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हिसार: किसान आंदोलन के लिए पाबड़ा गांव के सरपंच ने दिया एक साल का मानदेय

सरपंच महिलाओं एवं पुरुषों का यह जत्था दिल्ली के लिए रवाना हुआ और किसानों ने कहा कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.

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किसान आंदोलन के लिए पाबड़ा गांव के सरपंच ने दिया एक साल का मानदेय
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Published : Dec 24, 2020, 10:00 PM IST

हिसार: किसान आंदोलन पर ठंड का भी कोई प्रभाव नहीं दिखाई दे रहा. एक महीने के करीब से दिल्ली में 3 कानूनों को वापस लेने के लिए किसान आंदोलन कर रहे है. इस आंदोलन को लेकर दिन प्रतिदिन लोगों में जोश बढ़ता जा रहा है. पाबड़ा गांव से पहले भी अनेक किसान दिल्ली पहुंच चुके हैं. वहीं आज गांव की सरपंच अंशु के नेतृत्व में महिलाओं का जत्था भी दिल्ली के लिए रवाना हुआ.

सरपंच अंशु पाबड़ा ने किसान आंदोलन में अपने एक साल का मानदेय सहयोग के रूप में देने की बात कही. महिलाओं एवं पुरुषों का यह जत्था दिल्ली के लिए रवाना हुआ और किसानों ने कहा कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.

30 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं किसान

गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान डटे हुए हैं. केन्द्र सरकार सितम्बर में पारित तीन नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे.

ये भी पढ़ें- हरियाणा का भविष्य तय करेंगे निकाय चुनाव: भूपेंद्र हुड्डा

हिसार: किसान आंदोलन पर ठंड का भी कोई प्रभाव नहीं दिखाई दे रहा. एक महीने के करीब से दिल्ली में 3 कानूनों को वापस लेने के लिए किसान आंदोलन कर रहे है. इस आंदोलन को लेकर दिन प्रतिदिन लोगों में जोश बढ़ता जा रहा है. पाबड़ा गांव से पहले भी अनेक किसान दिल्ली पहुंच चुके हैं. वहीं आज गांव की सरपंच अंशु के नेतृत्व में महिलाओं का जत्था भी दिल्ली के लिए रवाना हुआ.

सरपंच अंशु पाबड़ा ने किसान आंदोलन में अपने एक साल का मानदेय सहयोग के रूप में देने की बात कही. महिलाओं एवं पुरुषों का यह जत्था दिल्ली के लिए रवाना हुआ और किसानों ने कहा कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.

30 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं किसान

गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान डटे हुए हैं. केन्द्र सरकार सितम्बर में पारित तीन नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे.

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