ETV Bharat / state

फिर उठी जाट आरक्षण की मांग, सर छोटूराम की जयंती पर बनाई जाएगी रणनीति

24 नवंबर को जसिया में दीनबंधु छोटूराम की 139वीं जयंती और छोटूराम धाम की तीसरी वर्षगांठ मनाई जाएगी. इस दिन 10 प्रदेशों से आए जाट सामज के लोग यहां जुटेंगें और उसके बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी. जिसमें जाट आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी.

सर छोटूराम की जयंती पर जाट समाज बनाएगा रणनीति
author img

By

Published : Nov 6, 2019, 10:06 PM IST

हिसार: अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने एक बार फिर आंदोलन की रुपरेखा तैयार करनी शुरू कर दी है. 24 नवंबर को दीनबंधु सर छोटूराम की 139वीं जयंती के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. जहां जनता से राय लेने के बाद आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी.

सर छोटूराम की 139वीं जयंती
हिसार में समिति के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र सिंह पूनिया ने बताया कि 24 नवंबर को जसिया में दीनबंधु छोटूराम की 139वीं जयंती और छोटूराम धाम की तीसरी वर्षगांठ मनाई जाएगी. इस दिन 10 प्रदेशों से आए जाट सामज के लोग यहां जुटेंगें और उसके बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी. जिसमें जाट आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी. उन्होंने बताया कि जाट समाज के लोगों की राय लेकर आगामी रणनीति तैयार की जाएगी.

फिर उठी जाट आरक्षण की मांग

ये भी पढ़िए: पराली को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश, पंजाब-हरियाणा के किसानों को दें 100 रुपये प्रति क्विंटल

जाट समाज करेगा आगे की रणनीति तय

महेंद्र सिंह पूनिया ने कहा कि समिति चौधरी छोटूराम के विचारों पर आधारित होकर शांतिप्रिय तरीके से आंदोलन चला रही है. कांग्रेस और बीजेपी की सरकारों को भी समिति ने देखा है और अब उन्हें इस गठबंधन की सरकार से उम्मीद है की वो उनकी मांगे मानते हुए आरक्षण के दौरान दर्ज मामलों को वापस लेगी. महेंद्र सिंह पूनिया ने ये भी कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो समाज के लोगों के साथ विचार कर एकबार फिर आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी.

हरियाणा के लिए बदनुमा दाग है जाट आरक्षण आंदोलन हिंसा

जाट आरक्षण का मुद्दा हरियाणा में काफी अहम रहा है. साल 2016 के फरवरी में हरियाणा आरक्षण के आंदोलन की आग में बुरी तरह झुलस गया. प्रदेश के 8 जिलों में व्यापक पैमाने पर हिंसा हुई थी, जिसमें 30 लोगों की जान चली गई थी और हजारों करोड़ रुपये की निजी और सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ था. इस दौरान दंगाइयों ने रोहतक में प्रदेश के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु की कोठी को भी आग के हवाले कर दिया था. प्रदेश सरकार को आंदोलनकारियों के दबाव में झुकना पड़ा और जाट समेत 6 जातियों को बीसी सी कैटेगरी के तहत आरक्षण दिया गया, हालांकि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने आरक्षण पर रोक लगा दी और फिलहाल ये मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है.

हिसार: अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने एक बार फिर आंदोलन की रुपरेखा तैयार करनी शुरू कर दी है. 24 नवंबर को दीनबंधु सर छोटूराम की 139वीं जयंती के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. जहां जनता से राय लेने के बाद आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी.

सर छोटूराम की 139वीं जयंती
हिसार में समिति के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र सिंह पूनिया ने बताया कि 24 नवंबर को जसिया में दीनबंधु छोटूराम की 139वीं जयंती और छोटूराम धाम की तीसरी वर्षगांठ मनाई जाएगी. इस दिन 10 प्रदेशों से आए जाट सामज के लोग यहां जुटेंगें और उसके बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी. जिसमें जाट आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी. उन्होंने बताया कि जाट समाज के लोगों की राय लेकर आगामी रणनीति तैयार की जाएगी.

