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सड़क हादसों को रोकने के लिए हरियाणा के छात्र ने बनाया सॉफ्टवेयर, जानें क्या है खासियत

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Published : Feb 28, 2021, 12:41 PM IST

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले एक छात्र ने सड़क दुर्घटनाओं पर काबू पाने के लिए एक सॉफ्टवेयर बनाया है. इस सॉफ्टवेयर को बनाने में छात्र ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग किया है.

road accidents prevent software
सड़क हादसों को रोकने के लिए हरियाणा के छात्र ने बनाया सॉफ्टवेयर

हिसार: हर साल देश में लाखों लोग सिर्फ सड़क दुर्घटना में अपनी जान गंवा देते हैं. सड़क दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा संख्या उन लोगों की होती है जो नशा करके गाड़ी चलाते हैं, लेकिन नशा करके वाहन चलाने वालों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है. चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले एक छात्र ने ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया है. जिससे सड़क हादशों पर काफी लगाम लगेगा. हम ऐसे युवा के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसने कम उम्र में ही अपने दिल की सुनी और आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक जाना पहचाना नाम है.

इनकी कहानी भारत के एजुकेशन सिस्टम पर सवाल खड़ा करती है कि, क्या बस्ते के बढ़ते बोझ और क्लास में फर्स्ट आने की गला काट प्रतियोगिता से ही शोहरत और ज्ञान हासिल किया जा सकता है. ये कहानी है चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से बीटेक कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे मोहित कुमार का. इनकी उम्र 20 साल है और ये भिवानी के रहने वाले हैं.

सड़क हादसों को रोकने के लिए हरियाणा के छात्र ने बनाया सॉफ्टवेयर

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की मदद से तैयार है सॉफटवेयर

मोहित ने बताया कि उन्होंने सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए लेटेस्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल किया है. इस सॉफ्टवेयर की खासियत ये है कि अगर आप सीट बेल्ट नहीं लगाते हो. तो आपकी कार स्टार्ट नहीं होगी. मोहित ने बताया कि देश में सड़क हादसों की वजह से हर साल लाखों मौतें होती हैं. इसको रोकने के लिए उन्होंने ऐसी टेक्नोलॉजी बनाई है. जो आपके कार में बैठते ही बता देगी कि आपने शराब पी है कि नहीं. इस सॉफ्टवेयर का नाम है पल्स सॉफ्टवेयर. मोहित ने बताया कि अगर आपने 0.08 फीसदी से ज्यादा एल्कोहल पीए रहेंगे. तो गाड़ी नहीं स्टॉर्ट होगी.

ये भी पढ़ें:एरोपोनिक तकनीक से अब हवा में होगी आलू की खेती, 12 गुना ज्यादा कर सकेंगे पैदावार

मुड़ने से 50 मीटर पहले ही जलने लगेगा इंडिकेटर

उन्होंने बताया कि लोग यू-टर्न और दाएं-बाएं लेने के लिए इंडिकेटर का उपयोग नहीं करते. जिससे गाड़ियां आपस में टकरा जाती हैं. जिससे कई लोगों की जानें भी चली जाती है. इसके रोकने के लिए मोहित ने अपने सॉफ्टवेयर में एक ऐसा फीचर लगाया है. जिससे गाड़ी खुद ब खुद 50 मीटर डिस्टेंस से पहले इंडिकेटर देना स्टार्ट कर देगी. इसमें गूगल मैप को मशीन लर्निंग के साथ जोड़ा गया है.

धूंध और कोहरे में काफी फायदेमंद है 'पल्स सॉफ्टवेयर'

मोहित ने बताया कि कोहरा दृश्यता कम कर देता है. इसके चलते हर साल कई कार दुर्घटनाओं का कारण बनता है. इसके लिए मोहित ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का यूज करके ऐसी टेक्नोलॉजी का निर्माण किया है. जिससे कोहरे/धुंध में उन वस्तुओं का पता लगाएगा. जो कार के आगे और पीछे होंगी. ये टेक्नोलॉजी सॉफ्टवेयर कार के सामने के हिस्से में स्थित होगा. जो आपकी कार के आगे 50 मीटर डिस्टेंस तक बताएगा की आगे क्या है (जैसे कार, इंसान) का पता लगाएगा. जिससे कार चालक कार को कंट्रोल कर पायेगा.

