हिसार: अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने एक बार फिर आंदोलन की रुपरेखा तैयार करनी शुरू कर दी है. 24 नवंबर को दीनबंधु सर छोटूराम की 139वीं जयंती के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. जहां जनता से राय लेने के बाद आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी.
सर छोटूराम की 139वीं जयंती
हिसार में समिति के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र सिंह पूनिया ने बताया कि 24 नवंबर को जसिया में दीनबंधु छोटूराम की 139वीं जयंती और छोटूराम धाम की तीसरी वर्षगांठ मनाई जाएगी. इस दिन 10 प्रदेशों से आए जाट सामज के लोग यहां जुटेंगें और उसके बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी. जिसमें जाट आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी. उन्होंने बताया कि जाट समाज के लोगों की राय लेकर आगामी रणनीति तैयार की जाएगी.
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जाट समाज करेगा आगे की रणनीति तय
महेंद्र सिंह पूनिया ने कहा कि समिति चौधरी छोटूराम के विचारों पर आधारित होकर शांतिप्रिय तरीके से आंदोलन चला रही है. कांग्रेस और बीजेपी की सरकारों को भी समिति ने देखा है और अब उन्हें इस गठबंधन की सरकार से उम्मीद है की वो उनकी मांगे मानते हुए आरक्षण के दौरान दर्ज मामलों को वापस लेगी. महेंद्र सिंह पूनिया ने ये भी कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो समाज के लोगों के साथ विचार कर एकबार फिर आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी.
हरियाणा के लिए बदनुमा दाग है जाट आरक्षण आंदोलन हिंसा
जाट आरक्षण का मुद्दा हरियाणा में काफी अहम रहा है. साल 2016 के फरवरी में हरियाणा आरक्षण के आंदोलन की आग में बुरी तरह झुलस गया. प्रदेश के 8 जिलों में व्यापक पैमाने पर हिंसा हुई थी, जिसमें 30 लोगों की जान चली गई थी और हजारों करोड़ रुपये की निजी और सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ था. इस दौरान दंगाइयों ने रोहतक में प्रदेश के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु की कोठी को भी आग के हवाले कर दिया था. प्रदेश सरकार को आंदोलनकारियों के दबाव में झुकना पड़ा और जाट समेत 6 जातियों को बीसी सी कैटेगरी के तहत आरक्षण दिया गया, हालांकि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने आरक्षण पर रोक लगा दी और फिलहाल ये मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है.