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ऑपरेशन गोदाम: हिसार में भीगा हजारों टन अनाज, सीलन की वजह से हुआ अंकुरित - अंकुरित गेहूं

हिसार के उकलाना अनाज गोदाम में हजारों मीट्रिक टन बर्बाद खराब होने के कागार पर है. वहीं कई टन गेंहू तो सीलन के भेंट चढ़ चुका है. करीब 4,485 मीट्रिक टन अनाज तो खुले में बस तिरपाल ढ़क कर छोड़ दिया गया है.

ऑपरेशन गोदाम: हिसार में राम भरोसे हजारों मीट्रिक टन खाद्यान! सीलन से अंकुरित होने लगा अनाज
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Published : Jul 19, 2019, 3:47 PM IST

Updated : Jul 19, 2019, 6:10 PM IST

हिसार: भूख एक ऐसी जरूरत है जिसका एकमात्र समाधान खाना है. दुनिया भर के सैकड़ों देशों के लिए भुखमरी बड़ी समस्या है. और बेहद चौकाने वाला सच ये है कि भारत जैसे कृषि प्रधान देश में भी बड़ी संख्या में लोग भूख से मर रहे हैं. ऐसा नहीं है कि देश में अनाज का टोटा है या हम खाद्यान उत्पादन में पिछड़े हुए हैं. ऐसा सिर्फ इसलिए हो रहा है क्योंकि देश में फूड मैनेजमेंट लचर है. ईटीवी भारत 'ऑपरेशन गोदाम' के इस कड़ी में हम पहुंचे हैं हिसार जिले के उकलाना वेयर हाउस में जहां हमने गोदामों में स्टोर किए गए खाद्यानों के हालात को जानने की कोशिश की.

देखिए रिपोर्ट

हजारों मीट्रिक टन गेहूं बर्बाद हो रहा है!
4,485 मीट्रिक टन अनाज खुले में राम भरोसे है. अब आनाज बाहर भीगता है. तो कसूरवार कौन है. क्या बारिश की गलती है ?. आखिर वजह क्या है? क्या देश में जगह की कमी हो गई है? क्या हमारी व्यवस्था इतनी नाकाम है कि इस बेशकीमती आनाज को सुरक्षित हम नहीं रख सकते, लेकिन वजह बस इतनी है कि आज भी हम अपने खाद्यानों की देख रेख को लेकर गंभीर नहीं है. ईटीवी भारत की टीम ने जब गोदाम और बाहर ढ़क कर रखे गए गेहूं का जायजा लिया तो चोंकाने वाले तथ्य सामने आए.

अंकुरित होने लगा है गेहूं
एक तरफ देश में अनाज के लिए मारा-मारी हो रही है. वहीं सरकारी गोदामों में अनाज खुले में भीगता है. अंकुरित होता है और सड़ता रहता है. हिसार जिले के सिर्फ उकलाना कस्बे के वेयर हाउस की सिर्फ की जगह हम बात करें तो गोदाम की क्षमता 23 हजार 820 मीट्रिक टन है. वहीं स्टॉक में 17 हजार 670 मीट्रक टन गेहूं और 6 हजार 150 मीट्रिक टन सरसों है. वहीं खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के गोदामों में 16,000 मीट्रिक टन की क्षमता है, जो पूरी तरह से भरा हुआ है. करीब 2 हजार मीट्रिक टन अनाज बाहर तिरपाल से ढ़का हुआ है.

सैंकड़ो क्विंटल गेहूं हर साल खराब होता है. देश में खाद्यान को लेकर सरकारें और कुछ लापरवाह अधिकारी की अनदेखी की वजह से लाखों मीट्रिक टन अनाज बारिश के भेंट चढ़ जाता है. साथ ही हर साल अरबों रुपयों का राजस्व भी बह जाता है. और इतने बड़े गुनाह का कसूरवार किसी को भी नहीं ठहराया जाता है. यही वजह है कि अब ईटीवी भारत ने बीड़ा उठाया है. हमारी कोशिश है कि देश को खाद्यानों को सुरक्षित रखा जाए. ताकी देश को भुखमरी के दलदल में जाने से रोका जा सके.

हिसार: भूख एक ऐसी जरूरत है जिसका एकमात्र समाधान खाना है. दुनिया भर के सैकड़ों देशों के लिए भुखमरी बड़ी समस्या है. और बेहद चौकाने वाला सच ये है कि भारत जैसे कृषि प्रधान देश में भी बड़ी संख्या में लोग भूख से मर रहे हैं. ऐसा नहीं है कि देश में अनाज का टोटा है या हम खाद्यान उत्पादन में पिछड़े हुए हैं. ऐसा सिर्फ इसलिए हो रहा है क्योंकि देश में फूड मैनेजमेंट लचर है. ईटीवी भारत 'ऑपरेशन गोदाम' के इस कड़ी में हम पहुंचे हैं हिसार जिले के उकलाना वेयर हाउस में जहां हमने गोदामों में स्टोर किए गए खाद्यानों के हालात को जानने की कोशिश की.

देखिए रिपोर्ट

हजारों मीट्रिक टन गेहूं बर्बाद हो रहा है!
4,485 मीट्रिक टन अनाज खुले में राम भरोसे है. अब आनाज बाहर भीगता है. तो कसूरवार कौन है. क्या बारिश की गलती है ?. आखिर वजह क्या है? क्या देश में जगह की कमी हो गई है? क्या हमारी व्यवस्था इतनी नाकाम है कि इस बेशकीमती आनाज को सुरक्षित हम नहीं रख सकते, लेकिन वजह बस इतनी है कि आज भी हम अपने खाद्यानों की देख रेख को लेकर गंभीर नहीं है. ईटीवी भारत की टीम ने जब गोदाम और बाहर ढ़क कर रखे गए गेहूं का जायजा लिया तो चोंकाने वाले तथ्य सामने आए.

अंकुरित होने लगा है गेहूं
एक तरफ देश में अनाज के लिए मारा-मारी हो रही है. वहीं सरकारी गोदामों में अनाज खुले में भीगता है. अंकुरित होता है और सड़ता रहता है. हिसार जिले के सिर्फ उकलाना कस्बे के वेयर हाउस की सिर्फ की जगह हम बात करें तो गोदाम की क्षमता 23 हजार 820 मीट्रिक टन है. वहीं स्टॉक में 17 हजार 670 मीट्रक टन गेहूं और 6 हजार 150 मीट्रिक टन सरसों है. वहीं खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के गोदामों में 16,000 मीट्रिक टन की क्षमता है, जो पूरी तरह से भरा हुआ है. करीब 2 हजार मीट्रिक टन अनाज बाहर तिरपाल से ढ़का हुआ है.

सैंकड़ो क्विंटल गेहूं हर साल खराब होता है. देश में खाद्यान को लेकर सरकारें और कुछ लापरवाह अधिकारी की अनदेखी की वजह से लाखों मीट्रिक टन अनाज बारिश के भेंट चढ़ जाता है. साथ ही हर साल अरबों रुपयों का राजस्व भी बह जाता है. और इतने बड़े गुनाह का कसूरवार किसी को भी नहीं ठहराया जाता है. यही वजह है कि अब ईटीवी भारत ने बीड़ा उठाया है. हमारी कोशिश है कि देश को खाद्यानों को सुरक्षित रखा जाए. ताकी देश को भुखमरी के दलदल में जाने से रोका जा सके.

Intro:ऑपरेशन गोदाम ईटीवी भारत की खास मुहिम है। जिसमें प्रदेश के सभी गोदामों से ग्राउंड जीरो पर जाकर हम आपको अनाज के रखरखाव की स्थिति से अवगत करवा रहे है।

ईटीवी भारत की टीम हिसार जिले के उकलाना स्थित गोदामों का जायजा लेने पहुंची। उकलाना में हरियाणा वेयर हाउस कॉर्पोरेशन और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के गोदामों का जायजा लिया गया।

हरियाणा वेयर हाउस कॉर्पोरेशन के स्टॉक की जानकारी देते हुए मैनेजर ओमप्रकाश ने बताया कि --

गोदाम की क्षमता - लगभग 23820 एमटी

स्टॉक- 17670 एमटी गेंहू और बाकी में सरसों

बाहर खुले में तिरपाल से ढक कर लगभग 4485 एमटी रखा गया है।


ईटीवी भारत की टीम ने जब गोदाम और बाहर ढक कर रखे गए गेंहूँ का जायजा लिया तो चोंकाने वाले तथ्य सामने आए। बाहर तिरपाल से ढक कर रखा गया गेंहू भीगने के कारण अंकुरित हो चुका है। कई क्विंटल गेंहूँ मानसून की शुरुआत में ही भीगने के बाद अंकुरित होकर खराब हो चुका है।

वहीं खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में स्टॉक -

गोदाम में - 16000 एमटी लगभग

बाहर तिरपाल से ढका हुआ - 2000 एमटी लगभग

ईटीवी भारत की टीम जब उकलाना के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के स्टॉक का जायजा लेने पहुंची तो वहां भी गेंहू भीगने के कारण अंकुरित हुआ मिला।

इतना ही नहीं खाद्य आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर रामफल को जब कर्मचारियों ने इस बारे में बताया तो उन्होंने दबंगई दिखाते हुए ईटीवी भारत के उकलाना से सहयोगी को फोन कर धमकाने की कोशिश करते हुए कहा कि आप परिसर में बिना परमिशन के कैसे घुसे। जबकि गोदाम में सुरक्षा के लिए तैनात चौकीदारों को परिचय देकर उनकी आपत्ति के बिना ईटीवी भारत की टीम गोदाम में पहुंची थी। रामफल ने फोन पर धमकी भरे लहजे में कहा कि दुबारा आकर दिखाओ।




Body:इस बारे में जब खाद्य आपूर्ति विभाग के कंट्रोलर जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग सुभाष सिहाग से प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने कहा कि रिपोर्टर से कॉल रिकॉर्डिंग लेकर उचित कार्यवाही की जाएगी। जबकि गेंहू के भीगने से अंकुरित होने के सवाल पर चुप्पी साध गए।


कर्मचारियों और अधिकारियों की लापरवाही से एकतरफ सैंकड़ो क्विंटल गेंहूँ प्रतिवर्ष खराब होता है वहीं खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर रामफल जैसे कर्मचारी मामला उजागर होने पर मीडिया तक को धमकी देते है। इससे आप अंदाजा लगा सकते है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली से यह सड़ा हुआ अनाज जिन आम लोगो के पास जाएगा उनकी सुनवाई कैसी होती होगी।


Conclusion:
Last Updated : Jul 19, 2019, 6:10 PM IST
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