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हरियाणा में किसानों के लिए खास होता है माघ का महीना, मनोरंजन के लिए पीढ़ियों से होते आ रहे ये प्रोग्राम - हरियाण माघ महीने के त्योहार

हरियाणा में जनवरी और फरवरी महीने में किसानों के पास ज्यादा खास काम नहीं होता. इस दौरान ग्रामीण क्षेत्र में किसानों के मनोरंजन के लिए कई गतिविधियां आयोजित की (Magh Month program in haryana) जाती हैं. इन आयोजनों के पीछे का उद्देश्य यह है कि किसानों के मनोरंजन के साथ-साथ पारंपरिक खेल और ट्रेडिशन दोनों बने रहें.

Magh Month program in haryana
हरियाणा में जनवरी और फरवरी महीने में किसानों के पास ज्यादा खास काम नहीं होता.
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Published : Jan 11, 2022, 8:41 PM IST

हिसार: माघ महीने में रबी की फसल खेतों में लहरा रही होती है. इस वक्त जनवरी और फरवरी का महीना होता है. किसानों के पास कोई खेती से संबंधित विशेष काम नहीं होता. दूसरे शब्दों में कहें तो किसानों के पास माघ महीने में खाली समय बहुत होता है. हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्र में इस वक्त किसानों के मनोरंजन के लिए कई गतिविधियां आयोजित की जाती (magh month festival in haryana) हैं. इन आयोजन के पीछे उद्देश्य होता है कि किसानों का मनोरंजन भी हो और इसके साथ ही हमारे पारंपरिक खेल और ट्रेडिशन बने रहें.

ग्रामीण इलाकों में इन दिनों पशु मेलों का आयोजन किया जाता है. इस दौरान किसान और पशुपालक अपने पशुओं की खरीद-बेच करते हैं. इससे उन्हें आर्थिक लाभ भी होता है. हरियाणा के झज्जर, सोनीपत, कुरुक्षेत्र और अन्य कई जिलों में जनवरी महीने में पशु मेलों का आयोजन किया जाता है. झज्जर में प्रदेश का सबसे बड़ा पशु मेला लगता है. इसमें करोड़ों रुपए के पशुओं की खरीद-बिक्री होती है. किसानों के मनोरंजन के लिए गांव में देसी और परंपरागत खेल कुश्ती, दंगल, कबड्डी के टूर्नामेंट का भी आयोजन किया जाता है.

हरियाणा में किसानों के लिए खास होता है माघ का महीना, मनोरंजन के लिए पीढ़ियों से होते आ रहे ये प्रोग्राम

इसके साथ-साथ बुजुर्गों के लिए दौड़, व रागनी कॉम्पिटिशन का भी आयोजन होता है. बुजुर्गों को दौड़ में इनाम के तौर पर कंबल,पगड़ी, हुक्का व डोगा आदि चीजें दी जाती हैं. इसके साथ-साथ खिलाड़ियों और बुजुर्गों को भी इनाम में देसी घी दिया जाता है. हिसार, रोहतक, झज्जर, कैथल, जींद जिलों में किसानों के लिए बैलों की दौड़ का भी आयोजन किया जाता है. इन बैलों की दौड़ में किसानों द्वारा तैयार किए गए युवा बैलों को दौड़ाया जाता है.

magh month festival in haryana
बैलों को तेल घी आदि खिलाकर दौड़ के लिए तैयार किया जाता है.

ये भी पढ़ें-कार के अंदर लगातार ब्लोअर चलाना हो सकता है बेहद खतरनाक, ये लक्षण दिखते ही हो जाएं अलर्ट

इन दौड़ कार्यक्रमों के दौरान बैल खरीदने वाले इच्छुक किसान बैलों की अच्छी कीमत भी लगाते हैं. इसके साथ-साथ में राजस्थान के साथ लगते महेंद्रगढ़ जिले के आस-पास के क्षेत्र में ऊंटों की दौड़ का भी आयोजन किया जाता है. किसान राजकुमार और पृथ्वी सिंह ने बताया कि साठी और सावनी यानी रवि और खरीफ की फसल दोनों में दो दो महीने किसानों के पास खाली समय होता है. रवि की फसल में के वक्त कई गांव इकट्ठा होकर किसानों के मनोरंजन के लिए कुश्ती दंगल, कबड्डी के खेल का आयोजन करवाते हैं. इस समय पूरा गांव मिलकर इस तरह के आयोजन करवाता है. जिससे सामाजिक भाईचारा बना रहता है.

