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148 मेडिकल छात्रों का भविष्य अधर में लटका ! डॉ. हर्षवर्धन की सिग्नेचर बनी वजह

148 मेडिकल छात्रों का भविष्य केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के एक सिग्नेचर की वजह से अधर में लटक गया है. कॉलेज के छात्रों का कहना है कि वर्ष 2016 में उन्होंने नीट एग्जाम पास कर इस कॉलेज में एडमिशन लिया था, लेकिन कॉलेज की अनियमितताओं की वजह से कॉलेज को तीसरे वर्ष की पढ़ाई कराने से रोक दिया गया.

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Published : Jun 15, 2020, 11:01 PM IST

148 students from World College of Medical Sciences and Research facing problem Dr. Harshvardhan
148 students from World College of Medical Sciences and Research facing problem Dr. Harshvardhan

नई दिल्ली: एक तरफ कोरोना काल में देश में डॉक्टरों की भारी कमी महसूस की जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ 148 मेडिकल छात्रों का भविष्य केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के एक सिग्नेचर की वजह से अधर में लटक गया है. मामला हरियाणा के झज्झर स्थित वर्ल्ड कॉलेज ऑफ़ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च का है.

हस्ताक्षर के लिए रुकी है फ़ाइल
बता दें कि कोरोना काल में मेडिकल छात्रों की क्लास अप्रैल महीने से ही बंद है, लेकिन वर्ल्ड कॉलेज ऑफ़ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च के 148 छात्र पिछले साल नवम्बर महीने से ही अपने घर पर बैठे हैं. उनका कहना है कि कॉलेज की मान्यता को लेकर चल रहे विवाद के बीच उन्हें दूसरे मेडिकल कॉलेजों में शिफ्ट करने का आश्वासन दिया गया था, तब से फ़ाइल केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री के पास अटका पड़ा है. उनके हस्ताक्षर नहीं होने की वजह से उन्हें दूसरे मेडिकल कॉलेजों में शिफ्ट नहीं किया जा रहा है. ऐसे में जहां उनका पूरा एक साल बर्बाद हो गया. वहीं उनका भविष्य अंधेरे में जाता दिखाई दे रहा है.

148 मेडिकल छात्रों का भविष्य अधर में लटका, देखें वीडियो
गलती कॉलेज की, छात्र क्यों भुगतें?
कॉलेज के छात्रों का कहना है कि वर्ष 2016 में उन्होंने नीट एग्जाम पास कर इस कॉलेज में एडमिशन लिया था, लेकिन कॉलेज की अनियमितताओं की वजह से कॉलेज को तीसरे वर्ष की पढ़ाई कराने से रोक दिया गया. इसे लेकर वे पहले ही धरना प्रदर्शन तक कर चुके हैं. जिस पर राज्य सरकार ने उन्हें दूसरे कॉलेज में शिफ्ट करने का आश्वासन दिया था.
छात्रों का कहना है कि उनकी पढ़ाई में उनके माता पिता के जीवन भर की कमाई लगी हुई है. अगर जल्द ही उनकी पढ़ाई को लेकर फैसला नहीं हुआ तो उनके माता पिता के पैसे तो डूबेंगे ही उनका करियर शुरू होने से पहले ही ख़त्म हो जाएगा.

नई दिल्ली: एक तरफ कोरोना काल में देश में डॉक्टरों की भारी कमी महसूस की जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ 148 मेडिकल छात्रों का भविष्य केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के एक सिग्नेचर की वजह से अधर में लटक गया है. मामला हरियाणा के झज्झर स्थित वर्ल्ड कॉलेज ऑफ़ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च का है.

हस्ताक्षर के लिए रुकी है फ़ाइल
बता दें कि कोरोना काल में मेडिकल छात्रों की क्लास अप्रैल महीने से ही बंद है, लेकिन वर्ल्ड कॉलेज ऑफ़ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च के 148 छात्र पिछले साल नवम्बर महीने से ही अपने घर पर बैठे हैं. उनका कहना है कि कॉलेज की मान्यता को लेकर चल रहे विवाद के बीच उन्हें दूसरे मेडिकल कॉलेजों में शिफ्ट करने का आश्वासन दिया गया था, तब से फ़ाइल केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री के पास अटका पड़ा है. उनके हस्ताक्षर नहीं होने की वजह से उन्हें दूसरे मेडिकल कॉलेजों में शिफ्ट नहीं किया जा रहा है. ऐसे में जहां उनका पूरा एक साल बर्बाद हो गया. वहीं उनका भविष्य अंधेरे में जाता दिखाई दे रहा है.

148 मेडिकल छात्रों का भविष्य अधर में लटका, देखें वीडियो
गलती कॉलेज की, छात्र क्यों भुगतें?
कॉलेज के छात्रों का कहना है कि वर्ष 2016 में उन्होंने नीट एग्जाम पास कर इस कॉलेज में एडमिशन लिया था, लेकिन कॉलेज की अनियमितताओं की वजह से कॉलेज को तीसरे वर्ष की पढ़ाई कराने से रोक दिया गया. इसे लेकर वे पहले ही धरना प्रदर्शन तक कर चुके हैं. जिस पर राज्य सरकार ने उन्हें दूसरे कॉलेज में शिफ्ट करने का आश्वासन दिया था.
छात्रों का कहना है कि उनकी पढ़ाई में उनके माता पिता के जीवन भर की कमाई लगी हुई है. अगर जल्द ही उनकी पढ़ाई को लेकर फैसला नहीं हुआ तो उनके माता पिता के पैसे तो डूबेंगे ही उनका करियर शुरू होने से पहले ही ख़त्म हो जाएगा.
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