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ई टेंडरिंग को लेकर पंचायत मंत्री के कार्यक्रम में सरपंचों ने किया हंगामा, विरोध के बाद मंत्री ने बीच में छोड़ा कार्यक्रम - protest against e tendering

हिसार में एक बार फिर पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली (Panchayat Minister Devendra Babli) को विरोध का सामना करना पड़ा है. दरअसल सरपंचों ने मंत्री के कार्यक्रम में सरकार की ई-टेंडरिंग कंडीशन का विरोध किया है. आलम ये रहा कि मंत्री को बीच में ही कार्यक्रम छोड़कर जाना पड़ा.

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Published : Dec 18, 2022, 6:26 PM IST

Updated : Dec 20, 2022, 12:19 PM IST

हिसार में पंचायत मंत्री के कार्यक्रम में हंगामा, सरपंचों के विरोध के बाद बीच में छोड़ा कार्यक्रम

हिसार: हरियाणा के हिसार में जनसंवाद कार्यक्रम में पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली पहुंचे थे जहां सरपंचों ने कार्यक्रम में खूब बवाल किया. इसके साथ ही ब्लॉक समिति सदस्य और जिला पार्षद मंत्री के जनसंवाद कार्यक्रम में कुछ बोलने से पहले ही मंत्री के साथ जनसंवाद करने के लिए पहुंच गए. लेकिन मंत्री देवेंद्र बबली का विरोध (Sarpanchs protest in Hisar) होने की वजह से बिना बात किए ही कार्यक्रम को बीच में छोड़ कर चले गए. दरअसल सरपंचों ने ये बवाल इसलिए काटा क्योंकि सरपंच सरकार की ई-टेंडरिंग का विरोध कर रहे हैं.

विरोध करते-करते सरपंच कार्यक्रम से बाहर आ गए थे. जैसे ही पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली कार्यक्रम से जाने लगे तो उसी दौरान बाहर खड़े विरोधी सरपंच उनका इंतजार कर रहे थे. इस दौरान जैसे ही मंत्री का काफिला निकला वैसे ही सरपंचों ने उनकी गाड़ी का घेराव कर लिया. इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर विरोधी सरपंचों को हटाया. इसके बाद डीएसपी कप्तान भी मौके पर पहुंचे. एसडीएम जयवीर यादव ने भी किसानों को समझाने की कोशिश की लेकिन वह अपने विरोध पर ही अड़े रहे.

हिसार में पंचायत मंत्री का सरपंचों ने किया विरोध
हिसार में पंचायत मंत्री का सरपंचों ने किया विरोध

विरोध करने वाले सरपंचों (Sarpanchs protest against Panchayat Minister) ने सरकार की ई-टेंडरिंग कंडीशन का विरोध किया और कार्यक्रम से बाहर आ गए. सरपंचों का कहना है कि वह अपनी मर्जी से अपने गांव की एक गली भी नहीं बनवा सकते. सरपंचों के अपने स्तर पर काम करने की रकम भी घटा दी गई है. आपको बता दें कि इससे पहले जींद में भी सरपंचों ने मंत्री देवेंद्र बबली (Sarpanchs protest in Hisar) के कार्यक्रम को छोड़कर चले गए थे. सरपंच 50 लाख तक के काम बिना ई-टेंडरिंग के कराने की मांग कर रहे है. जबकि पहले भी मंत्री बबली इस मांग को ठुकरा चुके हैं और पारदर्शिता की बात कह चुके हैं. इससे पहले कैथल और सोनीपत में भी हुटिंग हो चुकी है. सरपंच बार-बार मानदेय और राइट टू रिकॉल का विरोध कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने साई सेंटर को समर्पित किया एस्ट्रोटर्फ हॉकी ग्राउंड

वहीं मंत्री बबली ने स्टेज से कहा कि यह विरोध साजिश के तहत हो रहा है या तो यह सरपंच प्रतिनिधि है या फिर विरोधी पक्ष के हैं. विरोध करने वाले लोग सरपंचों के माध्यम से पैसा कमाना चाहते हैं. सरपंचों ने कहा कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती तब तक इसी तरीके से विरोध (Sarpanchs protest in Hisar) जारी रहेगा. इसके बाद सरपंचों ने कहा कि डिस्ट्रिक्ट लेवल पर भी विरोध किया जाएगा.

हिसार में देवेंद्र बबली का विरोध बीच में छोड़ा कार्यक्रम
हिसार में देवेंद्र बबली का विरोध बीच में छोड़ा कार्यक्रम

क्या है ई टेंडरिंग? इस प्रक्रिया के तहत सरपंच दो लाख रुपये तक के विकास कार्य करवा सकेंगे. उसके लिए भी उन्हें ई टेंडर लगवाना पड़ेगा. उससे ज्यादा के विकास कार्य अधिकारी ठेकेदार के द्वारा करवाएंगे. वो कार्य भी ई टेंडरिंग के जरिए होंगे. इसमें सरपंच सरकार को विकास कार्यों के बारे में ब्योरा देगा. जिसके बाद सरकार ठेकेदार से ई टेंडरिंग के जरिए विकास कार्य करवाएगी. सरकार का दावा है कि इस प्रक्रिया से भ्रष्टाचार के मामलों में कमी आएगी.

वहीं सरपंचों का कहना है कि सरकार की ये स्कीम (e tendering scheme) सरपंचों के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि ई टेंडरिंग से गांव का अच्छे से विकास नहीं हो पाएगा. ठेकेदार और अधिकारी अपनी मर्जी से गांव का विकास कराएंगे. लिहाजा सरपंचों का गांव के विकास में कोई भी हाथ नहीं रह जाएगा. जिसका जन प्रतिनिधि विरोध कर रहे हैं. सरपंचों ने कहा कि अगर सरपंचों को विकास कार्यों के लिए पैसा सीधे तौर पर नहीं दिया जाएगा, तो ठेकेदार और अधिकारी मनमर्जी से गांव में कार्य करवाएंगे.