बहरहाल कैशलेस इकोनॉमी की तरफ बढ़ते भारत में मोहित जैसे युवाओं की बहुत जरुरत है. उम्मीद है मोहित की समझ भारत को तकनीकी के मामले में काफी मदद करेगा. साथ ही दुसरे विकसित देशों की तरह भारत भी मोटर वाहन उद्योग में विश्व स्तर पर आगे बढ़ सकेगा.

ये भी पढ़ें:दिल के मरीजों के लिए वरदान बनी नई 'ओसीटी' तकनीक, डॉक्टर्स के लिए जान बचाना हुआ आसान

हिसार: हर साल देश में लाखों लोग सिर्फ सड़क दुर्घटना में अपनी जान गंवा देते हैं. सड़क दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा संख्या उन लोगों की होती है जो नशा करके गाड़ी चलाते हैं, लेकिन नशा करके वाहन चलाने वालों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है. चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले एक छात्र ने ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया है. जिससे सड़क हादशों पर काफी लगाम लगेगा. हम ऐसे युवा के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसने कम उम्र में ही अपने दिल की सुनी और आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक जाना पहचाना नाम है.

इनकी कहानी भारत के एजुकेशन सिस्टम पर सवाल खड़ा करती है कि, क्या बस्ते के बढ़ते बोझ और क्लास में फर्स्ट आने की गला काट प्रतियोगिता से ही शोहरत और ज्ञान हासिल किया जा सकता है. ये कहानी है चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से बीटेक कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे मोहित कुमार का. इनकी उम्र 20 साल है और ये भिवानी के रहने वाले हैं.

सड़क हादसों को रोकने के लिए हरियाणा के छात्र ने बनाया सॉफ्टवेयर

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की मदद से तैयार है सॉफटवेयर

मोहित ने बताया कि उन्होंने सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए लेटेस्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल किया है. इस सॉफ्टवेयर की खासियत ये है कि अगर आप सीट बेल्ट नहीं लगाते हो. तो आपकी कार स्टार्ट नहीं होगी. मोहित ने बताया कि देश में सड़क हादसों की वजह से हर साल लाखों मौतें होती हैं. इसको रोकने के लिए उन्होंने ऐसी टेक्नोलॉजी बनाई है. जो आपके कार में बैठते ही बता देगी कि आपने शराब पी है कि नहीं. इस सॉफ्टवेयर का नाम है पल्स सॉफ्टवेयर. मोहित ने बताया कि अगर आपने 0.08 फीसदी से ज्यादा एल्कोहल पीए रहेंगे. तो गाड़ी नहीं स्टॉर्ट होगी.

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मुड़ने से 50 मीटर पहले ही जलने लगेगा इंडिकेटर

उन्होंने बताया कि लोग यू-टर्न और दाएं-बाएं लेने के लिए इंडिकेटर का उपयोग नहीं करते. जिससे गाड़ियां आपस में टकरा जाती हैं. जिससे कई लोगों की जानें भी चली जाती है. इसके रोकने के लिए मोहित ने अपने सॉफ्टवेयर में एक ऐसा फीचर लगाया है. जिससे गाड़ी खुद ब खुद 50 मीटर डिस्टेंस से पहले इंडिकेटर देना स्टार्ट कर देगी. इसमें गूगल मैप को मशीन लर्निंग के साथ जोड़ा गया है.

धूंध और कोहरे में काफी फायदेमंद है 'पल्स सॉफ्टवेयर'

मोहित ने बताया कि कोहरा दृश्यता कम कर देता है. इसके चलते हर साल कई कार दुर्घटनाओं का कारण बनता है. इसके लिए मोहित ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का यूज करके ऐसी टेक्नोलॉजी का निर्माण किया है. जिससे कोहरे/धुंध में उन वस्तुओं का पता लगाएगा. जो कार के आगे और पीछे होंगी. ये टेक्नोलॉजी सॉफ्टवेयर कार के सामने के हिस्से में स्थित होगा. जो आपकी कार के आगे 50 मीटर डिस्टेंस तक बताएगा की आगे क्या है (जैसे कार, इंसान) का पता लगाएगा. जिससे कार चालक कार को कंट्रोल कर पायेगा.

बहरहाल कैशलेस इकोनॉमी की तरफ बढ़ते भारत में मोहित जैसे युवाओं की बहुत जरुरत है. उम्मीद है मोहित की समझ भारत को तकनीकी के मामले में काफी मदद करेगा. साथ ही दुसरे विकसित देशों की तरह भारत भी मोटर वाहन उद्योग में विश्व स्तर पर आगे बढ़ सकेगा.

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