ETV Bharat / state

रेलू राम पूनिया हत्याकांड: दो साल से गुजरात में साधू बनकर रह रहा था आरोपी संजीव - संजीव कुमार साधू गुजरात

संजीव कुमार दो सालों से फरार था. संजीव पर अपने ससूर रेलू राम पूनिया जो कि पूर्व विधायक थे उनके समेत परिवार के 8 लोगों की हत्या करने का दोष साबित हो चुका है और फांसी की सजा भी सुनाई जा चुकी है.

sanjeev-kumar-accused-in-the-rellu-ram-punia-murder-case-had-been-living-as-a-monk-in-gujarat-for-two-years
दो साल से गुजरात में साधू बनकर रह रहा था आरोपी संजीव
author img

By

Published : Feb 11, 2021, 6:06 PM IST

हिसार: बरवाला से तत्कालीन विधायक रेलूराम पुनिया समेत उनके परिवार के आठ लोगों की हत्या के मामले में आरोपी दामाद संजीव को हरियाणा पुलिस की एसटीएफ यूनिट ने मेरठ से गिरफ्तार कर लिया है. संजीव 2018 में फर्जी दस्तावेज के आधार पर जेल से पैरोल लेने के बाद से अब तक फरार था.

गुजरात में छिप कर रह रहा था संजीव

बताया जा रहा है कि संजीव के बारे में एक चौंकाने वाली जानकारी यह सामने आई है कि वह पिछले दो सालों से गुजरात के अमरेली जिले के राजुला गांव के छतलिया आश्रम में साधू बनकर रह रहा था. पैरोल लेते समय संजीव का यमुनानगर में बिलासपुर के गांव चगनौली में एक फर्जी पता दिखाया गया था, जिसके आधार पर उसे कोर्ट से 28 दिन की पैरोल मिली थी, लेकिन 28 दिन बाद भी जब संजीव वापस जेल नहीं लौटा तो जून 2018 में बिलासपुर पुलिस ने कुरुक्षेत्र जेल अधिकारी की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली थी. जिसे बाद में यमुनानगर पुलिस से एसटीएफ को ट्रांसफर कर दिया गया था.

ये पढ़ें- रेलू राम पुनिया हत्याकांड का फरार दोषी चढ़ा एसटीएफ के हत्थे

क्या था मामला?

मामला 23 अगस्त 2001 का है जिसमें विधायक समेत आठ लोगों की हत्या कर दी गई थी. आरोप विधायक पुनिया की बेटी सोनियां और दामाद संजीव पर लगे थे. दरअसल 23 अगस्त 2001 की रात रेलू राम पूनिया के लिटानी फार्म हाउस में एक पारिवारिक गेट टू गेदर था. खाना खाकर जब परिवार के सभी आठ लोग सो गए तो सोनिया ने किसी हथियार से सभी की हत्या कर दी.

Sanjeev Kumar accused in the Rellu Ram Punia murder case had been living as a monk in Gujarat for two years
रेलू राम पूनिया हत्याकांड में दोषी संजीव कुमार और उसकी पत्नी.

इस वारदात में पचास वर्षीय रेलूराम पूनिया, उनकी 41 वर्षीय पत्नी कृष्णा, 23 साल के बेटे सुनील, 20 वर्षीय बहू शकुंतला, 16 साल की बेटी प्रियंका, 4 साल का पोता लोकेश, दो साल की पोती शिवानी और तीन वर्षीय प्रीति की हत्या कर दी गई थी. पुलिस जांच में पता चला कि‌ इस हत्याकांड को अंजाम देने से पहले परिवार को खीर में कोई नशीला पदार्थ भी खिलाया गया था.

ये भी पढ़ें: 25 हजार का इनामी बदमाश मच्छर को करनाल पुलिस ने किया ढेर

कोर्ट ने सुना चुका है फांसी की सजा

पुलिस ने सोनियां एवं संजीव को गिरफ्तार कर जिला अदालत में पेश किया. जहां लंबी सुनवाई के बाद 31 मई, 2004 को दोनों को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुना दी गई. इसके पश्चात 12 अप्रैल, 2005 को हाईकोर्ट ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था, जबकि 15 फरवरी, 2007 को सुप्रीम कोर्ट ने जिला अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए दोनों को फांसी की सजा सुना दी.

23 अगस्त, 2008 को सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल की गई, जो खारिज कर दी गई थी. 1 सितंबर, 2007 को फांसी की तारीख तय करने के लिए जिला अदालत में याचिका दायर की गई थी. 8 सितंबर, 2007 को फांसी देने की तारीख 26 नवंबर 2007 तय कर दी गई. नवंबर 2007 में संजीव के परिजनों ने राष्ट्रपति से एक अपील की, जो खारिज कर दी गई थी.

