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हिसार बवाल: 350 किसानों पर एफआईआर के बाद भड़के किसान नेता, बोले- फिर करेंगे सचिवालय घेराव

16 मई को हिसार में किसानों और पुलिस के बीच टकराव हुआ. कई किसान और पुलिसकर्मी घायल भी हुए. इसके बाद किसानों और पुलिस के बीच बैठक हुई और गिरफ्तार किसानों को रिहा किया गया. लेकिन उसी के बाद ये सामने आया कि हिसार पुलिस ने 350 किसानों पर केस दर्ज कर लिया है. जिसके बाद किसानों ने 24 मई को फिर से इकट्ठा होने की अपील की है.

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Published : May 22, 2021, 12:33 PM IST

Updated : May 22, 2021, 12:40 PM IST

haryana farmers will protest against police and government
haryana farmers will protest against police and government

हिसार: कोविड अस्पताल के बाहर आंदोलनरत किसानों और पुलिसकर्मियों में टकराव होने के बाद पुलिस ने करीब 350 किसानों पर हत्या के प्रयास सहित कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया है. पुलिस के इस स्टैंड को लेकर किसान नेताओं में बड़ा रोष है. पुलिस और सरकार के विरोध में 24 मई को 5 जिलों के किसान फिर से सचिवालय का घेराव कर मुकदमा रद्द करने की मांग करेंगे.

बता दें कि मुकदमा दर्ज करने की भनक लगते ही गुरनाम चढूनी समेत कई स्थानीय किसान नेता आईजी राकेश आर्य से मिले तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. जिसके बाद मय्यड़ टोल प्लाजा पर पूरे प्रदेश के बड़े किसान नेताओं की बैठक बुलाई गई और फैसला लिया गया कि 24 तारीख को फिर से जिला सचिवालय हिसार का घेराव किया जाएगा.

एफआईआर पर भड़के किसान, 24 मई को फिर हो सकता है पुलिस से टकराव

ये भी पढ़ें- हिसार बवाल: किसानों के 'शक्ति प्रदर्शन' के आगे झुका प्रशासन, हिरासत में लिए गए सभी किसान रिहा

इस घेराव में आसपास के जिलों से हजारों किसान शामिल होंगे और फिर से तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है. क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र के किसान पुलिस से बेहद खफा हैं और इसी का परिणाम है कि जिले के बहुत से गांव में लॉकडाउन और प्रशासन का बहिष्कार किया गया है. इतनी बड़ी संख्या में किसानों का फिर से इकट्ठा होना प्रशासन और पुलिस के लिए गले की फांस बन गया है.

'किसानों के साथ धोखा किया गया'

किसान नेता शमशेर नंबरदार ने बताया कि प्रशासन सरकार के साथ मिला हुआ है और प्रशासन ने किसानों के साथ धोखा किया है. उस दिन किसान किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रशासन की जो बैठक हुई थी उसमें समझौता किया गया था कि किसानों पर कोई मुकदमा नहीं किया जाएगा और ना ही किसानों की तरफ से कोई मुकदमा पुलिस पर किया जाएगा, लेकिन प्रशासन ने हमें बरगला कर धोखा किया है.

ये भी पढ़ें- हिसार: किसानों के साथ झड़प में 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी जख्मी, डीएसपी स्तर के अधिकारियों के साथ हाथापाई

किसान नेता ने कहा कि पुलिस के इस रवैये को लेकर किसानों में बड़ा रोष है. इसी के विरोध में 24 मई को जिला सचिवालय का घेराव किया जाएगा. जिसमें प्रदेश के बड़े किसान नेता शामिल होंगे और साथ ही हिसार रेंज के 5 जिले सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी, हिसार और जींद से किसान भी पहुंचेंगे. सचिवालय के बाहर किसानों द्वारा प्रशासन से मुकदमा रद्द करने की मांग की जाएगी.

