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हिसार में प्रधानमंत्री आवास योजना का मजाक! झुग्गी झोपड़ी में जीवन बसर करने को मजबूर 30 परिवार - हिसार प्रधानमंत्री आवास योजना मजाक

हिसार के उकलाना की हालत बेहद खराब है. बस्ती में लोग झुग्गी झोपड़ी में जीवन यापन करने को मजबूर हैं. ये लोग प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ से वंचित हैं.

uklana people diprive pm aavas yojna and living in hut hisar
झुग्गी झोपड़ी
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Published : Jan 24, 2020, 7:54 PM IST

हिसार: उकलाना नगरपालिका के अधीन आने वाले उकलाना गांव की हालत बेहद खराब है. इस बस्ती में लोग खराब हालत में अपना जीवन यापन करने को मजबूर हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर करोड़ों रुपये की ग्रांट का फायदा इन लोगों को मिलता नहीं दिख रहा है. ऐसा लग रहा है कि ये लोग पात्र लोग प्रधानमंत्री आवास योजना वंचित हैं.

प्रधानमंत्री आवास योजना का मजाक

उकलाना गांव की ढाया बस्ती वार्ड नंबर 11 में 20 से 30 परिवार ऐसे हैं जिनके सर पर ना छत है और महिलाओं के नहाने के लिए ना पक्के बाथरूम हैं. ये लोग झुग्गी झोपड़ी में ही अपना गुजर बसर करने को मजबूर हैं. नगरपालिका उकलाना के इस वार्ड नंबर 11 में झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों का कहना है कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर फार्म की रसीद थमा दी गई. लेकिन आज तक उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिला है. आलम ये है कि यहां महिलाओं प्लास्टिक की पलियां बनाकर बाथरूम में नहाना पड़ता है.

उकलाना में प्रधानमंत्री आवास योजना का मजाक, देखें वीडियो

लोगों के पास नहीं घर

यहां तक कि उनके नहाने के लिए बाथरूम की सुविधा भी नहीं है. इस वार्ड के लोग बार-बार नगरपालिका के चेयरमैन, नगर पालिका के सचिव और नेताओं से गुहार लगा चुके हैं. लेकिन बावजूद इसके अब तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है. हालत ऐसी है कि चार परिवारों को एक साथ रहकर गुजर-बसर करना पड़ रहा है.

गुड्डी देवा है यहां से पार्षद

इसी वार्ड से पार्षद गुड्डी देवी नगर पालिका के चेयरपर्सन है जो एक महिला भी है लेकिन शायद उन तक इनकी दर्द की आह उन तक पहुंच नहीं रही है. यह किसी से भीख नहीं बल्कि अपना हक मांग रहे है. सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर प्लाट और मकान सभी पात्रों को दिए जा रहे हैं लेकिन ये वंचित हैं

ये भी जाने- पंचकूला हिंसा मामले में हुई सुनवाई, हनीप्रीत सहित सभी आरोपी कोर्ट में हुए पेश

वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि नेता सिर्फा वोट लेने आते है. उसके बाद उनकी कोई सुनवाई नहीं होती. लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्होंने फॉर्म भरे थे लेकिन मकान के नाम पर सिर्फ उन्हें रसीद थमा दी गई है.

प्रशासन ने दी ये दलील

उकलाना नगरपालिका के सचिव संदीप गर्ग ने कहा कि उन्हें विभाग की तरफ से एक लिस्ट मिलती है. उसके बाद वह लिस्ट के अनुसार सर्वे करते हैं और पात्र लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान दिए जाते हैं. जब वार्ड नंबर 11 से संबंधित सवाल पूछा गया तो महाशय कानून पढ़ाने लगे और कहने लगे कि उन्होंने 11 वार्ड का सर्वे किया है और जो पात्र लोग हैं उन्हें लिस्ट के अनुसार मकान दिए जाएंगे.