ये भी पढ़ें: फरीदाबाद में जाम की समस्या से परेशान लोग, नगर निगम की कोशिश भी नाकाम साबित

हिसार में पंचायत मंत्री के कार्यक्रम में हंगामा, सरपंचों के विरोध के बाद बीच में छोड़ा कार्यक्रम

हिसार: हरियाणा के हिसार में जनसंवाद कार्यक्रम में पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली पहुंचे थे जहां सरपंचों ने कार्यक्रम में खूब बवाल किया. इसके साथ ही ब्लॉक समिति सदस्य और जिला पार्षद मंत्री के जनसंवाद कार्यक्रम में कुछ बोलने से पहले ही मंत्री के साथ जनसंवाद करने के लिए पहुंच गए. लेकिन मंत्री देवेंद्र बबली का विरोध (Sarpanchs protest in Hisar) होने की वजह से बिना बात किए ही कार्यक्रम को बीच में छोड़ कर चले गए. दरअसल सरपंचों ने ये बवाल इसलिए काटा क्योंकि सरपंच सरकार की ई-टेंडरिंग का विरोध कर रहे हैं.

विरोध करते-करते सरपंच कार्यक्रम से बाहर आ गए थे. जैसे ही पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली कार्यक्रम से जाने लगे तो उसी दौरान बाहर खड़े विरोधी सरपंच उनका इंतजार कर रहे थे. इस दौरान जैसे ही मंत्री का काफिला निकला वैसे ही सरपंचों ने उनकी गाड़ी का घेराव कर लिया. इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर विरोधी सरपंचों को हटाया. इसके बाद डीएसपी कप्तान भी मौके पर पहुंचे. एसडीएम जयवीर यादव ने भी किसानों को समझाने की कोशिश की लेकिन वह अपने विरोध पर ही अड़े रहे.

हिसार में पंचायत मंत्री का सरपंचों ने किया विरोध
हिसार में पंचायत मंत्री का सरपंचों ने किया विरोध

विरोध करने वाले सरपंचों (Sarpanchs protest against Panchayat Minister) ने सरकार की ई-टेंडरिंग कंडीशन का विरोध किया और कार्यक्रम से बाहर आ गए. सरपंचों का कहना है कि वह अपनी मर्जी से अपने गांव की एक गली भी नहीं बनवा सकते. सरपंचों के अपने स्तर पर काम करने की रकम भी घटा दी गई है. आपको बता दें कि इससे पहले जींद में भी सरपंचों ने मंत्री देवेंद्र बबली (Sarpanchs protest in Hisar) के कार्यक्रम को छोड़कर चले गए थे. सरपंच 50 लाख तक के काम बिना ई-टेंडरिंग के कराने की मांग कर रहे है. जबकि पहले भी मंत्री बबली इस मांग को ठुकरा चुके हैं और पारदर्शिता की बात कह चुके हैं. इससे पहले कैथल और सोनीपत में भी हुटिंग हो चुकी है. सरपंच बार-बार मानदेय और राइट टू रिकॉल का विरोध कर रहे हैं.

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वहीं मंत्री बबली ने स्टेज से कहा कि यह विरोध साजिश के तहत हो रहा है या तो यह सरपंच प्रतिनिधि है या फिर विरोधी पक्ष के हैं. विरोध करने वाले लोग सरपंचों के माध्यम से पैसा कमाना चाहते हैं. सरपंचों ने कहा कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती तब तक इसी तरीके से विरोध (Sarpanchs protest in Hisar) जारी रहेगा. इसके बाद सरपंचों ने कहा कि डिस्ट्रिक्ट लेवल पर भी विरोध किया जाएगा.

हिसार में देवेंद्र बबली का विरोध बीच में छोड़ा कार्यक्रम
हिसार में देवेंद्र बबली का विरोध बीच में छोड़ा कार्यक्रम

क्या है ई टेंडरिंग? इस प्रक्रिया के तहत सरपंच दो लाख रुपये तक के विकास कार्य करवा सकेंगे. उसके लिए भी उन्हें ई टेंडर लगवाना पड़ेगा. उससे ज्यादा के विकास कार्य अधिकारी ठेकेदार के द्वारा करवाएंगे. वो कार्य भी ई टेंडरिंग के जरिए होंगे. इसमें सरपंच सरकार को विकास कार्यों के बारे में ब्योरा देगा. जिसके बाद सरकार ठेकेदार से ई टेंडरिंग के जरिए विकास कार्य करवाएगी. सरकार का दावा है कि इस प्रक्रिया से भ्रष्टाचार के मामलों में कमी आएगी.

वहीं सरपंचों का कहना है कि सरकार की ये स्कीम (e tendering scheme) सरपंचों के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि ई टेंडरिंग से गांव का अच्छे से विकास नहीं हो पाएगा. ठेकेदार और अधिकारी अपनी मर्जी से गांव का विकास कराएंगे. लिहाजा सरपंचों का गांव के विकास में कोई भी हाथ नहीं रह जाएगा. जिसका जन प्रतिनिधि विरोध कर रहे हैं. सरपंचों ने कहा कि अगर सरपंचों को विकास कार्यों के लिए पैसा सीधे तौर पर नहीं दिया जाएगा, तो ठेकेदार और अधिकारी मनमर्जी से गांव में कार्य करवाएंगे.

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Last Updated : Dec 20, 2022, 12:19 PM IST
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