हिसार: केसर यानी की 'लाल सोना'. जिसकी भारत में सबसे ज्यादा खेती जम्मू कश्मीर में होती है, लेकिन अब भारत के किसी भी कोने में केसर को उगाया जा सकता है. ऐसा करिश्मा कर दिखाया है, हरियाणा के हिसार के दो किसान भाईयों ने. जिन्होंने एरोपोनिक तकनीक से इसे उगाने का काम किया है.
छत पर उगाई डेढ़ किलो केसर
नवीन और प्रवीण नाम के इन भाइयों ने घर की छत पर एरोपोनिक तकनीक से डेढ़ किलो केसर उगाई है. ऐसा करने वाले ये दोनों देश के पहले किसान बन गए हैं. बता दें कि अभी तक एरोपोनिक तकनीक से ईरान, स्पेन और चीन में केसर की फसल तैयार की जाती थी, लेकिन अब भारत में भी इस तकनीक की मदद से कहीं भी केसर को उगाया जा सकेगा.
नवीन और प्रवीण सिंधु हिसार के आजाद नगर के रहने वाले हैं. उन्होंने सबसे पहले गूगल से एरोपोनिक तकनीक के बारे में जानकारी जुटाई. इसके बाद केसर के बारे में ज्यादा जानने के लिए दोनों भाई जम्मू भी गए. वहां से वो ढाई सौ किलो बीज केसर की खेती करने के लिए लाए. इसके बाद दोनों ने 15 गुना 15 साइज के कमरे में छत पर केसर की खेती शुरु की. उन्होंने ट्रायल के दौरान 100 किलो से ज्यादा केसर के बीज की खेती की, जिसमें एक से डेढ़ किलो तक केसर की फसल की पैदावार हुई है.
सालाना किसान कमा सकते हैं 10 से 20 लाख
पहले ट्रायल के दौरान ही दोनों को 6 से 9 लाख रुपये तक का फायदा हुआ है. दोनों भाइयों ने बताया कि नए प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए सिर्फ 7 से 10 लाख रुपये की जरूरत होती है. जिसमें कई तरह की मशीनरी लगाई जाती है. ऐसे में किसान अपने घर में ये प्रोजेक्ट लगाकर 1 साल में 10 से 20 लाख रुपये सालाना आसानी से कमा सकते हैं.
क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक ?
कृषि वैज्ञानिक डॉ. विजय कुमार बेनीवाल ने कहा कि अभीतक केसर सबसे ज्यादा जम्मू में होता है, क्योंकि वहां का तापमान केसर की खेती के लिए उपयुक्त है, लेकिन अब हरियाणा या फिर दूसरे राज्य के किसान भी इस तकनीक के जरिए केसर को छोटे से कमरे में उगा सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर किसान इस तकनीक को चुनता है तो आने वाले दिनों में किसान अच्छा मुनाफा कमा सकता है.