हिसार: उकलाना नगरपालिका के अधीन आने वाले उकलाना गांव की हालत बेहद खराब है. इस बस्ती में लोग खराब हालत में अपना जीवन यापन करने को मजबूर हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर करोड़ों रुपये की ग्रांट का फायदा इन लोगों को मिलता नहीं दिख रहा है. ऐसा लग रहा है कि ये लोग पात्र लोग प्रधानमंत्री आवास योजना वंचित हैं.

प्रधानमंत्री आवास योजना का मजाक

उकलाना गांव की ढाया बस्ती वार्ड नंबर 11 में 20 से 30 परिवार ऐसे हैं जिनके सर पर ना छत है और महिलाओं के नहाने के लिए ना पक्के बाथरूम हैं. ये लोग झुग्गी झोपड़ी में ही अपना गुजर बसर करने को मजबूर हैं. नगरपालिका उकलाना के इस वार्ड नंबर 11 में झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों का कहना है कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर फार्म की रसीद थमा दी गई. लेकिन आज तक उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिला है. आलम ये है कि यहां महिलाओं प्लास्टिक की पलियां बनाकर बाथरूम में नहाना पड़ता है.

उकलाना में प्रधानमंत्री आवास योजना का मजाक, देखें वीडियो

लोगों के पास नहीं घर

यहां तक कि उनके नहाने के लिए बाथरूम की सुविधा भी नहीं है. इस वार्ड के लोग बार-बार नगरपालिका के चेयरमैन, नगर पालिका के सचिव और नेताओं से गुहार लगा चुके हैं. लेकिन बावजूद इसके अब तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है. हालत ऐसी है कि चार परिवारों को एक साथ रहकर गुजर-बसर करना पड़ रहा है.

गुड्डी देवा है यहां से पार्षद

इसी वार्ड से पार्षद गुड्डी देवी नगर पालिका के चेयरपर्सन है जो एक महिला भी है लेकिन शायद उन तक इनकी दर्द की आह उन तक पहुंच नहीं रही है. यह किसी से भीख नहीं बल्कि अपना हक मांग रहे है. सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर प्लाट और मकान सभी पात्रों को दिए जा रहे हैं लेकिन ये वंचित हैं

ये भी जाने- पंचकूला हिंसा मामले में हुई सुनवाई, हनीप्रीत सहित सभी आरोपी कोर्ट में हुए पेश

वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि नेता सिर्फा वोट लेने आते है. उसके बाद उनकी कोई सुनवाई नहीं होती. लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्होंने फॉर्म भरे थे लेकिन मकान के नाम पर सिर्फ उन्हें रसीद थमा दी गई है.

प्रशासन ने दी ये दलील

उकलाना नगरपालिका के सचिव संदीप गर्ग ने कहा कि उन्हें विभाग की तरफ से एक लिस्ट मिलती है. उसके बाद वह लिस्ट के अनुसार सर्वे करते हैं और पात्र लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान दिए जाते हैं. जब वार्ड नंबर 11 से संबंधित सवाल पूछा गया तो महाशय कानून पढ़ाने लगे और कहने लगे कि उन्होंने 11 वार्ड का सर्वे किया है और जो पात्र लोग हैं उन्हें लिस्ट के अनुसार मकान दिए जाएंगे.

Intro:कहां जा रहा है प्रधानमंत्री आवास योजना का रुपया

क्यों नहीं मिल रहे पात्र लोगों को मकान

झुग्गी झोपड़ी में जीवन बसर कर रहे परिवार

सरकार और नुमाइंदों पर लगाए गंभीर आरोप

नहाने के लिए नहीं हैं पक्के बाथरूम सर पर नहीं पक्की छत



एंकर : - उकलाना नगरपालिका के अधीन आने वाले गांव उकलाना की इस बस्ती को देख कर लग रहा है कि लोग कैसे अपना जीवन यापन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर करोड़ों रुपए की ग्रांट आखिर जा कहां रही है। क्या पात्र लोग इस प्रधानमंत्री आवास योजना से इसलिए वंचित है कि वह गरीब हैं, वह अनपढ़ हैं, और उनकी कोई सिफारिश नहीं है।

