हिसारः अपनी मांगों को लेकर नाराज चल रहे हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ आज से मोर्चा खोल दिया है. रोडवेज के साथ सर्व संघ कर्मचारियों ने भी इस हड़ताल में शामिल होने का निर्णय लिया है. इसके अलावा हरियाणा प्रदेश के सभी विभाग के 1.50 लाख कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे. वहीं रोडवेज की 3,400 बसों के पहिए भी प्रदेश में थमे रहेंगे.
सर्व कर्मचारी संघ के 108 संगठन समेत कई विभाग शामिल
बसों के चक्का जाम से प्रदेश में यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. हरियाणा रोडवेज के साथ सर्व कर्मचारी संघ की इस ड़ताल से आम जन तो प्रभावित होगा ही इसके साथ ही रेवेन्यू डिपार्टमेंट को भी काफी नुकसान होगा. जाहिर है कि रोडवेज कर्मचारियों ने किलोमीटर स्कीम के खिलाफ ये मोर्चा खोला है. इसी के साथ अपनी अन्य मांगों को लेकर भी हरियाणा रोडवेज के कर्मचारी आज से सड़कों पर उतरेंगे और प्रदर्शन करेंगे. इस हड़ताल में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के 108 संगठन और बोर्ड व निगमों के सभी विभाग हिस्सा लेंगे.
जनता से समर्थन की अपील
रोडवेज कर्मचारियों का कहना है कि हड़ताल के दौरान सरकारी संपत्ति को किसी तरह कोई नुक्सान नहीं पहुंचाया जाएगा. इसके लिए कर्मचारी संगठनों ने सभी तैयारिया पूरी कर ली है और सभी विभागो में हड़ताल शांति पूर्ण तरीके से करने के दिशा निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं. रोडवेज कर्मचारियों ने बताया कि हड़ताल के दौरान किसी तरह का कोई गलत काम नहीं किया जाएगा जिससे की आमजन परेशान हो. कर्मचारियों ने जनता से अपील की है कि जनता भी हड़ताल का समर्थन कर कर्मचारियों के साथ आगे आए.
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यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी
पीडब्लूडी मेकेनिकल यूनियन के चीफ आर्गोनेशन व सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान सुरेंद्र मान ने बताया कि सर्व हरियाणा के कर्मचारियों ने 8 जनवरी को प्रदेश में हल्ला बोल करके हड़ताल का निर्णय ले लिया है. हरियाणा प्रदेश के सभी विभागों के 1.50 लाख से अधिक कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे. उन्होंने बताया कि रोडवेज की 3,400 बसें प्रदेश में नहीं चलेगी. जिससे प्रदेश में बसों में चलने वाली यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
क्या हैं रोडवेज कर्मचारियों की मांग?
- सार्वजनिक क्षेत्र का विस्तार किया जाए
- श्रम कानूनों में किए जा रहे बदलाव बंद किए जाएं
- श्रम कानूनों को सख्ती से लागू किया जाए
- ठेका प्रथा, आउटसोर्स, निजी करण बंद किया जाए
- सभी कच्चे व ठेका मजदूरों को पक्का किया जाए
- परियोजना वर्करों आशा, मिड डे मील, आंगनवाड़ी वर्कर हेल्पर, क्रैच वर्कर्स को पक्का किया जाए
- न्यूनतम वेतन 21000 रुपये घोषित किया जाए
- खाली पड़े पदों पर पक्की भर्ती की जाए
- न्यू पेंशन स्कीम बंद की जाए
- पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए
- एक्सग्रेशिया पॉलिसी बहाल की जाए
- खाली पड़े पदों पर पक्की भर्ती की जाए
- सभी उद्योगों एवं कार्य स्थलों पर श्रम कानूनों की पालना करवाई जाए
- हर माह की 7 तारीख से पहले वेतन का भुगतान किया जाए
- सामाजिक सुरक्षा की गारंटी दी जाए
सरकार की अनदेखी से नाराज होकर उतरे सड़कों पर- कर्मचारी नेता
उन्होंने कहा है कि सरकार को एक दिन में 3,400 बसें न चलने से करोड़ों का घाटा होगा. कर्मचारी नेताओं ने बताया कि हमने पहले ही सरकार को चेताया था लेकिन उसके बावजूद किसी ने कोई सुध नहीं ली. उन्होंने कहा है कि इस हड़ताल से पहले भी हमने सरकार से कहा था कि वक्त रहते हमारी मांगें पूरी की जाए और किलोमीटर स्कीम पर रोक लगाई जाए. ऐसे में जब किसी ने हमारी नहीं सुनी तो मजबूरन हमें सड़कों पर उतरना पड़ रहा है. उन्होंने कहा है कि ये हड़ताल शांतिपूर्व तरीके से की जाएगी.