फिर उठी जाट आरक्षण की मांग

ये भी पढ़िए: पराली को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश, पंजाब-हरियाणा के किसानों को दें 100 रुपये प्रति क्विंटल

जाट समाज करेगा आगे की रणनीति तय

महेंद्र सिंह पूनिया ने कहा कि समिति चौधरी छोटूराम के विचारों पर आधारित होकर शांतिप्रिय तरीके से आंदोलन चला रही है. कांग्रेस और बीजेपी की सरकारों को भी समिति ने देखा है और अब उन्हें इस गठबंधन की सरकार से उम्मीद है की वो उनकी मांगे मानते हुए आरक्षण के दौरान दर्ज मामलों को वापस लेगी. महेंद्र सिंह पूनिया ने ये भी कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो समाज के लोगों के साथ विचार कर एकबार फिर आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी.

हरियाणा के लिए बदनुमा दाग है जाट आरक्षण आंदोलन हिंसा

जाट आरक्षण का मुद्दा हरियाणा में काफी अहम रहा है. साल 2016 के फरवरी में हरियाणा आरक्षण के आंदोलन की आग में बुरी तरह झुलस गया. प्रदेश के 8 जिलों में व्यापक पैमाने पर हिंसा हुई थी, जिसमें 30 लोगों की जान चली गई थी और हजारों करोड़ रुपये की निजी और सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ था. इस दौरान दंगाइयों ने रोहतक में प्रदेश के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु की कोठी को भी आग के हवाले कर दिया था. प्रदेश सरकार को आंदोलनकारियों के दबाव में झुकना पड़ा और जाट समेत 6 जातियों को बीसी सी कैटेगरी के तहत आरक्षण दिया गया, हालांकि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने आरक्षण पर रोक लगा दी और फिलहाल ये मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है.

Intro:एंकर - जाट आरक्षण संघर्ष समिति चौधरी छोटूराम की 139 वीं जयंती 24 नवम्बर को जसिया में मानाने जा रही है। समिति जाट समाज के लोगो से राय लेकर आगामी रणनीति तैयार करेगी। जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र सिंह पुनिया ने हिसार स्थित जाट धर्मशाला में पत्रकार वार्ता कर जानकारी देते हुए बताया की समिति चौधरी छोटूराम के विचारो पर आधारित होकर शांतिप्रिय तरीके से आंदोलन चला रही है। कांग्रेस, बीजेपी की सरकारों को भी समिति ने देखा है और अब उन्हें इस गठबंधन की सरकार से भी उम्मीद है की वह उनकी मांगे मानते हुए आरक्षण के दौरान दर्ज मामलों को वापस लेगी। महेंद्र सिंह पूनिया ने कहा की यदि ऐसा नहीं होता है तो समाज के लोगों के साथ विचार कर एकबार फिर आरक्षण की रणनीति तैयार की जाएगी। 


Body:वीओ - जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र सिंह पूनिया ने बताया की संघर्ष सममिति चौधरी छोटूराम के विचारों परआधारित होकर शांति प्रिय ढंग से आंदोलन चला रही है। 24 नवम्बर को जसिया में चौधरी छोटूराम की 139 वीं जयंती संघर्ष समिति मानाने जा रही है जहाँ ज्यादा से ज्यादा जाट समाज के लोग पहुंचेंगे। जाट  आरक्षण के दौरान दर्ज हुए मामलों में कुछ को वापस लिए जाने और कुछ मामलों के कोर्ट में विचाराधीन होने के सरकार के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए महेंद्र पूनिया ने कहा की उन्हें मिडिया के माध्यम से पता चला है की मुक़दमे वापस लेने की बात कही गई है लेकिन अभी पूर्ण रूप से विश्वास नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा की प्रदेश में उन्होंने कांग्रेस की सरकार को भी देखा है, बीजेपी सरकार को भी देखा है और अब गठजोड़ की सरकार देख रहे है। उन्होंने कहा की आने वाले समय में पता चलेगा की यह गठजोड़ जाट समाज का भविष्य बनाएगा या बिगाड़ेगा।  आगामी रणनीति को लेकर महेंद्र सिंह ने कहा की 24 नवम्बर को जसिया में समाज के लोगों से राय ली जाएगी की भविष्य में किस तरह का आंदोलन चलाया जाए जिससे प्रदेश और केंद्र सरकार पर दबाव बनाकर मांगों को मनवाया जाए। उन्होंने कहा की सभी सरकारों में जाट समाज ने आशा और विश्वास के साथ आंदोलन किए है और इस सरकार में भी उन्हें आशा और विश्वाश है। उन्होंने कहा की यदि उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो एकबार फिर आंदोलन चलाया जाएगा। 


बाइट - महेंद्र सिंह पूनिया, प्रदेश अध्यक्ष जाट आरक्षण संघर्ष समिति।Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.