हिसार: शुक्रवार को हरियाणा सरकार ने वीकेंड लॉकडाउन का दिन बदलकर शनिवार-रविवार की जगह सोमवार-मंगलवार को लॉकडाउन लगाने का फैसला किया था. अब सरकार के इस फैसले के खिलाफ विरोध के स्वर भी उठने लगे हैं. सोमवार-मंगलवार को दुकानें बंद करने के विरोध में व्यापार मंडल के अध्यक्ष बजरंग गर्ग उपायुक्त को राज्यपाल के नाम ज्ञापन देंगे.
सोमवार-मंगलवार वाले फैसले के खिलाफ व्यापारी वर्ग
बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार को सोमवार और मंगलवार को दुकानें बंद करने के फैसले को व्यापारी और आम जनता के हित में वापस लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो इसका डटकर विरोध किया जाएगा. बजरंग गर्ग ने सरकार से सवाल पूछा कि सरकार दुकानें, स्कूल और कॉलेज तो बंद करवा रही है, लेकिन शराब के ठेके क्यों खुलवा रही है?
बता दें कि हरियाणा सरकार ने शनिवार और रविवार को दुकानें खोलने और उसकी जगह सोमवार व मंगलवार को दुकाने बंद करने का फैसला लिया है. व्यापार मंडल का कहना कि सरकार का ये फरमान व्यापारी विरोधी है. गर्ग ने बताया कि सरकार को दो दिन की जगह एक दिन दुकान बंद करने का फैसला लेना चाहिए. गर्ग ने बताया कि व्यापार मंडल इस फैसले के विरोध में जिला व ब्लॉक स्तर पर जिला उपायुक्त और सरकारी अधिकारी के माध्यम से राज्यपाल के नाम प्रदेश में जगह-जगह ज्ञापन दे रहा है.
'व्यापारी वर्ग हो जाएगा बर्बाद'
गर्ग ने कहा की एक सप्ताह में 2 दिन दुकानें बंद करने से व्यापारियों को बड़ा नुकसान होगा, जिसे व्यापार मंडल किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेगा. इस फैसले के विरोध में व्यापार मंडल डटकर विरोध करता हुआ सड़कों पर उतरेगा. गर्ग ने कहा कि सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा प्रदेश में जगह-जगह सम्मेलन करके भारी भीड़ जुटाई जा रही है और इतना ही नहीं 52 सीटर बसें और ऑटो फुल सवारी लेकर चल रहे हैं. जिसमें कोरोना का खतरा काफी बना हुआ है.
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उन्होंने कहा कि एक सप्ताह में 2 दिन दुकान बंद होने से व्यापारी बर्बाद हो जाएगा. ये भी कहा कि सरकार ने लॉकडाउन के समय व्यापारियों से बिजली, पानी के बिल और हाउस टैक्स तक ले लिया. यहां तक की कर्मचारियों की तनख्वाह और बैंक के ब्याज तक भी व्यापारियों को भुगतना पड़ा.
सरकार ने फैसला जल्दबाजी में लिया
गर्ग ने इस बात पर भी हैरानी जताई की सरकार ने सोमवार व मंगलवार को दुकानें बंद कराने का फैसला बिना व्यापारियों के राय से जल्दबाजी में लिया हैं. बजरंग गर्ग ने हरियाणा सरकार से अपील की है वे अपने इस फैसले को व्यापारी और आम जनता के हित में तुरंत प्रभाव से वापस लेना चाहिए.