हिसार: बिजली कर्मचारी फैडरेशन ऑफ इंडिया के आह्ववान पर 3 फरवरी को होने वाली बिजली कर्मचारियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल की तैयारी को सिविल लाइन सब यूनिट में गेट मीटिंग की गई. गेट मीटिंग का संचालन वरिष्ठ उप प्रधान रमेश बूरा ने किया.
गेट मीटिंग में सर्कल सचिव दिलबाग जांगड़ा ने बताया कि देश और प्रदेश की बीजेपी सरकार बिजली बिल 2020 के तहत बिजली क्षेत्र को नीजि हाथों में देने की योजना बना रही है. उन्होंने बताया कि बिजली कर्मचारियों एवं अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति ने बिजली संशोधन बिल 2020 को वापस लेने समेत आधा दर्जन मांगों को लेकर आंदोलन कर रही है.
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ये हैं मुख्य मांगे-
- बिजली निगमों का केरल और हिमाचल की तरह एकीकरण करने
- पुरानी पेंशन और डीए बहाल करने
- ठेका प्रथा समाप्त कर ठेका कर्मचारियों को पक्का करने
- पक्का होने तक समान काम समान वेतन देने
- खाली पदों को स्थाई भर्ती से भरने
दिलबाग जांगड़ा का कहना है कि बिजली संशोधन बिल 2020 पास हुआ तो बिजली पर कॉरपोरेट घरानों का कब्जा हो जाएगा. सब्सिडी और क्रॉस सब्सिडी समाप्त हो जाएगी और बिजली की दरों में भारी बढ़ोत्तरी होगी, जिसके चलते बिजली किसानों और गरीबों की पहुंच से बाहर हो जाएगी.
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जांगड़ा ने कहा कि वितरण में कॉरपोरेट घरानों को लाइसेंस दिए जाने के कारण बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी होगी. उन्होंने बताया कि देशभर के करीब 15 लाख बिजली कर्मचारी और इंजीनियर राष्ट्रव्यापी हड़ताल में भाग लेंगे. उन्होंने बताया कि 3 फरवरी को बिजली कर्मचारी अपने अपने कार्यालय में हड़ताल कर सुबह 11 बजे विद्युत नगर में इकट्ठे होकर शहर में प्रदर्शन करेंगे.