करनाल: गणतंत्र दिवस को देशभर में पूरे गौरव के साथ मनाया जा रहा है. देशभर के अलग-अलग हिस्सों में देश के सम्मान में समारोह आयोजित किए जा रहे हैं. वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर हरियाणा के सभी जिलों में किसान रोष स्वरूप ट्रैक्टर मार्च निकाल रहे हैं. यह ट्रैक्टर मार्च किसान आंदोलन के समर्थन में निकाला जा रहा है. करनाल में भी जिले के किसान रामलीला ग्राउंड में एकत्रित हुए हैं. उन्होंने लंबित चली आ रही अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की और ट्रैक्टर पर सवार होकर रामलीला ग्राउंड से शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए सेक्टर-12 स्थित जिला सचिवालय तक ट्रैक्टर मार्च निकाला.
देशभर में किसानों का ऐतिहासिक आंदोलन: संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेता सुरेंद्र सांगवान व प्रदेश प्रवक्ता बहादुर मेहला ने बातचीत में बताया कि हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर पर किसान बीते साल 13 फरवरी से बैठे हैं. ऐसे में अब एक साल का वक्त होने को आया है. किसानों की मांगों पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है. किसान नेताओं ने कहा कि 2020-21 में कृषि विरोधी काले कानून के खिलाफ पूरे देश के किसानों ने ऐतिहासिक आंदोलन चलाया.
किसानों का ट्रैक्टर मार्च: आंदोलन के दबाव में केंद्र सरकार ने कृषि विरोधी कानून वापस लिए, लेकिन केंद्र सरकार दोबारा उन्हीं कानूनों को नई कृषि विपणन बाजार नीति के रूप में ला रही है. केंद्र सरकार ने अपने आश्वासन के अनुरूप आज तक किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का कानून नहीं बनाया और न ही किसान मजदूर की कर्ज मुक्ति, ओलावृष्टि, सूखा व अन्य कारणों से बर्बाद हुई फसल का मुआवजा देने पर सरकार कोई सुनवाई नहीं कर रही है. इसलिए आज 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर हरियाणा के सभी जिलों में किसान अपनी मांगों को लेकर रोष स्वरूप 2 घंटे का शांतिपूर्ण तरीके से ट्रैक्टर मार्च निकाल रहे हैं.
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