'किसानों से एफआईआर को लेकर बैठक में कोई बात नहीं हुई'

हिसार एएसपी उपासना ने बताया कि आंदोलनरत किसान नेताओं द्वारा अधिकारियों से शाम को 7 बजे के बाद बात हुई. जबकि घटना दोपहर 12:30 बजे की है. इस घटना से संबंधित सभी बातें ऑनलाइल कंप्यूटर में दर्ज की गई हैं. किसान नेताओं के साथ बैठक जरूर हुई थी पर बैठक में आईजी ने एफआईआर नहीं होगी इस तरह का कोई आश्वासन नहीं दिया था, इसलिए कानून के तहत अब 350 के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. साथ ही अभी इस एफआईआर को फ्रीज किया गया है तो नामजद लोगों के बारे में अभी जानकारी नहीं दी जा सकती.

ये भी पढ़ें- हरियाणा: CM मनोहर लाल के कार्यक्रम के बाद किसानों का हंगामा, पुलिस ने किया लाठीचार्ज, दागे आंसू गैस के गोले

हिसार: कोविड अस्पताल के बाहर आंदोलनरत किसानों और पुलिसकर्मियों में टकराव होने के बाद पुलिस ने करीब 350 किसानों पर हत्या के प्रयास सहित कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया है. पुलिस के इस स्टैंड को लेकर किसान नेताओं में बड़ा रोष है. पुलिस और सरकार के विरोध में 24 मई को 5 जिलों के किसान फिर से सचिवालय का घेराव कर मुकदमा रद्द करने की मांग करेंगे.

बता दें कि मुकदमा दर्ज करने की भनक लगते ही गुरनाम चढूनी समेत कई स्थानीय किसान नेता आईजी राकेश आर्य से मिले तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. जिसके बाद मय्यड़ टोल प्लाजा पर पूरे प्रदेश के बड़े किसान नेताओं की बैठक बुलाई गई और फैसला लिया गया कि 24 तारीख को फिर से जिला सचिवालय हिसार का घेराव किया जाएगा.

एफआईआर पर भड़के किसान, 24 मई को फिर हो सकता है पुलिस से टकराव

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इस घेराव में आसपास के जिलों से हजारों किसान शामिल होंगे और फिर से तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है. क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र के किसान पुलिस से बेहद खफा हैं और इसी का परिणाम है कि जिले के बहुत से गांव में लॉकडाउन और प्रशासन का बहिष्कार किया गया है. इतनी बड़ी संख्या में किसानों का फिर से इकट्ठा होना प्रशासन और पुलिस के लिए गले की फांस बन गया है.

'किसानों के साथ धोखा किया गया'

किसान नेता शमशेर नंबरदार ने बताया कि प्रशासन सरकार के साथ मिला हुआ है और प्रशासन ने किसानों के साथ धोखा किया है. उस दिन किसान किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रशासन की जो बैठक हुई थी उसमें समझौता किया गया था कि किसानों पर कोई मुकदमा नहीं किया जाएगा और ना ही किसानों की तरफ से कोई मुकदमा पुलिस पर किया जाएगा, लेकिन प्रशासन ने हमें बरगला कर धोखा किया है.

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किसान नेता ने कहा कि पुलिस के इस रवैये को लेकर किसानों में बड़ा रोष है. इसी के विरोध में 24 मई को जिला सचिवालय का घेराव किया जाएगा. जिसमें प्रदेश के बड़े किसान नेता शामिल होंगे और साथ ही हिसार रेंज के 5 जिले सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी, हिसार और जींद से किसान भी पहुंचेंगे. सचिवालय के बाहर किसानों द्वारा प्रशासन से मुकदमा रद्द करने की मांग की जाएगी.

'किसानों से एफआईआर को लेकर बैठक में कोई बात नहीं हुई'

हिसार एएसपी उपासना ने बताया कि आंदोलनरत किसान नेताओं द्वारा अधिकारियों से शाम को 7 बजे के बाद बात हुई. जबकि घटना दोपहर 12:30 बजे की है. इस घटना से संबंधित सभी बातें ऑनलाइल कंप्यूटर में दर्ज की गई हैं. किसान नेताओं के साथ बैठक जरूर हुई थी पर बैठक में आईजी ने एफआईआर नहीं होगी इस तरह का कोई आश्वासन नहीं दिया था, इसलिए कानून के तहत अब 350 के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. साथ ही अभी इस एफआईआर को फ्रीज किया गया है तो नामजद लोगों के बारे में अभी जानकारी नहीं दी जा सकती.

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Last Updated : May 22, 2021, 12:40 PM IST
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