करता वो कभी आगे नहीं बढ़ता. स्व. लाल बहादुर शास्त्री ने 'जय जवान-जय किसान' का नारा दिया था, जिसे इस सरकार ने पलट दिया, अब ना जवान ना किसान, जय धनवान है.

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दीपेन्द्र हुड्डा ने बताया कि राज्यसभा में राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान जब कृषि मंत्री ने पूछा कि 3 कृषि कानूनों में काला क्या है, तो उन्होंने इसका जवाब दिया कि पूरा कानून ही काला है. कृषि मंत्री इन कानूनों को धनवानों के हित के नजरिये से पढ़ रहे हैं और हम इन्हें किसानों के हित के नजरिये से पढ़ रहे हैं. नजरिये का फर्क है.

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि धरनों पर बैठे किसानों को अपमानजनक शब्द कहना भाजपा सरकार के मानसिक दिवालियेपन को दर्शाता है. देश अपने अन्नदाता के इस अपमान को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा. जिसका बेटा सीमाओं पर शहादत देकर तिरंगे में लिपटकर वापस आता है, उसी किसान को तिरंगे पर उपदेश दिए जा रहे हैं.

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