हिसार: कोविड अस्पताल के बाहर आंदोलनरत किसानों और पुलिसकर्मियों में टकराव होने के बाद पुलिस ने करीब 350 किसानों पर हत्या के प्रयास सहित कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया है. पुलिस के इस स्टैंड को लेकर किसान नेताओं में बड़ा रोष है. पुलिस और सरकार के विरोध में 24 मई को 5 जिलों के किसान फिर से सचिवालय का घेराव कर मुकदमा रद्द करने की मांग करेंगे.
बता दें कि मुकदमा दर्ज करने की भनक लगते ही गुरनाम चढूनी समेत कई स्थानीय किसान नेता आईजी राकेश आर्य से मिले तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. जिसके बाद मय्यड़ टोल प्लाजा पर पूरे प्रदेश के बड़े किसान नेताओं की बैठक बुलाई गई और फैसला लिया गया कि 24 तारीख को फिर से जिला सचिवालय हिसार का घेराव किया जाएगा.
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इस घेराव में आसपास के जिलों से हजारों किसान शामिल होंगे और फिर से तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है. क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र के किसान पुलिस से बेहद खफा हैं और इसी का परिणाम है कि जिले के बहुत से गांव में लॉकडाउन और प्रशासन का बहिष्कार किया गया है. इतनी बड़ी संख्या में किसानों का फिर से इकट्ठा होना प्रशासन और पुलिस के लिए गले की फांस बन गया है.
'किसानों के साथ धोखा किया गया'
किसान नेता शमशेर नंबरदार ने बताया कि प्रशासन सरकार के साथ मिला हुआ है और प्रशासन ने किसानों के साथ धोखा किया है. उस दिन किसान किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रशासन की जो बैठक हुई थी उसमें समझौता किया गया था कि किसानों पर कोई मुकदमा नहीं किया जाएगा और ना ही किसानों की तरफ से कोई मुकदमा पुलिस पर किया जाएगा, लेकिन प्रशासन ने हमें बरगला कर धोखा किया है.
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किसान नेता ने कहा कि पुलिस के इस रवैये को लेकर किसानों में बड़ा रोष है. इसी के विरोध में 24 मई को जिला सचिवालय का घेराव किया जाएगा. जिसमें प्रदेश के बड़े किसान नेता शामिल होंगे और साथ ही हिसार रेंज के 5 जिले सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी, हिसार और जींद से किसान भी पहुंचेंगे. सचिवालय के बाहर किसानों द्वारा प्रशासन से मुकदमा रद्द करने की मांग की जाएगी.
'किसानों से एफआईआर को लेकर बैठक में कोई बात नहीं हुई'
हिसार एएसपी उपासना ने बताया कि आंदोलनरत किसान नेताओं द्वारा अधिकारियों से शाम को 7 बजे के बाद बात हुई. जबकि घटना दोपहर 12:30 बजे की है. इस घटना से संबंधित सभी बातें ऑनलाइल कंप्यूटर में दर्ज की गई हैं. किसान नेताओं के साथ बैठक जरूर हुई थी पर बैठक में आईजी ने एफआईआर नहीं होगी इस तरह का कोई आश्वासन नहीं दिया था, इसलिए कानून के तहत अब 350 के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. साथ ही अभी इस एफआईआर को फ्रीज किया गया है तो नामजद लोगों के बारे में अभी जानकारी नहीं दी जा सकती.
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