हिसार: मां-बेटे की हत्या मामले में 16 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा मिली है. प्रत्येक दोषी पर सजा के आलावा सवा लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने इस मामले में तीन आरोपियों को बरी किया है. इस मामले में सुनवाई के दौरान एक आरोपी की मौत हो गई थी.
मां-बेटे की हत्या के मामले में 16 आरोपी दोषी करार
आपको बता दे कि करीब 5 साल पहले बालक गांव में ताबड़तोड़ फायरिंग कर मां-बेटे की हत्या कर दी गई थी. बरवाला पुलिस ने बताया कि 14 मार्च, 2014 को बालक गांव निवासी सुरेश कुमार की शिकायत पर 34 व्यक्तियों के खिलाफ हत्या व हत्या प्रयास और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. इस हत्याकांड में सुरेश की मां 50 वर्षीय सुगना देवी और भाई 30 वर्षीय कुलदीप की हत्या हुई थी, जबकि दूसरा भाई सुरेंद्र घायल हो गया था जो मामले में चश्मदीद गवाह भी था.
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इन 16 को मिली है आजीवन कारावास की सजा
इसके बाद पुलिस ने 20 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की जिसमें 16 आरोपियों में शामिल तीन भाई ईश्वर, सुभाष, राजेंद्र, ईश्वर के दो पुत्र सुमित व अमित, तीन भाई रमेश कुमार, विजय, अनिल, दो भाई विरेंद्र व सुशील, दो भाई शमशेर, राजबीर के अलावा सतबीर, राकेश व सुशील उर्फ शीलू को अदालत ने दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
एक आरोपी सुनवाई के दौरान हुई थी मौत
दोषी राकेश के पिता बलबीर, वीरेंद्र व सुशील के पिता इंद्रपाल के अलावा निहाल सिंह को अदालत ने बरी कर दिया, जबकि एक अन्य बिंदर की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई थी.
ये था पूरा मामला
आपको बता दें कि करीब 5 साल पहले मां सुगना देवी चौबारे में सब्जी काट रही थी और भाई कुलदीप उसके साथ कुर्सी पर बैठा था. छोटा भाई सुरेंद्र सामने वाले मकान में बैठा था. इसी दौरान तीन दर्जन से ज्यादा पिस्तौलधारी हमलावर उनके घर आए और आते ही अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी थी. मां सुगना को 2-3 गोलियां, कुलदीप को 3-4 और सुरेंद्र को भी 3-4 गोलियां लगी थी. गोली लगने से सुगना व कुलदीप ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था. पुलिस ने मौके से जिंदा कारतूस और चले हुए कारतूस के खोल भी बरामद किए थे.