उकलाना गांव की ढाया बस्ती वार्ड नंबर 11 में 20 से 30 परिवार ऐसे हैं जिनके सर पर ना छत है और महिलाओं के नहाने के लिए ना पक्के बाथरूम ।यह लोग झुग्गी झोपड़ी में ही अपना गुजर बसर करने को मजबूर हैं। नगरपालिका उकलाना के इस वार्ड नंबर 11 में झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों का कहना है कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर फार्म की रसीद थमा दी गई लेकिन आज तक उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत छत नहीं मिली। झुग्गी झोपड़ी में रहने वाली महिलाओं के साथ तो इतनी बड़ी दिक्कत है कि उन्हें प्लास्टिक की पलियां बनाकर बाथरूम में नहाना पड़ रहा है यहां तक कि उनके नहाने के लिए बाथरूम की सुविधा भी नहीं है। इस वार्ड के लोग बार-बार नगरपालिका के चेयरमैन नगर पालिका के सचिव और नेताओं से गुहार लगा चुके हैं लेकिन बावजूद इसके अब तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई और उन्हें ऐसे ही झुग्गी झोपड़ी में एक झुग्गी में चार चार परिवारों को एक साथ रहकर गुजर-बसर करना पड़ रहा है।

इसमें सबसे पीड़ा देने वाली बात यह है कि इस नगर पालिका उकलाना के वार्ड नंबर 11 जहां पर यह झुग्गी झोपड़ी बनी हुई है इसी वार्ड से पार्षद गुड्डी देवी नगर पालिका के चेयरपर्सन है जो एक महिला भी है लेकिन शायद उन तक इनकी दर्द की आह उन तक पहुंच नहीं रही। वैसे भी वार्ड नंबर 11 के इस डाया बस्ती में रहने वाले लोग मतदाता भी हैं। यह किसी से भीख नहीं बल्कि अपना हक मांग रहे हैं। सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर प्लाट और मकान सभी पात्रो को दिए जा रहे हैं लेकिन यह वंचित हैं तो आखिर क्यों..?

वीओ - उकलाना के निवासी दर्शन सिंह गिल, श्यामलाल, रबीना देवी एवं राजेश ने अपनी बात रखते हुए कहा कि नगर पालिका उकलाना के वार्ड नंबर 11 की ढाया बस्ती में 20 से 30 परिवार ऐसे हैं जिनके सर पर ना तो छत है ना नहाने के लिए बाथरूम है और ना अन्य कोई सुविधा। उन्होंने कहा कि लोग वोट लेने के लिए तो यहां जाते हैं लेकिन उसके बाद उनकी कोई सुनवाई नहीं होती। लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्होंने फॉर्म भरे थे लेकिन मकान के नाम पर सिर्फ उन्हें रसीद थमा दी गई है।

बाइट - निवासी उकलाना।

Body:वीओ - उकलाना नगरपालिका के सचिव संदीप गर्ग ने कहा कि उन्हें विभाग की तरफ से एक लिस्ट मिलती है उसके बाद वह लिस्ट के अनुसार सर्वे करते हैं और पात्र लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान दिए जाते हैं। जब वार्ड नंबर 11 से संबंधित सवाल पूछा गया तो महाशय कानून पढ़ाने लगे और कहने लगे और कहने लगे कि उन्होंने 11 वार्ड का सर्वे किया है और जो पात्र लोग हैं उन्हें लिस्ट के अनुसार मकान दिए जाएंगे। लेकिन साहब आज तक वहां जाने की जहमत नहीं उठा पाए और उल्टा पत्रकारों से ही कहने लगे कि आप उनके नाम और की रसीद नंबर दें ताकि हम बता सकें कि वह पात्र है या नहीं।

बाइट - संदीप गर्ग, सचिव नगर पालिका। Conclusion:
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