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'केंद्र सरकार के तीनों विधेयक पूर्ण रुप से किसान विरोधी हैं'

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Published : Aug 20, 2020, 10:29 PM IST

किसान नेता फूलसिंह श्योकंद ने जिलेभर के किसान नेताओं से कहा कि केंद्र सरकार ने जो तीन विधेयक जारी किए हैं, वो पूर्ण रुप से किसान विरोधी हैं. इससे मंडियों का कोई महत्व नहीं रहेगा.

hisar farmers protest
hisar farmers protest

हिसार: किसान सभा की जिला कार्यकारिणी की बैठक जिला प्रधान शमशेर सिंह नंबरदार की अध्यक्षता में हुई. संचालन जिला सचिव धर्मबीर कंवारी ने किया. सचिव धर्मबीर कंवारी ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि हिसार जिले में सफेद मक्खी और चेपा से नरमा की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है.

इसी प्रकार चेपा से धान, बाजरा, मूंग की फसल भी बर्बाद हो चुकी है लेकिन प्रशासन ने अभी तक नुकसान का कोई आंकलन नहीं किया है. इसी प्रकार बालसमंद तहसील में टिड्डियों से भारी नुकसान हुआ है. बास, नारनोंद, हांसी, बरवाला आदि में जलभराव से हजारों किसानों की फसल बर्बाद हो गई है, लेकिन प्रशासन ने आज तक फसलों के नुकसान का कोई आंकलन नहीं करवाया गया.

ये भी पढ़ें- गुरुग्राम: बारिश के बाद 20 फीट धंसा NH-48

प्रांतीय प्रधान फूलसिंह श्योकंद ने जिलेभर के किसान नेताओं से कहा कि केंद्र सरकार ने जो तीन विधेयक जारी किए हैं, वो पूर्ण रुप से किसान विरोधी हैं. इससे मंडियों का कोई महत्व नहीं रहेगा. सरकार की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल खरीद की कोई जिम्मेदारी नहीं रहेगी.

उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े व्यापारी अपनी मर्जी का भाव और जितनी चाहे फसल का भंडारण कर सकेंगे. इससे जनता और किसान को खूब लूटा जाएगा. सरकार के विरोध में किसान सभा गांव-गांव जाकर किसानों को लामबंद करके आंदोलन करेंगे.

हिसार: किसान सभा की जिला कार्यकारिणी की बैठक जिला प्रधान शमशेर सिंह नंबरदार की अध्यक्षता में हुई. संचालन जिला सचिव धर्मबीर कंवारी ने किया. सचिव धर्मबीर कंवारी ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि हिसार जिले में सफेद मक्खी और चेपा से नरमा की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है.

इसी प्रकार चेपा से धान, बाजरा, मूंग की फसल भी बर्बाद हो चुकी है लेकिन प्रशासन ने अभी तक नुकसान का कोई आंकलन नहीं किया है. इसी प्रकार बालसमंद तहसील में टिड्डियों से भारी नुकसान हुआ है. बास, नारनोंद, हांसी, बरवाला आदि में जलभराव से हजारों किसानों की फसल बर्बाद हो गई है, लेकिन प्रशासन ने आज तक फसलों के नुकसान का कोई आंकलन नहीं करवाया गया.

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प्रांतीय प्रधान फूलसिंह श्योकंद ने जिलेभर के किसान नेताओं से कहा कि केंद्र सरकार ने जो तीन विधेयक जारी किए हैं, वो पूर्ण रुप से किसान विरोधी हैं. इससे मंडियों का कोई महत्व नहीं रहेगा. सरकार की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल खरीद की कोई जिम्मेदारी नहीं रहेगी.

उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े व्यापारी अपनी मर्जी का भाव और जितनी चाहे फसल का भंडारण कर सकेंगे. इससे जनता और किसान को खूब लूटा जाएगा. सरकार के विरोध में किसान सभा गांव-गांव जाकर किसानों को लामबंद करके आंदोलन करेंगे.

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