इसके बाद वो कई बार राष्ट्रपति से फांसी की सजा टालने की अपील होती रही, और देरी होती रही. इसी दौरान जून 2018 में संजीव पैरोल पर जेल से बाहर आया और इसी दौरान फरार हो गया. जिसके बाद हरियाणा पुलिस की एसटीएफ यूनिट ने मेरठ से गिरफ्तार कर लिया है.

ये भी पढ़ें: चरखी दादरी: बदमाशों ने की कार सवार युवकों पर बरसाई गोलियां, एक की मौत

हिसार: बरवाला से तत्कालीन विधायक रेलूराम पुनिया समेत उनके परिवार के आठ लोगों की हत्या के मामले में आरोपी दामाद संजीव को हरियाणा पुलिस की एसटीएफ यूनिट ने मेरठ से गिरफ्तार कर लिया है. संजीव 2018 में फर्जी दस्तावेज के आधार पर जेल से पैरोल लेने के बाद से अब तक फरार था.

गुजरात में छिप कर रह रहा था संजीव

बताया जा रहा है कि संजीव के बारे में एक चौंकाने वाली जानकारी यह सामने आई है कि वह पिछले दो सालों से गुजरात के अमरेली जिले के राजुला गांव के छतलिया आश्रम में साधू बनकर रह रहा था. पैरोल लेते समय संजीव का यमुनानगर में बिलासपुर के गांव चगनौली में एक फर्जी पता दिखाया गया था, जिसके आधार पर उसे कोर्ट से 28 दिन की पैरोल मिली थी, लेकिन 28 दिन बाद भी जब संजीव वापस जेल नहीं लौटा तो जून 2018 में बिलासपुर पुलिस ने कुरुक्षेत्र जेल अधिकारी की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली थी. जिसे बाद में यमुनानगर पुलिस से एसटीएफ को ट्रांसफर कर दिया गया था.

ये पढ़ें- रेलू राम पुनिया हत्याकांड का फरार दोषी चढ़ा एसटीएफ के हत्थे

क्या था मामला?

मामला 23 अगस्त 2001 का है जिसमें विधायक समेत आठ लोगों की हत्या कर दी गई थी. आरोप विधायक पुनिया की बेटी सोनियां और दामाद संजीव पर लगे थे. दरअसल 23 अगस्त 2001 की रात रेलू राम पूनिया के लिटानी फार्म हाउस में एक पारिवारिक गेट टू गेदर था. खाना खाकर जब परिवार के सभी आठ लोग सो गए तो सोनिया ने किसी हथियार से सभी की हत्या कर दी.

Sanjeev Kumar accused in the Rellu Ram Punia murder case had been living as a monk in Gujarat for two years
रेलू राम पूनिया हत्याकांड में दोषी संजीव कुमार और उसकी पत्नी.

इस वारदात में पचास वर्षीय रेलूराम पूनिया, उनकी 41 वर्षीय पत्नी कृष्णा, 23 साल के बेटे सुनील, 20 वर्षीय बहू शकुंतला, 16 साल की बेटी प्रियंका, 4 साल का पोता लोकेश, दो साल की पोती शिवानी और तीन वर्षीय प्रीति की हत्या कर दी गई थी. पुलिस जांच में पता चला कि‌ इस हत्याकांड को अंजाम देने से पहले परिवार को खीर में कोई नशीला पदार्थ भी खिलाया गया था.

ये भी पढ़ें: 25 हजार का इनामी बदमाश मच्छर को करनाल पुलिस ने किया ढेर

कोर्ट ने सुना चुका है फांसी की सजा

पुलिस ने सोनियां एवं संजीव को गिरफ्तार कर जिला अदालत में पेश किया. जहां लंबी सुनवाई के बाद 31 मई, 2004 को दोनों को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुना दी गई. इसके पश्चात 12 अप्रैल, 2005 को हाईकोर्ट ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था, जबकि 15 फरवरी, 2007 को सुप्रीम कोर्ट ने जिला अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए दोनों को फांसी की सजा सुना दी.

23 अगस्त, 2008 को सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल की गई, जो खारिज कर दी गई थी. 1 सितंबर, 2007 को फांसी की तारीख तय करने के लिए जिला अदालत में याचिका दायर की गई थी. 8 सितंबर, 2007 को फांसी देने की तारीख 26 नवंबर 2007 तय कर दी गई. नवंबर 2007 में संजीव के परिजनों ने राष्ट्रपति से एक अपील की, जो खारिज कर दी गई थी.

इसके बाद वो कई बार राष्ट्रपति से फांसी की सजा टालने की अपील होती रही, और देरी होती रही. इसी दौरान जून 2018 में संजीव पैरोल पर जेल से बाहर आया और इसी दौरान फरार हो गया. जिसके बाद हरियाणा पुलिस की एसटीएफ यूनिट ने मेरठ से गिरफ्तार कर लिया है.

ये भी पढ़ें: चरखी दादरी: बदमाशों ने की कार सवार युवकों पर बरसाई गोलियां, एक की मौत

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.