हिसार: पूरे उत्तर भारत में सर्दी का कहर जारी है, लेकिन पिछले दिनों मौसम में हुए बदलाव के कारण हरियाणा में बीते 2 दिनों से लगातार रुक-रुक कर बारिश हो रही है. अरब सागर की तरफ से आई नन्ही भर हवा से साइक्लोनिक सरकुलेशन बना और प्रदेश से गुजरते हुए पश्चिमी विक्षोभ के आपस में मिलने से हरियाणा में जोरदार बारिश हुई. इस प्रभाव से बुधवार तक बारिश देखने को मिल सकती है.
बारिश पर गौर करें तो गरज चमक के साथ नारनौल में सर्वाधिक 43 एमएम, बहादुरगढ़ में 22 एमएम, रोहतक में 21 एमएम, अंबाला में 0.2 एमएम, हिसार में 7.9 एमएम, करनाल में 5.8 एमएम और सिरसा में 7 एमएम बारिश दर्ज की गई है.
बारिश के कारण हिसार में बढ़ी ठंड
वहीं हिसार की बात की जाए तो हिसार में भी मंगलवार को सुबह से ही छिटपुट बारिश हुई. जिसकी वजह से हिसार में न्यूनतम तापमान 12.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 3 डिग्री सेल्सियस बढ़ा हुआ है.
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मौसम वैज्ञानिक डॉ. मदन लाल खीचड़ ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ अरब सागर की ओर से चलने वाली हवाओं के कारण मौसम में बदलाव देखने को मिला है. हरियाणा में पिछले दो-तीन दिनों से छिटपुट बारिश देखने को मिली है और 6 जनवरी के बाद ये पश्चिमी विक्षोभ आगे पास कर जाएगा. उन्होंने कहा कि 6 जनवरी के बाद मौसम में धुंध का ठंडा देखने को मिलेगा, लेकिन 8 जनवरी को कुछ एक स्थानों पर हल्की फुल्की बारिश देखने को मिल सकती ह, लेकिन उत्तरी हरियाणा में बाकी स्थानों पर मौसम खुश्क रहेगा और तापमान में गिरावट रहेगी.
'किसानों के लिए फायदेमंद होगी बारिश'
मौसम वैज्ञानिक डॉ. मदन लाल खीचड़ ने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि ये बारिश गेहूं, सरसों और अन्य फसलों के लिए लाभदायक है. उन्होंने बताया कि इस बारिश के कारण किसानों को फसलों में एक सिंचाई की बचत होगी.