हिसारः शहर में महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा को और अधिक पुख्ता करने के लिए जिला महिला सुरक्षा योजना बनाई जाएगी. इसके अंतर्गत सभी विभागों की भूमिका व जिम्मेदारी निर्धारित की जाएगी. महिला एवं बाल विकास विभाग की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, पोषण अभियान व प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना सहित अन्य योजनाओं की समीक्षा करते हुए ये निर्णय लिया गया है.
महिलाओं की सुरक्षा प्राथमिकता- उपायुक्त
देश प्रदेश में बेटियों के साथ लगातार बढ़ रहे अपराधों पर हिसार प्रशासन सतर्क नजर आ रहा है. जिले में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों पर रोकथाम लगाने के लिए हिसार में महिला सुरक्षा योजना बनाई जाएगी. योजनाओं के संबंध में अधिकारियों को विशेष दिशा-निर्देश दिए गए हैं. महिलाओं व बेटियों की सुरक्षा के लिए जिला में आवश्यकता के अनुसार सभी उपाय किए जाएंगे.
महिला सुरक्षा योजना को लेकर पुलिस विभाग, महिला बाल विकास विभाग व बाल संरक्षण विभाग सहित अन्य विभागों की भी जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इसके लिए सीएमजीजीए (मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी) को जिला महिला सुरक्षा योजना तैयार करवाने को कहा गया है.
यौन शोषण कमेटी है जरूरी- उपायुक्त
हिसार उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने कहा कि सभी सरकारी विभागों व संस्थानों में यौन शोषण कमेटी का गठन अनिवार्य है. महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी ये सुनिश्चित करें कि सभी विभागों में ये कमेटी सक्रिय रूप से कार्य कर रही है है नहीं. उन्होंने बताया कि अगले महीने इस कार्य की व्यापक समीक्षा की जाएगी और जिन विभागों में यौन शोषण कमेटी गठित नहीं होगी उनके कार्यालयाध्यक्षों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा. वहीं उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
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समय पर बंद हों शराब के ठेके- उपायुक्त
इसके अलावा उपायुक्त ने जिला में शराब के ठेके रात को निर्धारित समय पर बंद करवाने के संबंध में पुलिस विभाग व आबकारी विभाग को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए है. हिसार में कन्या विद्यालयों, महिला महाविद्यालयों, बस स्टैंड व शराब ठेकों के आसपास छेड़छाड़ की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए उपायुक्त ने पुलिस विभाग को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए है.
महिलाओं को बताए जाएंगे उनके अधिकार- उपायुक्त
उपायुक्त मीणा ने जिला में महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामलों में कमी लाने के संबंध में भी विशेष कार्य योजना बनाने को कहा है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी देने के लिए भी विशेष अभियान चलाया जाएगा. महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से रोजगार योग्य कौशल प्रशिक्षण देकर आजीविका कमाने लायक बनाया जाएगा.