हिसार: लघु सचिवालय के सभागार में एनीमिया मुक्त हिसार अभियान के शुभारंभ के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस अवसर पर स्ट्रांग बॉडी-स्मार्ट माइंड, आयरन गर्ल मैसकॉट, एनीमिया के लक्षण और इससे बचाव के पंपलेट और सूचना एवं जनसंपर्क भाषा विभाग द्वारा तैयार ऑडियो जिंगल का लोकार्पण भी किया गया.
वहीं एनीमिया मुक्त भारत अभियान पर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री फिल्म का प्रदर्शन भी सभागार में किया गया. इस दौरान उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने कहा कि एनीमिया एक गंभीर बीमारी है और इसके कारण महिलाओं को अन्य बीमारियों की संभावनाएं और बढ़ जाती हैं.
इससे निपटने के लिए ज्यादा से ज्यादा महिलाओं की जांच करने के लिए ये अभियान चलाया गया है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार लगभग 80 फीसदी गर्भवती महिलाओं का एचबी (हिमोग्लोबिन) निर्धारित स्तर से कम पाया जा रहा है, जो एक चिंताजनक बात है.
ये भी पढे़ं- किसान किसी के बहकावे में ना आएं, प्रधानमंत्री मोदी का साथ दें: रतनलाल कटारिया
जिला उपायुक्त ने कहा कि एनीमिया की बीमारी केवल गरीब महिलाओं में ही नहीं बल्कि मध्यम और उच्च वर्गीय महिलाओं में भी देखने को मिलती है. इसका सबसे बड़ा कारण गलत खानपान की आदतें हैं. एनीमिया की स्थिति एवं इसकी गंभीरता के कारण थकान, कमजोरी, चक्कर आना और शारीरिक विकास में कमी और मृत्यु दर में वृद्धि के रूप में सामने आती है. एनीमिया का मुख्य कारण बच्चों एवं महिलाओं में आयरन की कमी है.
इस अभियान के तहत शहर की महिलाओं का एचबी टेस्ट करने के लिए 'know your HB' नामक वैन चलाई जाएगी. इसके माध्यम से महिलाओं का एचबी टेस्ट निशुल्क किया जाएगा और टेस्ट में जिन महिलाओं का एचबी स्तर कम पाया जाएगा उन्हें मौके पर ही आयरन और फोलिक एसिड की निशुल्क टेबलेट दी जाएंगी. जिन महिलाओं का एसडी निर्धारित स्तर से ऊपर पाया गया तो उन्हें जिला प्रशासन की ओर से प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा.