झज्जर: राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से पहले रविवार को झज्जर में अक्षत कलश परिक्रमा निकाली गई. जय श्रीराम के नारों के साथ हजारों की संख्या में लोगों ने इस यात्रा में हिस्सा लिया. विभिन्न मंदिरों से शुरू हुई अक्षत कलश यात्रा में शामिल महिलाएं अपने सिर पर कलश उठाए नाचते और झूमते हुई दिखाई दीं. विश्व हिंदू परिषद की तरफ से इस यात्रा का भव्य आयोजन किया गया. आयोजकों ने इस अक्षत कलश शोभा यात्रा को निकालने के लिए विशेष इंतजाम किए थे.
शहर के हर मंदिर में सम्बंधित क्षेत्र की महिलाओं के कलश उठाने के लिए इंतजाम किया गया था. उत्सव स्थल का मुख्य केंद्र बिंदु झज्जर शहर की श्रीराम धर्मशाला बनाया गया था. शहर के विभिन्न मंदिरों से महिलाएं कलश उठाकर हजारों की संख्या में यहां उत्सवस्थल पर पहुंची थी और बाद में इन्हीं महिलाओं ने इसी कलश यात्रा को आगे बढ़ाते हुए पूरे शहर की परीक्रमा की.
इस दौरान डीजे की धुन पर नाचते हुए अलग-अलग समूह शहरभर से होते हुए यहां बाबा प्रसाद गिरी मंदिर पहुंचे. इस दौरान छोटे-छोटे बच्चे बालस्वरूप हनुमान की भूमिका में नजर आए. रामलीला के समय में निकाले जाने वाले मुकुट वाले हनुमान ने भी नाचते हुए शहर की परिक्रमा की. हर श्रद्धालु के माथे पर भगवान श्रीराम के नाम लिखा चिन्ह भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ा रहा था.
इस परिक्रमा के दौरान भक्ति रंग में रंगे भक्तों का यहीं कहना था कि आज के उत्सव से देखते हुए ऐसा ही लगता है कि ये तो अभी झांकी है और पूरी पिक्चर रामजन्म भूमि उत्सव वाले दिन देखी जा सकेगी. आयोजनकर्ताओं का कहना था कि ये उनकी पांच सौल की तपस्या और संघर्षमय जीवन की ही परिणाम है कि इतनी तादाद में भगवान राम के प्रति हम श्रद्धा और विश्वास को देख रहे हैं.
आज का दिन सौभाग्यशाली होने के साथ-साथ गौरवशाली दिन भी है. इस भव्य आयोजन को कोई भी व्यक्ति भूल नहीं सकता. शहर की परिक्रमा मार्ग पर दो हजार से भी ज्यादा महिलाओं ने कलश शोभा यात्रा निकाली है. ये एक तरह से सनातन के प्रति समाज को जोड़ने का काम है.
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