magh month festival in haryana
कई गांव इकट्ठा होकर किसानों के मनोरंजन के लिए कुश्ती दंगल वह कबड्डी के खेल का आयोजन करवाते हैं

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हिसार: माघ महीने में रबी की फसल खेतों में लहरा रही होती है. इस वक्त जनवरी और फरवरी का महीना होता है. किसानों के पास कोई खेती से संबंधित विशेष काम नहीं होता. दूसरे शब्दों में कहें तो किसानों के पास माघ महीने में खाली समय बहुत होता है. हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्र में इस वक्त किसानों के मनोरंजन के लिए कई गतिविधियां आयोजित की जाती (magh month festival in haryana) हैं. इन आयोजन के पीछे उद्देश्य होता है कि किसानों का मनोरंजन भी हो और इसके साथ ही हमारे पारंपरिक खेल और ट्रेडिशन बने रहें.

ग्रामीण इलाकों में इन दिनों पशु मेलों का आयोजन किया जाता है. इस दौरान किसान और पशुपालक अपने पशुओं की खरीद-बेच करते हैं. इससे उन्हें आर्थिक लाभ भी होता है. हरियाणा के झज्जर, सोनीपत, कुरुक्षेत्र और अन्य कई जिलों में जनवरी महीने में पशु मेलों का आयोजन किया जाता है. झज्जर में प्रदेश का सबसे बड़ा पशु मेला लगता है. इसमें करोड़ों रुपए के पशुओं की खरीद-बिक्री होती है. किसानों के मनोरंजन के लिए गांव में देसी और परंपरागत खेल कुश्ती, दंगल, कबड्डी के टूर्नामेंट का भी आयोजन किया जाता है.

हरियाणा में किसानों के लिए खास होता है माघ का महीना, मनोरंजन के लिए पीढ़ियों से होते आ रहे ये प्रोग्राम

इसके साथ-साथ बुजुर्गों के लिए दौड़, व रागनी कॉम्पिटिशन का भी आयोजन होता है. बुजुर्गों को दौड़ में इनाम के तौर पर कंबल,पगड़ी, हुक्का व डोगा आदि चीजें दी जाती हैं. इसके साथ-साथ खिलाड़ियों और बुजुर्गों को भी इनाम में देसी घी दिया जाता है. हिसार, रोहतक, झज्जर, कैथल, जींद जिलों में किसानों के लिए बैलों की दौड़ का भी आयोजन किया जाता है. इन बैलों की दौड़ में किसानों द्वारा तैयार किए गए युवा बैलों को दौड़ाया जाता है.

magh month festival in haryana
बैलों को तेल घी आदि खिलाकर दौड़ के लिए तैयार किया जाता है.

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इन दौड़ कार्यक्रमों के दौरान बैल खरीदने वाले इच्छुक किसान बैलों की अच्छी कीमत भी लगाते हैं. इसके साथ-साथ में राजस्थान के साथ लगते महेंद्रगढ़ जिले के आस-पास के क्षेत्र में ऊंटों की दौड़ का भी आयोजन किया जाता है. किसान राजकुमार और पृथ्वी सिंह ने बताया कि साठी और सावनी यानी रवि और खरीफ की फसल दोनों में दो दो महीने किसानों के पास खाली समय होता है. रवि की फसल में के वक्त कई गांव इकट्ठा होकर किसानों के मनोरंजन के लिए कुश्ती दंगल, कबड्डी के खेल का आयोजन करवाते हैं. इस समय पूरा गांव मिलकर इस तरह के आयोजन करवाता है. जिससे सामाजिक भाईचारा बना रहता है.

magh month festival in haryana
कई गांव इकट्ठा होकर किसानों के मनोरंजन के लिए कुश्ती दंगल वह कबड्डी के खेल का आयोजन करवाते हैं

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